Sunday, November 17, 2024
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‘हिंदू-मुस्लिम में आएगी दूरी’ : जमीयत के मौलाना अरशद मदनी ने UCC का किया विरोध, बोले- हमें सिर्फ मुस्लिम लॉ के हिसाब से जीना है

मदनी का कहना है कि UCC लागू करने की सोच रखने वाले असल में देश के हिन्दू-मुस्लिम वोटों को आपस में बाँटना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मंशा सिर्फ यही है कि देश को ये दिखाया जा सके कि आज़ादी के बाद अब तक मुसलामानों के खिलाफ जो कोई नहीं कर सका तो अब कर दिया गया।

यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) पर चल रही देशव्यापी बहस के दौरान जमीयत उलेमा के चीफ अरशद मदनी का बड़ा बयान सामने आया है। मदनी का एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें वो UCC को हिन्दू-मुस्लिम के बीच दरार डालने वाला कदम बताते हैं। इस दौरान उन्होंने UCC के विरोध का भी ऐलान किया है। हालाँकि मदनी ने मुस्लिमों से सड़कों पर न उतरने की भी अपील की है। मदनी का कहना है कि फिरकापरस्त ताकतें मुस्लिमों के 1300 साल पुराने कायदों और कानूनों को बदलने की साजिश रच रहीं हैं।

मदनी द्वारा UCC के विरोध में दिए गए बयान का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस बयान में उन्होंने 1300 सालों से खासतौर पर भारत के मुस्लिमों द्वारा पर्सनल लॉ के मुताबिक जीवन बिताने की बात कही है। अरशद मदनी ने बताया कि वो पुराने कानून को ही बरकरार रखना चाहते हैं। हालाँकि मदनी ने इसके खिलाफ सड़कों पर बिलकुल भी नहीं उतरने की सलाह दी। UCC को उन्होंने फिरकापरस्त लोगों द्वारा शुरू किया गया राजनैतिक मसला बताया। साथ ही इसे वास्तविकता से परे बताया।

मदनी का कहना है कि UCC लागू करने की सोच रखने वाले असल में देश के हिन्दू-मुस्लिम वोटों को आपस में बाँटना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मंशा सिर्फ यही है कि देश को ये दिखाया जा सके कि आज़ादी के बाद अब तक मुसलामानों के खिलाफ जो कोई नहीं कर सका तो अब कर दिया गया। मदनी के मुताबिक जितना ही विरोध किया जाएगा उतना ही हिन्दू-मुस्लिम में दूरी बनेगी और साम्प्रदायिक ताकतों की सफलता उतनी ही पक्की हो जाएगी। यूनिफॉर्म सिविल कोड को मदनी ने मुस्लिमों की पर्सनल आजादी खत्म करने की साजिश बताया।

अपने बयान में मदनी ने किसी चौहान साहब की रिपोर्ट का जिक्र किया। उन्होंने वह रिपोर्ट अपने पास होने का दावा भी किया। मदनी का कहना है कि उस रिपोर्ट में यूनिफॉर्म सिविल कोड को भारत में एक गैरजरुरी चीज करार दिया गया है। गौरतलब है कि विधि आयोग ने बुधवार (14 जून 2023) को कहा कि 22वें विधि आयोग ने समान नागरिक संहिता के बारे में मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों के विचारों को जानने के लिए फिर से निर्णय लिया है। आयोग ने कहा है कि जिन लोगों को इसमें रुचि है और अपनी राय देना चाहते हैं, वे राय दे सकते हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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