हाल के समय में मध्य प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों में मजहबी घुसपैठ के कई मामले सामने आए हैं। ताजा मामला नर्मदापुरम जिले के सेमरी हरचंद स्थित कस्तूरबा गाँधी छात्रावास का है। हॉस्टल की वार्डन शमीम बानो पर छात्राओं पर मजहबी बातें थोपने, अपने बेटे को नियम के विरुद्ध नौकरी पर रखने जैसे आरोप लगे हैं। इसके बाद उसे निलंबित कर दिया गया है। मामले की जाँच चल रही है।
बताया जा रहा है कि शमीम बानो छात्राओं को पूजा-पाठ से रोकती थी। अपने बेटे शफीक खान को उसने नियमों का उल्लंघन कर कम्प्यूटर ऑपरेटर रखा था। गर्ल्स हॉस्टल में उसकी बेरोकटोक आवाजाही थी। छुट्टियाँ होने के बाद भी वह छात्राओं को हॉस्टल बुलाता था। छात्राओं से छेड़छाड़ का भी उस पर आरोप है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ग्रीष्मकालीन छुट्टियों के चलते छात्रावास में रहने वाली लड़कियाँ अपने घर जा चुकीं थीं। आरोप है कि इसके बाद भी हॉस्टल वार्डन शमीम बानो के बेटे शफीक खान ने दो लड़कियों को हॉस्टल में बुलाया था। कन्या छात्रावास में पुरुष ऑपरेटर की नियुक्ति समझ से परे है।
गर्ल्स हॉस्टल की वार्डन ने बेटे सफीक खान के साथ मिलकर कर दिया बड़ा खेल !
— Aayudh (@AayudhMedia) June 10, 2023
एमपी में जहां दमोह हिजाब मामला थमा नहीं था तो वहीं अब नर्मदापुरम से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है नर्मदापुरम जिले में बालिका छात्रावास कि मुस्लिम वार्डन जहां हिंदू छात्राओं को पूजा पाठ करने से रोकती थी… pic.twitter.com/cIdYfDYjEp
पत्रिका ने अपनी पड़ताल में खुलासा किया है कि हॉस्टल वार्डन शमीम बानो छात्राओं से जबरदस्ती मजहबी बातें करती थी। वह हॉस्टल में रह रही लड़कियों को पूजा करने से भी रोकती थी। इस मामले में छात्र संगठन ABVP ने एसडीएम को एक ज्ञापन भी सौंपा है। इस ज्ञापन में भी हॉस्टल वार्डन पर मजहबी बातें करने का आरोप लगाया गया है।
दैनिक भास्कर से बातचीत में ABVP के नगर इकाई अध्यक्ष निपुण खंडेलवाल ने कहा है कि हॉस्टल वार्डन शमीम बानो ने नियम विरुद्ध तरीके से ऑपरेटर पद पर शफीक खान को रखा था। शमीम बानो आमतौर पर हॉस्टल में नहीं रहती थी, शफीक ही हॉस्टल में रहता था। शमीम छात्राओं पर मजहबी बातें भी थोपती थी। मामला सामने आने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी एसपीएस बिसन ने वार्डन शमीम बानो को निलंबित कर दिया है और उसके बेटे को ऑपरेटर पद से हटा दिया है।
भास्कर ने अपनी रिपोर्ट में जाँच अधिकारियों पर मामले की लीपापोती की आशंका जताई है, क्योंकि शुरुआती के बाद कहा जा रहा है कि छात्राएँ सप्लीमेंट्री एग्जाम की जानकारी लेने के लिए हॉस्टल गईं थी। मजहबी बातों से भी इनकार किया जा रहा है। शमीम बानो का कहना है कि उसे कम्प्यूटर चलाना नहीं आता है। इसलिए मदद के लिए बेटे को हॉस्टल बुलाती थी। गौरतलब है कि दमोह के गंगा जमुना स्कूल में भी जब गैर मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनाने का मामला सामने आया था तो शुरुआती जाँच में लीपापोती कर स्कूल प्रबंधन को क्लीनचिट देने की कोशिश हुई थी। लेकिन शिवराज सरकार की सख्ती के बाद जब जाँच हुई तो स्कूल में मजहबी घुसपैठ को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे हुए थे।