Sunday, December 22, 2024
Homeदेश-समाज'मैं भी जींस-टीशर्ट पहन लूँ तो तुम्हारे जैसी बाजारू लड़की मेरे साथ घुमने निकल...

‘मैं भी जींस-टीशर्ट पहन लूँ तो तुम्हारे जैसी बाजारू लड़की मेरे साथ घुमने निकल जाएगी’: लव जिहाद पीड़िता से जज ने पूछे अश्लील सवाल, हो रही निलंबन की माँग

पीड़िता का कहना है कि जज के सवाल पर उसने अपने वकील के माध्यम से आपत्ति जताई तो जज ने वकील को डाँटकर चुप करा दिया। पीड़िता ने शिकायत में कहा “जज ने कोर्ट रूम का दरवाजा खुलवाकर मेरे बयान लिए। मुझसे ऐसे सवाल पूछे कि सिर शर्म से झुक गया। कोर्ट रूम में मौजूद सभी लोग हँस रहे थे। जज ने मुझे बाजारू लड़की कहा। पूछा कि तुम्हें रेप के बाद पैसे मिल गए कि नहीं‌?"

लव जिहाद की शिकार एक हिंदू महिला ने सुनवाई के दौरान अश्लील सवाल पूछने और उसका चरित्र हनन करने का आरोप लगाया था। इसको लेकर महिला संगठनों ने प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रपति ज्ञापन सौंपकर जज के निलंबन की माँग की है। इसके साथ ही रेप की शिकार लव जिहाद पीड़िता ने अपना केस किसी और कोर्ट में ट्रांसफर कराने के लिए इंदौर के सीजेएम (प्रधान न्यायधीश) के यहाँ आवेदन दिया है।

पीड़िता ने आरोप लगाया था कि उसके मामले की सुनवाई के दौरान क्रॉस क्वेशचन करते हुए जज ने उससे अश्लील व्यवहार किया था और उसकी मर्यादा को ठेस पहुँचाई थी। इसको लेकर लड़की ने राष्ट्रपति, सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई), राष्ट्रीय महिला आयोग और मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के प्रशासनिक जज को पत्र लिखा था। इसमें महिला ने जज का नाम भी लिखा है।

पीड़िता ने कहा कि उससे सवाल करते समय स्त्री लज्जा का भी ध्यान नहीं रखा गया और उसे बाजारू औरत बता दिया गया। इस दौरान कोर्ट रूम में बैठे हुए लोग ठहाके लगाते रहे और वह शर्म से पानी-पानी होती रही। अपनी शिकायत में पीड़िता ने कोर्ट में पूछे गए सवालों के बारे में बताया है और लिखा कि अगर उसे न्याय नहीं दिया जा सकता है तो उसे इच्छामृत्यु की अनुमति दे दी जाए।

पीड़िता ने बताया कि सुनवाई के दौरान उसके साथ धोखा देकर रेप करने वाले अशरफ मंसूरी के वकील को सवाल करने थे। इस दौरान जज ने वकील को रोक दिया और कहा, “इस तरह की लड़कियों से क्रॉस क्वेश्चन तो मैं स्वयं करता हूँ।’ उन्होंने सवाल करने से पहले कोर्ट रूम के बंद दरवाजे खुलवा दिए। इसके बाद जज ने पूछा, “एक गाड़ी में कैसे रेप हो सकता है? रेप के बाद तुम्हें रुपए मिल गए थे?”

पीड़िता का कहना है कि जज के सवाल पर उसने अपने वकील के माध्यम से आपत्ति जताई तो जज ने वकील को डाँटकर चुप करा दिया। पीड़िता ने शिकायत में कहा “जज ने कोर्ट रूम का दरवाजा खुलवाकर मेरे बयान लिए। मुझसे ऐसे सवाल पूछे कि सिर शर्म से झुक गया। कोर्ट रूम में मौजूद सभी लोग हँस रहे थे। जज ने मुझे बाजारू लड़की कहा। पूछा कि तुम्हें रेप के बाद पैसे मिल गए कि नहीं‌?”

