Monday, November 18, 2024
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महाराष्ट्र में ₹5000 करोड़ के 3 चीनी प्रोजक्ट पर रोक, चीनी माल के आयात में ₹1 लाख करोड़ की कमी लाएगा CAIT

महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने कहा कि राज्य सरकार ने यह फैसला केंद्र सरकार के परामर्श से लिया है। उन्होंने बताया कि विदेश मंत्रालय ने चीनी कंपनियों के साथ किसी भी अन्य समझौते पर हस्ताक्षर न करने की राज्य सरकार को सलाह दी है।

महाराष्ट्र सरकार ने चीनी प्रोजेक्ट्स को लेकर बड़ा फैसला लिया है। चीन की तीन कंपनियों के साथ हुए करार पर रोक लगा दी है। राज्य सरकार ने मैग्नेटिक महाराष्ट्र 2.0 समिट में तीन चीनी कंपनियों के साथ पाँच हजार करोड़ के निवेश के प्रोजेक्ट साइन किए थे। 

महाराष्ट्र के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने कहा कि राज्य सरकार ने यह फैसला केंद्र सरकार के परामर्श से लिया है। उन्होंने बताया कि भारत-चीन सीमा पर 20 भारतीय सैनिकों के बलिदान होने से पहले इन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे। उन्होंने बताया कि विदेश मंत्रालय ने चीनी कंपनियों के साथ किसी भी अन्य समझौते पर हस्ताक्षर न करने की राज्य सरकार को सलाह दी है।

उन्होंने बताया कि मैग्नेटिक महाराष्ट्र 2.0 समिट में राज्य सरकार ने दुनिया भर की कंपनियों से 12 समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे जिनमें तीन चीनी कंपनियाँ भी शामिल थीं। 

इसमें पुणे में तालेगाँव में ऑटोमोबाइल विनिर्माण इकाई स्थापित करने के लिए चीन की ग्रेट वॉल मोटर्स के साथ 3,770 करोड़ रुपए का MoU साइन किया था। इसके अलावा चीन की फोटॉन और पीएमआई इलेक्ट्रो मोबिलिटी के बीच 1,000 करोड़ रुपए की साझेदारी शामिल है। अन्य चीनी कंपनियों में, एक हेंगली इंजीनियरिंग कंपनी थी, जो तालेगाँव प्रोजेक्ट में 250 करोड़ रुपए के निवेश के साथ अपने दूसरे चरण का विस्तार करने वाली थी। कंपनी की तरफ से कहा गया था कि इस प्रोजेक्ट से 150 नौकरियाँ पैदा होंगी। 

इससे पहले, व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने महाराष्ट्र सरकार से चीन की तीन कंपनियों के साथ सहमति ज्ञापन (MoU) रद्द करने की माँग की थी। CAIT ने इस बारे में मुख्यमंत्री उद्भव ठाकरे को एक पत्र भी लिखा था मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में CAIT ने कहा कि हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने चीन की तीन कंपनियों के साथ जो समझौता किया है, उसे चीन के खिलाफ देशवासियों के रोष और आक्रोश को देखते हुए तुरंत रद्द कर देना चाहिए।

वहीं उत्तर प्रदेश भी चीनी उत्पादों को बहिष्कार किए जाने की तैयारी में है। उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि राज्य अपने ऊर्जा क्षेत्र के लिए कोई भी चीनी उत्पाद नहीं खरीदेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि विक्रेता चीन में बने सामानों की आपूर्ति या उपयोग नहीं करे।

नोएडा की करीब 20 हजार MSME निर्माण प्रक्रिया में चीनी उत्पादों और उपकरणों के बहिष्कार करने का निर्णय पहले ही कर चुकी हैं। यह निर्णय सामूहिक रूप से गौतम बुद्ध नगर में MSME क्षेत्र के संघ द्वारा लिया गया था। गौतम बुद्ध नगर में MSME एसोसिएशन के अध्यक्ष ने सभी कारखानों को पत्र लिखकर चीनी उत्पादों के बहिष्कार का अनुरोध किया है।

वहीं CAIT ने चीनी सामानों के बहिष्कार के लिए चलाए जा रहे राष्ट्रीय अभियान ‘भारतीय सामान-हमारा अभिमान’ के तहत सोमवार (जून 22, 2020) को दिल्ली के करोल बाग में चीनी वस्तुओं की होली जलाई। इस मौके पर CAIT के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, “हमने दिसंबर 2021 तक चीनी माल के आयात में 1 लाख करोड़ रुपए की कमी करने का फैसला किया है।”

इसके साथ ही प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि देश भर के व्यापारियों एवं नागरिकों में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार को लेकर बेहद उत्साह और बड़ा समर्थन प्राप्त है। उन्‍होंने कहा कि इस अभियान की पहली बानगी अगस्त महीने में राखी के त्योहार पर दिखेगी, जब इस वर्ष देशभर की बहनें चीनी राखी का बहिष्कार कर भारतीय राखी अपने भाइयों की कलाई पर बाँधेगी।

इसी तरह जन्माष्टमी का त्योहार भी पूर्ण भारतीय संस्कृति के अनुरूप मनाया जाएगा, जिसमें चीनी वस्तुओं का कोई स्थान नहीं होगा। साथ ही उन्होंने महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे के फैसले को स्वागतयोग्य बताया और कहा कि ये देश के नागरिकों की भावनाओं का सम्मान है।  

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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