Friday, October 18, 2024
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जिस किले में प्रवेश करने से शिवाजी को रोक नहीं पाई मसूद की फौज, उस विशालगढ़ में बढ़ रहा दरगाह: काटे जा रहे जानवर-156 अतिक्रमण, मंदिरों की दुर्गति

विशालगढ़ किले के भीतर 156 ऐसे ढाँचे हैं, जिनको अवैध रूप से बनाया गया है। इनमें से 100 से अधिक मुस्लिम समुदाय के हैं। यहाँ लोहे की शीट लगाकर अतिक्रमण किया गया है।

महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में एक किला है, विशालगढ़। लगभग 1000 साल पुराना यह विशालगढ़ किला छत्रपति शिवाजी महाराज के वीरतापूर्ण जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है। यह किला आजकल अवैध कब्जे की खबरों को लेकर चर्चा में है। इस किले की वर्तमान स्थिति काफी चिंतनीय है।

कोल्हापुर में स्थित इस विशालगढ़ किले में शिवाजी महाराज बीजापुर के सुलतान आदिलशाह के एक सेनापति सिद्दी मसूद के चंगुल से बच कर पहुँचे थे। सिद्दी मसूद उन्हें दो महीने तक घेरने के बाद भी नहीं पकड़ पाया था। उनको इस किले तक पहुँचाने में बाजी प्रभु और फूलजी प्रभु ने उनके यहाँ तक पहुँचाने के लिए एक युद्ध भी लड़ा था। वर्तमान में यह किला अवैध अतिक्रमण के चंगुल में है।

इस किले में काफी संख्या में लोग रहते हैं। इनमें बड़ी संख्या मुस्लिमों की है। यह सामने आया है कि किले में मुस्लिम समुदाय अवैध अतिक्रमण को बढ़ावा दे रहा है। यहाँ स्थित एक दरगाह को अवैध रूप से बढ़ाया गया है जबकि इसी किले के भीतर स्थित मंदिरों को जीर्ण शीर्ण अवस्था में छोड़ दिया गया है। किले के भीतर पशु काटने की बात भी कही गई है।

‘अवैध मस्जिद ‘के साथ ही हो रहा अतिक्रमण

आधिकारिक दस्तावेजों के अनुसार, विशालगढ़ किले के भीतर 156 ऐसे ढाँचे हैं, जिनको अवैध रूप से बनाया गया है। इनमें से 100 से अधिक मुस्लिम समुदाय के हैं। यहाँ लोहे की शीट लगाकर अतिक्रमण किया गया है। इस किले को 1999 में ASI संरक्षित संरचना घोषित किया गया था। इस सर्वे में किले के भीतर 12 धार्मिक स्थल पाए गए थे, इनमें से 11 हिन्दू स्थल थे जबकि 1 दरगाह थी। इस दरगाह को मलिक रेहान बाबा दरगाह नाम से जाना जाता है।

बताया गया है कि दरगाह के पास का इलाका पहले बहुत छोटा था और अब यह बढ़ कर 1000 स्क्वायर फीट से अधिक हो चुका है। इसके अलावा दरगाह के पीछे एक मस्जिद को भी बढ़ाया गया है। इस मस्जिद का क्षेत्रफल बढ़ाने की कोई अनुमति नहीं ली गई है, इसलिए यह अवैध है। किले के भीतर अधिकांश अतिक्रमण इसी इलाके में हुआ है। दरगाह के आसपास कई अवैध दुकानें भी खुली हैं, यह दुकानें दरगाह में चढ़ने वाली चादर, अगरबत्ती और फूल आदि बेचती हैं।

स्थानीय हिन्दू बताते हैं कि जिन मलिक रेहान बाबा के लिए यह दरगाह बनाई गई है वह आदिलशाह का एक आक्रान्ता था जिसे यहाँ युद्ध में मार दिया गया था। वहीं दूसरी तरफ मुस्लिम कहते हैं कि बाबा 2000 साल पहले यहाँ रहे थे। वहीं इस किले का इतिहास ही 1000 साल पुराना बताया जाता है, ऐसे में बाबा मलिक दरगाह के 2000 साल रहने की बात नहीं समझ आती। इस दरगाह पर 2015 में ₹10 लाख खर्च कर इसे संवारा भी गया था।

