Thursday, September 19, 2024
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हिरोइन को अगवा कर कार में 2 घंटे दरिंदगी, ब्लैकमेल करने को बनाई Video… यौन शोषण के जिस केस के बाद बनी हेमा कमिटी, जानिए उसमें शामिल हीरो को सुप्रीम कोर्ट ने क्यों दी जमानत

जमानत की शर्तें तय करने के लिए सुनील एनएस को निचली अदालत में पेश करने के निर्देश दिए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने उस जुर्माने को माफ करने से इनकार कर दिया है जो सुनील एनएस पर हाई कोर्ट ने लगातार जमानत याचिका दाखिल करने के कारण लगाई थी।

साल 2017 में अपहरण कर मलयालम फिल्मों की एक हिरोइन का यौन शोषण किया गया। इस घटना के बाद जस्टिस हेमा कमेटी का गठन हुआ, जिसकी रिपोर्ट (Justice Hema Committee Report) इस समय चर्चा में है। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले के मुख्य आरोपित अभिनेता सुनील एनएस (Sunil N S) को जमानत दे दी है।

सुनील एनएस को पल्सर सुनी (Pulsar Suni) के नाम से भी जाना जाता है। उसे फरवरी 2017 में गिरफ्तार किया गया था और वह तब से ही जेल में बंद है। सुप्रीम कोर्ट ने 17 सितंबर 2024 को जमानत पर रिहा करने के लिए एक सप्ताह के भीतर निचली अदालत में पेश करने के निर्देश दिए हैं।

हिरोइन के यौन शोषण का मामला

पीड़ित हिरोइन तमिल, कन्नड़ और मलयालम फिल्मों में काम कर चुकी है। 17 फरवरी 2017 की रात उसे कुछ लोगों ने अगवा कर लिया। कथित तौर पर अपहरण के बाद कार में करीब 2 घंटे तक उसके साथ छेड़छाड़ की गई। ब्लैकमेल करने के लिए पूरी घटना का वीडियो भी बनाया।

इस मामले में 10 लोग आरोपित बनाए गए। इनमें अभिनेता दिलीप भी शामिल है। करीब 6 महीने जेल में बिताने के बाद उसे जमानत मिल गई थी। आरोप यह भी है कि दिलीप के इशारे पर ही यौन शोषण की यह घटना हुई। सुनी को इस मामले में पहला आरोपित बनाया गया था। घटना के तुरंत बाद ही उसकी गिरफ्तारी हुई और उसके बाद से वह जेल में ही बंद है।

पल्सर सुनी को क्यों मिली जमानत

सुनील एनएस की जमानत याचिका पर सुनवाई जस्टिस अभय एस ओका और पंकज मित्तल की पीठ ने की। पीठ ने कहा कि सुनी लंबे समय से जेल में बंद हैं। ट्रायल जल्द पूरी होने की संभावना नहीं है। इसी मामले में सह आरोपित दिलीप को जमानत मिल चुकी है। लिहाजा सुनील एनएस को भी जमानत पर रिहा किया जा सकता है।

जमानत की शर्तें तय करने के लिए सुनील एनएस को निचली अदालत में पेश करने के निर्देश दिए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने उस जुर्माने को माफ करने से इनकार कर दिया है जो सुनील एनएस पर हाई कोर्ट ने लगातार जमानत याचिका दाखिल करने के कारण लगाई थी। केरल सरकार के वकील ने अभिनेता को ‘समाज के लिए खतरा’ बताते हुए जमानत का विरोध किया था।

जब जमानत याचिका के कारण लगा जुर्माना

अभिनेता सुनील एनएस को एक दिन का टेंपरेरी बेल अप्रैल 2022 में अपने पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए मिला था। उसने मार्च 2022 में पहली बार जमानत के लिए केरल हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। पर राहत नहीं मिली। इसके बाद वह जुलाई 2022 में सुप्रीम कोर्ट पहुँच गया, लेकिन जमानत नहीं मिली।

दूसरी बार उसने हाई कोर्ट में मार्च 2023 में जमानत याचिका दायर की। यह भी खारिज हो गई। इसे भी उसने अप्रैल 2023 में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। इसी साल 3 जून को हाई कोर्ट ने बेल की उसकी दसवीं याचिका खारिज करते हुए 25 हजार का जुर्माना लगाया था।

हेमा कमेटी की रिपोर्ट के बाद जमानत

सुनील एनएस को जमानत जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के करीब एक महीने बाद मिली है। इस कमेटी का गठन 2017 के यौन शोषण की घटना के बाद ही केरल सरकार ने किया था। रिटायर्ड जस्टिस हेमा, अभिनेत्री शारदा और रिटायर्ड IAS केबी वलसला कुमारी की तीन सदस्यीय कमेटी का काम मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में ​महिलाओं के यौन शोषण का पता लगाना था।

इस कमेटी ने दिसंबर 2019 में ही केरल सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी थी। लेकिन इसे 18 अगस्त 2024 को सार्वजनिक किया गया। इस रिपोर्ट ने फिल्म इंडस्ट्री में यौन शोषण को फिर से चर्चा में ला दिया है। कई लोगों ने हैरान करने वाली आपबीती सुनाई है। मलयालम फिल्म इंडस्ट्री के कई बड़े नाम पर गंभीर आरोप लगे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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