जज पर सवाल उठाते हुए पीड़िता ने आगे कहा,“उन्होंने खुद के लिए कहा कि मैं भी जींस-टी शर्ट पहनकर निकलूँगा तो तुम्हारे जैसी लड़कियाँ मेरे साथ घूमने निकल जाएँगी। आजकल इस तरह की बाजारू लड़कियों का कोई चरित्र नहीं बचा है और ये रुपए लेने की नीयत से झूठे केस दर्ज कराती हैं। इस तरह के शब्द सुनकर कोर्ट में मौजूद आरोपित के वकील सहित सभी लोग ठहाके मारकर हँस रहे थे।

पीड़िता बोली, “जिन शब्दों के साथ न्यायाधीश महोदय ने मेरे चरित्र और गरिमा का हनन किया है, वह वापस लौटना संभव नहीं है। जिस प्रकार से न्यायाधीश महोदय के द्वारा मेरे साथ अश्लील तरीके से चर्चा की गई है… आरोपित के वकील को जैसा विश्वास दिलाया गया… उससे ऐसा लग रहा है कि मुझे उनके न्यायालय में न्याय नहीं मिलेगा। मुझे न्याय नहीं दिलवा सकते तो इच्छा मृत्यु की अनुमति प्रदान करें।”

क्या था मामला?

पीड़िता ने बताया था कि साल 2015 में उसकी शादी हुई थी, लेकिन उसके पति किसी और को प्यार करते थे। इसके कारण दोनों साल 2017 में अलग हो गए। 2019 में ‘हेलो’ ऐप के माध्यम से आरोपित अशरफ मंसूरी उसके संपर्क में आया। अशरफ लगातार युवती को मैसेज भेजता था। के बाद एक दिन युवती ने कहा कि वो उससे दोस्ती नहीं कर सकती क्योंकि वो मुस्लिम है। घरवाले रिश्ते के लिए नहीं मानेंगे।

उस दौरान अशरफ ने उसे बहुत मनाने की कोशिश की, लेेकिन युवती ने साफ मना कर दिया था। कुछ दिन के बाद अशरफ ने आशु नाम से आईडी बनाकर युवती से संपर्क किया। उसने खुद को हिंदू बताकर युवती से दोस्ती कर ली। धीरे-धीरे दोनों के बीच मुलाकात हुई और रिश्ता आगे बढ़ा। युवती ने कहा कि उसे शादी करनी है टाइम पास नहीं। तब अशरफ ने कहा कि भाई-बहन की शादी के बाद वह शादी करेगा।

अशरफ की सुनकर युवती मान गई। आशु बनकर अशरफ बड़ी-बड़ी गाड़ियाँ लाकर युवती को घुमाने लगा, दोस्तों के फ्लैट पर ले जाने लगा, संबंध बनाने लगा, मगर एक दिन अचानक उसका फोन बंद हो गया। युवती ने परेशान होकर उसके दोस्त को फोन किया और तब उसे पता चला कि वो आशु नहीं अशरफ मंसूरी है। पीड़िता यह सुन सदमे में आ गई।

कुछ दिन के बार अशरफ का फोन आया तो उसने विरोध किया और अशरफ से बातचीत बंद कर दी। तब अशरफ उसके घर और दफ्तर के बाहर आकर तंग करने लगा। फोटो लीक करने की धमकी देकर उसे ब्लैकमेल करने लगा। अंत में पीड़िता ने थाने में शिकायत दी। अशरफ के खिलाफ धारा 376, 354, एससी-एसटी एक्ट और मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

किसी का पूरा शरीर खाक, किसी की हड्डियों से हुई पहचान: जयपुर LPG टैंकर ब्लास्ट देख चश्मदीदों की रूह काँपी, जली चमड़ी के साथ...

संजेश यादव के अंतिम संस्कार के लिए उनके भाई को पोटली में बँधी कुछ हड्डियाँ मिल पाईं। उनके शरीर की चमड़ी पूरी तरह जलकर खाक हो गई थी।

PM मोदी को मिला कुवैत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर’ : जानें अब तक और कितने देश प्रधानमंत्री को...

'ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' कुवैत का प्रतिष्ठित नाइटहुड पुरस्कार है, जो राष्ट्राध्यक्षों और विदेशी शाही परिवारों के सदस्यों को दिया जाता है।
- विज्ञापन -