पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में हिंसा (Manipur Violence) जारी है। उपद्रवियों ने थाना सहित कई जगहों पर हमला और आगजनी करने की कोशिश की। इतना ही नही, शस्त्रागार पर भी हमला कर दिया और पुलिस पर फायरिंग की। वहीं, भाजपा (BJP) के एक और नेता के घर को आग के हवाले कर दिया। इसके पहले केंद्रीय मंत्री राजकुमार रंजन सिंह के घर को उपद्रवियों ने आग लगा दी थी।
बता दें कि अनुसूचित जनजातीय का दर्जा को लेकर पिछले लगभग डेढ़ महीने से मणिपुर जातीय हिंसा की आग में जल रहा है। इसमें अभी तक 100 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, जबकि 300 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं। स्थिति पर नियंत्रण के लिए पुलिस, केंद्रीय अर्धसैनिक बल के साथ-साथ सेना को भी उतारा गया है।
हालाँकि, इंटरनेट सेवा बंद करने और इलाके में धारा 144 लगाने और बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती के बाद भी मणिपुर में स्थिति में अभी सुधार नहीं दिख रहा है। हर जगह हिंसा, उपद्रव और आगजनी दिख रही है।
ताजा मामले में 400 उपद्रवियों ने एक शस्त्रागार पर हमला कर दिया और हथियार लूटने की कोशिश की। इस दौरान थाने में लूटपाट और सुरक्षा बलों पर ऑटोमेटिक हथियारों से फायरिंग भी की गई। हिंसाग्रस्त इलाकों में भाजपा के कार्यालयों और उसके नेताओं के घरों को भी निशाना बनाया गया है।
#WATCH | BJP's office in Manipur's Thongju was vandalised by a mob last night pic.twitter.com/JyGQnKMDsh
— ANI (@ANI) June 17, 2023
कल आधी (16-17 जून 2023) की रात को थोंगजू विधानसभा क्षेत्र के खोंगमन ओकराम चुथेक स्थित भाजपा मंडल मुख्यालय में भीड़ ने तोड़फोड़ की। भीड़ ने भाजपा मंडल कार्यालय को जलाने की कोशिश की। हालाँकि स्थानीय लोगों के साथ गर्मागर्म बहस के बाद भीड़ अपने प्रयास से पीछे हट गई और कार्यालय में तोड़फोड़ की गई।
उधर, विष्णुपुर जिले के क्वाकटा में चूराचांदपुर जिले के कांगवई में स्वचालित हथियारों से उपद्रवी फायरिंग कर रहे हैं। यह फायरिंग शनिवार (17 जून 2023) की सुबह तक रूक-रूक कर जारी थी। वहीं, एक अस्पताल के परिसर में आगजनी की कोशिश की गई। इस दौरान रैपिड ऐक्शन फोर्स ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आँसू गैस के गोले दागे और रबर की गोलियाँ चलाईं।
वहीं, थोंगजू के पास भाजपा के स्थानीय विधायक के घर में लोग घुस गए और वहाँ तोड़फोड़ करने की कोशिश की। इससे पहले आधी रात को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अधिकारमयुम शारदा देवी के घर पर उपद्रवियों ने तोड़फोड़ करने की कोशिश की।
इसी बीच इंटेलिजेंस ने दावा किया है कि कुछ लोग पुलिस और कमांडो की वर्दी में राज्य में दाखिल हो सकते हैं। इन लोगों ने एक दर्जी को 500 वर्दी सिलने का ऑर्डर दिया है। इसको लेकर राज्य की पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियाँ चौकन्ना हो गई हैं।
इस बीच पूर्व आर्मी चीफ वीपी मलिक ने मणिपुर मामले में PM मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से दखल देने की अपील की है। वीपी मलिक ने रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल एल निशिकांत सिंह के ट्वीट के जवाब में दिया है। लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने गुरुवार (15 जून 2023) को ट्वीट करके राज्य के हालात सीरिया-लेबनान जैसे बताए थे।
An extraordinary sad call from a retired Lt Gen from Manipur. Law & order situation in Manipur needs urgent attention at highest level. @AmitShah @narendramodi @rajnathsingh https://t.co/VH4EsLkWSU
— Ved Malik (@Vedmalik1) June 16, 2023
लेफ्टिनेंट जनरल ने लिखा था, ‘मैं मणिपुर का एक साधारण भारतीय हूँ, जो सेवानिवृत्त जीवन जी रहा है। राज्य अब स्टेटलेस है। जिंदगी और संपत्ति को कोई भी और कभी भी खत्म कर सकता है। जैसे लीबिया, लेबनान, नाइजीरिया, सीरिया में होता है। ऐसा लगता है कि मणिपुर को अपनी ही आग में उबलने के लिए छोड़ दिया गया है। क्या कोई सुन रहा है?”
ऐसी ही बात केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री राजकुमार रंजन सिंह ने भी कहा था। उनका घर जलाने के बाद रंजन सिंह ने कहा था कि मणिपुर में कानून व्यवस्था फेल हो गई है। उन्होंने कहा कि केंद्र से मदद के बावजूद राज्य सरकार स्थिति को नियंत्रित करने में विफल रही है।
राजधानी इंफाल में हिंसक भीड़ गुरुवार (15 जून 2023) की रात शहर के कोंगबा इलाके में स्थित केंद्रीय मंत्री राजकुमार रंजन सिंह के घर में घुस गई और उसे जला दिया था। मंत्री ने कहा था, “मैं इस समय आधिकारिक काम के लिए केरल में हूँ। शुक्र है कि कल रात मेरे इंफाल स्थित घर में कोई घायल नहीं हुआ। बदमाश पेट्रोल बम लेकर आए थे और मेरे घर के भूतल और पहली मंजिल को नुकसान पहुँचाया गया है।”
इससे पहले बुधवार (14 जून 2023) को इंफाल पश्चिम जिले के लाम्फेल इलाके में मणिपुर के मंत्री नेमचा किपजेन के आधिकारिक क्वार्टर में अज्ञात लोगों ने आग लगा दी थी। यह घटना जातीय संघर्ष प्रभावित मणिपुर के खमेनलोक इलाके के एक गाँव में बदमाशों के हमले में 9 लोगों की मौत और 10 अन्य के घायल होने के एक दिन बाद हुई।
बताते चलें कि मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदाय के बीच एक महीने से जारी जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई है, जबकि 310 अन्य घायल हो गए हैं। राज्य में शांति बहाल करने के लिए सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया गया है।
मैतेई जाति ने अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जा देने की माँग की थी। इसके विरोध में कुकी समुदाय के लोगों ने 3 मई 2023 को पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन किया था। इस दौरान हिंसा भड़क गई, जो आजतक जारी है। मैतेई मणिपुर की आबादी में लगभग 53 प्रतिशत हैं और ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं।
वहीं, मणिपुर के आदिवासी समुदाय- नागा और कुकी समाज की आबादी 40 प्रतिशत है और वे भी पहाड़ी जिलों में रहते हैं। नागा और कुकी समाज को ST का दर्जा मिला हुआ है और वे कुकी को ST का दर्जा दिए जाने का विरोध कर रहे हैं।