मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर से चोरी का मामला सामने आया है। जहाँ रात में एक चोर मंदिर परिसर से दान पेटी चुराकर भाग निकला। चोरी की यह घटना मंदिर में लगे सीसीटीवी में कैद हो गई। जिसका एक वीडियो भी सामने आया है। चोर जिस दानपेटी को चुराकर भागा था, वह दानपेटी कोटीतीर्थ घाट के पुल पर पड़ी मिली। उसमें से पैसे गायब थे।
इस वारदात ने मंदिर की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए है। क्योंकि मंदिर परिसर में दिन और रात सुरक्षाकर्मी तैनात हैं। साथ ही सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। बावजूद इसके बदमाश दान पेटी लेकर भागने में सफल हो गए।
रात 2 से 3 बजे के आस-पास की घटना
सीसीटीवी के अनुसार घटना रात 2 से 3 बजे की बताई जा रही है। रात लगभग 2 बजे के आस-पास चोर मंदिर के मुख्य द्वार के सामने लोहे की चेन से बँधी दान पेटी को तोड़ने की कोशिश करता दिखाई दे रहा है। जब दान पेटी नहीं टूटी तो चोर उसे उठा कर भाग निकला।
पुल पर मिली दान पेटी
सुबह यह दान पेटी कोटीतीर्थ घाट के पुल पर टूटी हुई मिली। जिसकी सूचना स्थानीय लोगों ने मंदिर प्रशासन को दी। घटना की जानकारी मिलते ही खंडवा कलेक्टर अनय द्विवेदी तुरंत मौके पर पहुँचे और उन्होंने मंदिर ट्रस्ट को दान पेटी की चोरी की जाँच के आदेश दिए।
दान पेटी पुल पर पड़ी होने पर पुलिस पहुँची और पड़ताल की। पेटी का ताला टूटा था और चिल्लर पड़ी थी। फिलहाल इस बात की जानकारी नहीं मिली है कि दान पेटी में कितने रुपए थे। हालाँकि बताया जा रहा है कि दान पेटी में कम ही राशि होगी, क्योंकि कोरोना काल में मंदिर बंद रहने और श्रद्धालुओं को मंदिर में दर्शन के लिए प्रवेश के लिए कतार में भेजे जाने की व्यवस्था के कारण कम ही श्रद्धालु इस दानपेटी तक पहुँच पाते हैं।
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में चोरी की घटना की जानकारी जैसे ही पुलिस को लगी तो मांधाता पुलिस मौके पर पहुँची। पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी ओंकारेश्वर से बाहर का लग रहा है। क्योंकि स्थानीय लोगों से इसकी पहचान नहीं हो पाई है। मंदिर इस समय जिला प्रशासन के नियंत्रण में है और पुनासा अनुविभागीय अधिकारी इसके प्रशासक हैं। जिन्होंने पुलिस में चोरी की रिपोर्ट दर्ज करा दी है।
खास बात यह है कि ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर मांधाता तहसील के तहत आता है, जबकि पिछले कुछ दिनों में मांधाता क्षेत्र में चोरी की घटनाएँ लगातार बढ़ रही है। फिलहाल पुलिस ने चोर की तलाश शुरू कर दी है। पिछले दिनों महानिर्वाणी अखाड़े की दानपेटी भी चोरी हो गई थी, जो नए पुल पर टूटी हुई मिली थी।
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग परिसर
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग परिसर एक पाँच मंजिला इमारत है। जिसकी प्रथम मंजिल पर ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग है। दूसरी मंजिल पर भगवान महाकालेश्वर का मंदिर है, तीसरी मंजिल पर सिद्धनाथ महादेव, चौथी मंजिल पर गुप्तेश्वर महादेव और पांचवी मंजिल पर राजेश्वर महादेव का मंदिर है।
ओंकारेश्वर में अनेक मंदिर हैं नर्मदा के दोनों दक्षिणी व उत्तरी तटों पर मंदिर हैं। पूरा परिक्रमा मार्ग मंदिरों और आश्रमों से भरा हुआ है। कई मंदिरों के साथ यहाँ अमलेश्वर ज्योतिर्लिंग नर्मदा जी के दक्षिणी तट पर विराजमान हैं।
ओंकारेश्वर और अमलेश्वर दोनों शिवलिंगों को ज्योतिर्लिंग माना जाता है। यहाँ पर्वतराज विंध्य ने घार तपस्या की थी और उनकी तपस्या के बाद उन्होंने भगवान शिव से प्रार्थना कर कहा के वे विंध्य क्षेत्र में स्थिर निवास करें उसके बाद भगवान शिव ने उनकी यह बात स्वीकार कर ली। वहाँ एक ही ओंकारलिंग दो स्वरूपों में बँटी है। इसी प्रकार से पार्थिवमूर्ति में जो ज्योति प्रतिष्ठित हुई थी, उसे ही परमेश्वर अथवा अमलेश्वर ज्योतिर्लिंग कहते हैं।