मुस्लिम पक्ष ने अयोध्या रामजन्मभूमि के समतलीकरण के दौरान मिले अवशेषों जैसे- शिवलिंग और अन्य कलाकृतियों को लेकर बयान दिया है कि ये साक्ष्य मंदिर के नहीं हैं। मुस्लिम पक्ष ने यह भी कहा है कि ये अवशेष प्रोपेगेंडा का हिस्सा हैं।
अयोध्या रामजन्मभूमि की सुनवाई के दौरान सुन्नी वक्फ बोर्ड (Sunni Waqf Board) के वकील और ऑल इंडिया बाबरी मस्जिद कमिटी के कन्वेनर जफरयाब जिलानी (Zafaryab Jilani) ने कहा कि शिवलिंग और जो भी प्राचीन कलाकृतियाँ वहाँ निकलने की बात कह रहे हैं, ये सब प्रोपेगेंडा का हिस्सा हैं, जिन्हें ये लोग बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और दूसरे चुनावों में फायदा उठाने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।
Masjid side alleges that the latest findings in Ayodhya are not of a Mandir.
— TIMES NOW (@TimesNow) May 21, 2020
Listen in to reactions from the Masjid side. | #RamMandirExisted pic.twitter.com/qaiGp8Q2CE
यासूब अब्बास का कहना है कि ऐसे लोगों पर रोक लगानी चाहिए, जो कोरोना वायरस की महामारी के दौरान इन ख़बरों पर बात कर रहे हैं कि अयोध्या, काशी में क्या हो रहा है क्या नहीं।
उल्लेखनीय है कि रामजन्मभूमि मंदिर निर्माण कार्य के दौरान आज ही भूमि समतलीकरण के दौरान वहाँ से कुछ प्राचीन अवशेष मिलने की खबर सामने आई थी, जिसके बाद यह चर्चा का विषय बन गई।
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— Swati Goel Sharma (@swati_gs) May 21, 2020
दिलचस्प बात यह है कि ‘द वायर’ जैसे प्रोपेगेंडा पोर्टल्स ने कुछ साल पहले ही अपनी रिपोर्ट में कहा था कि अर्कियोलोजिस्ट्स को खुदाई के दौरान ‘बाबरी मस्जिद के नीचे’ मंदिर होने के किसी भी तरह के कोई साक्ष्य नहीं मिले थे।
जबकि टाइम्स नाउ चैनल पर जफरयाब जिलानी का कहना है कि जो आकृतियाँ और अवशेष आज दिखाए जा रहे हैं, उन पर सुप्रीम कोर्ट में भी बात हो चुकी है और वो पहले से ही वहाँ मौजूद थे।
गौरतलब है कि राम मंदिर का निर्माण शुरू हो चुका है, जहाँ खुदाई में प्राचीन अवशेष मिल रहे हैं। इस दौरान कई पुरातात्विक मूर्तियाँ, खंभे और शिवलिंग मिल रहे हैं। श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चम्पत राय ने कहा कि मलबा हटाने के दौरान कई मूर्तियाँ और एक बड़ा शिवलिंग भी मिला है।
निर्माण कार्य के बार फिर शुरू होते ही 67 एकड़ के श्रीराम जन्मभूमि परिसर में समतलीकरण और बैरिकेडिंग के एंगल आदि को हटाने का काम तेजी से जारी है। इसी समतलीकरण और खुदाई के काम के दौरान कई सारी प्राचीन मूर्तियों और मंदिर के पुरावशेष मिल रहे हैं। इसके चलते ही एक बार फिर मुस्लिम पक्ष के इस बयान से इस मुद्दे पर नई बहस छिड़ गई है।