हिन्दू मंदिरों का बुरा हाल

जहाँ एक ओर किले के भीतर बनी दरगाह में काफी लोग आते जाते हैं और यहाँ दुकाने खुली हुई हैं, वहीं किले के भीतर बने मंदिरों का बुरा हाल है। वर्तमान में यहाँ 20-24 हिन्दू मंदिर है लेकिन यह काफी खराब हालत में हैं। इनकी देखरेख निलेश हर्दिकर करते हैं, वह 61 वर्ष के हैं। वह इन मंदिरों की देखरेख करते हैं। वह रोज इन मन्दिरों में जाते हैं, सफाई करते है हैं पूजा भी करते हैं। वह रोज यहाँ पूजा करने के लिए लगभग 16 किलोमीटर चलते हैं।

उन्होंने बताया कि किले के भीतर 156 जगह पर अतिक्रमण हुआ है। उन्होंने बताया कि इन मंदिरों के विषय में जल्द कोई कदम नहीं उठाए गए तो जल्द ही यह एकदम जीर्ण शीर्ण हालत में आ जाएँगे। इस किले के भीतर उन दो योद्धाओं के समाधि स्थल भी हैं, जिन्होंने शिवाजी महाराज के लिए युद्ध लड़ा था। उन तक पहुँचने का भी सही रास्ता नहीं है। यहाँ रस्ते में कूड़ा पडा रहता है। किले के भीतर कुछ सरकार विभागों के बीच विवाद भी है, इस कारण काम में भी देरी होती है।

विशालगढ़ में पशु वध पर बैन की माँग

किले में स्थित इस दरगाह पर पशुओं की क़ुरबानी भी होती है। यहाँ दरगाह में बकरे और मुर्गे की बलिकुर्बानी दी जाती है। इस किले में पशु वध पर रोक लगाने की माँग भी लगातार हिन्दू करते आए हैं। इसको लेकर 2023 में राज्य के पुरातत्व विभाग ने इस पर रोक लगा दी थी। लेकिन 2024 में दरगाह में होने वाले उर्स के दौरान कुर्बानी की अनुमति बॉम्बे हाई कोर्ट ने दे दी थी। गौरतलब है कि महाराष्ट्र के अन्य किसी किले के भीतर पशुओं को काटने की इजाजत नहीं है।

किले में जनसंख्या भी बढ़ी

विशालगढ़ किले के भीतर 1953 में 33 वोटर रहते थे, इनमें 12 मुस्लिम समुदाय से थे। इसके बाद यह संख्या लगातार बढ़ती गई। 2022 के सरकारी दस्तावेजों के हिसाब से, यहाँ कुल 459 लोग रह रहे थे। इनमें से 290 मुस्लिम और 169 हिन्दू थे। बताया गया कि पिछले 4-5 दशक में यहाँ मुस्लिम आबादी बढ़ी है। यहाँ अस्थायी रूप से रहने वालों को इंदिरा आवास योजना के तहत घर दिए जाने के प्रमाण भी हैं। कई हिन्दू संगठन किले के भीतर से अतिक्रमण हटाने की माँग लम्बे समय से कर रहे हैं।

गौरतलब है कि विशालगढ़ जैसा अतिक्रमण का मामला महाराष्ट्र के ही सतारा जिले में बने हुए प्रतापगढ़ किले में हुआ था। यहाँ मुस्लिम सेनापति अफजल खान की कब्र के आसपास अवैध निर्माण किया गया था। यहाँ कुछ मौलाना आकर रहने लगे थे। इसके बाद वह इस किले में जाने वालों को अफजल खान की वीरता की गाथाएँ भी सुनाने लगे थे। यह मामला बॉम्बे हाई कोर्ट भी पहुँचा था। हाई कोर्ट ने यहाँ से यह अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था। 2022 में जाकर यह अतिक्रमण मुक्त करवाया सका था।

(यह रिपोर्ट मूल रूप से सिद्धि सोमानी ने अंग्रेजी में लिखी है, इसे आप यहाँ क्लिक करके पढ़ सकते हैं।)

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Siddhi
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Siddhi is known for her satirical and factual hand in Economic, Social and Political writing. Having completed her post graduation in Journalism, she is pursuing her Masters in Politics. The author meanwhile is also exploring her hand in analytics and statistics. (Twitter- @sidis28)

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