उत्तर प्रदेश के बहुजन समाज पार्टी (BSP) के पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड के प्रमुख गवाह उमेश पाल की शुक्रवार (24 फरवरी 2023) को हत्या कर दी गई। इस हमले में उमेश पाल के गनर संदीप मिश्रा की भी मौत हो गई है, जबकि दूसरे गनर राघवेंद्र सिंहगंभीर रूप से घायल हो गए हैं। इस घटना का CCTV फुटेज भी सामने आया है। राजू पाल की हत्या का आरोप गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई पर है।
हमलावरों ने यूपी के प्रयागराज स्थित उमेश पाल के घर में घुसकर इस हत्या को अंजाम दिया है। अभी तक हत्यारों के बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है। जिस समय हत्या को अंजाम दिया गया, उस समय उमेश पाल कोर्ट से गवाही देकर घर लौटे थे। जैसे ही वे अपनी कार से उतर कर घर के गेट तक पहुँचे, तभी 4-5 हमलावरों ने उन पर गोलियाँ बरसानी शुरू कर दी। जब वह घर के अंदर भागे तो उन पर बम से हमला कर दिया गया।
प्रयागराज के धूमनगंज स्थित जयंतीपुर में हुई हत्या में परिजनों ने अतीक अहमद और उसके गिरोह पर आरोप लगाया है। उमेश पाल के परिवार के मुताबिक, इस हत्याकांड में देशवासी और अतीक अहमद गिरोह शामिल है। वहीं, जिले के वरिष्ठ अधिकारी घटनास्थल पर पहुँचकर सीसीटीवी फुटेज की जाँच कर रहे हैं।
बता दें कि जब बसपा विधायक राजू पाल की हत्या की गई थी, उस समय वह इलाहाबाद पश्चिम से विधायक थे। राजू पाल को 25 जनवरी 2005 को सलेमसराय में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उनकी पत्नी पूजा पाल कौशाम्बी की चायल सीट से समाजवादी पार्टी की विधायक हैं।
राजू पाल की हत्या में जेल में बंद पूर्व सांसद अतीक अहमद और उनके छोटे भाई पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ सहित कई लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इस हत्याकांड में मुख्य गवाह उमेश पाल थे। वह राजू पाल की पत्नी पूजा पाल के फुफेरे भाई थे। उमेश अतीक अहमद और उसके गिरोह के खिलाफ अब तक पांच FIR करा चुके थे।
राजू पाल की हत्या की जाँच CBI कर रही है। उमेश पाल को कई बार जान से मारने की धमकी भी दी गई थी। पूजा पाल ने भी कई बार उमेश पाल की हत्या की आशंका जताई थी। गौरतलब है कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता में अतीक अहमद ने राजू पाल की साल 2004 में हत्या करवा दी थी।
दरअसल, यूपी में साल 2004 के लोकसभा में फूलपुर से समाजवादी पार्टी के टिकट पर अतीक अहमद को सांसद चुना गया था। इसके बाद इलाहाबाद पश्चिम विधानसभा सीट खाली हो गई थी। इस सीट पर अतीक अहमद विधायक चुना गया था। खाली हुए इस सीट के लिए सपा ने सपा ने अतीक के छोटे भाई अशरफ को टिकट दिया था।
वही, सपा के विरोध में बसपा ने राजू पाल को मैदान में उतारा था। इस उपचुनाव में राजू पाल ने अतीक के भाई अशरफ को हरा दिया था। उपचुनाव में जीत दर्ज कर राजू पाल पहली बार विधायक बने थे। विधायक बनने के कुछ महीने बाद राजू पाल की 25 जनवरी 2005 को दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसमें देवी पाल और संदीप यादव नामक शख्स की भी मौत हुई थी। वहीं, दो व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
इस हत्याकांड में उमेश के गवाह बनते ही अतीक गिरोह ने उन पर कई बार हमले किए, लेकिन वे बच निकले थे। अतीक के गिरोह ने 28 फरवरी 2008 को उनका अपहरण कर लिया गया था। इस दौरान उनके साथ मारपीट की गई। उन्हें धमकी दी गई थी कि अगर उन्होंने राजू पाल की हत्या के केस में गवाही दी तो उन्हें मार दिया जाएगा। बाद में उन्हें छोड़ा गया था।
इसके बाद उन्होंने अतीक अहमद, उनके भाई अशरफ समेत कई लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसके बाद भी अतीक के गुंडे उनके पीछे पड़े रहे। 11 जुलाई 2016 को उमेश गवाही देने कचहरी गए थे। उन पर कचहरी परिसर में ही जानलेवा हमला किया गया। इस मामले में भी उन्होंने अतीक और अशरफ सहित कई लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
साल 2016 में धूमनगंज में जीतेंद्र पटेल नाम के शख्स की हत्या में अतीक के गिरोह ने उमेश को नामजद कराकर फँसाने की कोशिश की थी। हालाँकि, जाँच में वे बरी हो गए थे। इसके बाद साल 2022 में उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई थी। इस मामले में भी उमेश ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। गुरुवार (23 फरवरी 2023) को को उमेश पाल ने अतीक अहमद और उसके गिरोह के खिलाफ तीसरी एफआईआर दर्ज कराई थी।