राजस्थान के बीकानेर में एक व्यक्ति को गिरफ़्तार किया गया। वह हिंसा भड़काने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहा था। अयोध्या विवाद के बाद पुलिस की सोशल मीडिया पर पैनी नज़र है, क्योंकि हिंसा भड़काने और समाज में घृणा पैदा करने के लिए व्हाट्सप्प ग्रुप में आपत्तिजनक मैसेज धड़ल्ले से फॉरवर्ड किए जाते हैं, फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट्स किए जाते हैं और ट्विटर पर भड़काऊ ट्वीट डाले जाते हैं। बीकानेर में गिरफ़्तार किया गया अकबर एक व्हाट्सप्प ग्रुप का संचालक है।
ख़बर के अनुसार, अकबर ने 2 व्हाट्सप्प ग्रुप बनाया। उन ग्रुप्स में उसने पाकिस्तानी नागरिकों को भी जोड़ा। इसी क्रम में एक पाकिस्तानी नागरिक ने ग्रुप में आपत्तिजनक मैसेज शेयर कर दिया। उसने समाज में घृणा और वैमनयस्य पैदा करने के उद्देश्य से ऐसा किया। पुलिस को जैसे ही इस बात का पता चला, अकबर को गिरफ़्तार कर लिया गया। इस ग्रुप में शामिल पाकिस्तानी व्यक्ति हिन्दू-मुस्लिम के बीच तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहा था।
28 वर्षीय अकबर को आईपीसी की धारा 153 (उपद्रव कराने के लिए लोगों को भड़काना) और 295-ए (धार्मिक भावनाएँ भड़काने का प्रयास करना) के तहत गिरफ़्तार किया गया है। भगवानराम नामक व्यक्ति ने अकबर के ख़िलाफ़ दंतौर थाने में मामला दर्ज कराया था। भगवानराम ने बताया कि अकबर ने उसे भी अपने ग्रुप में शामिल कर लिया था। उसने जैसे ही ग्रुप में आपत्तिजनक मैसेज देखे, पुलिस को सूचित किया। इसके बाद पुलिस ने अकबर को गिरफ़्तार किया।
उक्त ग्रुप में कई आपत्तिजनक मैसेज डाले गए थे। बाबरी ढाँचे के फोटो के साथ उर्दू में मैसेज लिख कर शेयर किया जा रहा है। अंग्रेजी में भी भड़काऊ बातें लिख कर शेयर की जा रही थी। अकबर उस ग्रुप का एडमिन भी था। बता दें कि उत्तर प्रदेश में भी विभिन्न तकनीकों के माध्यम से पुलिस सोशल मीडिया पर नज़र रख रही है। यूपी पुलिस ने बताया है कि सोशल मीडिया पर 8275 से भी अधिक आपत्तिजनक पोस्ट्स के ख़िलाफ़ एक्शन लिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इमरजेंसी नंबर सेवा के दफ्तर का दौरा कर तैयारियों की जानकारी ली थी। राजस्थान में भी पुलिस इसी तरह सतर्कता बरत रही है।