कोरोना वायरस के मद्देनजर लॉकडाउन के दौरान दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित मरकज में तबलीगी जमात का मजहबी कार्यक्रम आयोजित करने के आरोप में मौलाना साद के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है। केस दर्ज होने के बाद से ही मौलाना साद लापता बताए जा रहे हैं। इस बीच, पूरे मामले में बड़ी जानकारी सामने आई है कि दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच की टीम मौलाना साद पर शिकंजा कसने की तैयारी कर चुकी है।
इंडिया टीवी के मुताबिक पुलिस ने साद और FIR में नामजद सभी लोगों के खिलाफ सबूत जुटा लिए हैं, अब उनसे अगले दो दिनों में पूछताछ की जा सकती है। क्राइम ब्रांच अपनी टीम में डॉक्टरों को भी शामिल करेगी, जिससे कि मौलाना जाँच के दौरान मेडिकल वजहों की बहानेबाजी कर भाग न पाए। पहले सभी आरोपितों से अलग-अलग पूछताछ होगी। इसके बाद उन्हें आमने-सामने बैठाकर भी सवाल किए जाएँगे।
दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने इंडिया टीवी को बताया कि मौलाना पूछताछ में सहयोग नहीं करने के लिए कई बहाने बना सकता है। वह होम क्वारंटाइन से तुरंत लौटने की बात कहकर जाँच में सहयोग करने की बात को टाल सकता है। वह यह भी कह सकता है कि 14 दिनों तक क्वारंटाइन में होने की वजह से उसे तबलीगी जमात के मुख्यालय की मौजूदा स्थिति पता नहीं है। उसे अपने सहयोगियों से बात करने के लिए समय चाहिए। पुलिस इन सभी पहलुओं को ध्यान में रख रही है।
मौलाना साद समेत अन्य आरोपितों के गिरफ्तारी से बचने के लिए अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल करने के सवाल पर दिल्ली पुलिस ने कहा कि आरोपितों को इसका अधिकार है, कानून सभी के लिए है, लेकिन पूरे मामले में उनसे पूछताछ जरूरी है। आरोपितों को पुलिस के सवालों का जवाब देना ही होगा।
अभी पुलिस को बताया गया है कि मौलाना होम क्वारंटाइन में हैं। हम उसके क्वारंटाइम का समय पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि कोरोना के कारण सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना भी अहम है। पुलिस पूरी तरह से तैयार है। फिलहाल सबूत की ज्यादा जरूरत नहीं होगी। आगे की कार्रवाई आरोपितों के बयान के आधार पर होगी।
मौलाना साद से पूछे जाने वाले सवालों पर पुलिस अधिकारी ने कहा, “दिल्ली सरकार, पुलिस, एसडीएम, डब्ल्यूएचओ और स्वास्थ्य विभाग की बार-बार चेतावनी के बावजूद इतना बड़ा जमावड़ा क्यों था?” क्वारंटाइन के दौरान दस्तावेजों की बरामदगी के सवाल पर क्राइम ब्रांच के अधिकारी ने कहा कि पुलिस और मीडिया के काम करने के तरीके में अंतर होता है। अभी इस मामले में और कुछ नहीं बताया जा सकता है।
क्राइम ब्रांच फिलहाल मरकज में जाँच- पड़ताल शुरु कर चुकी है। मरकज के अंदर कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं मिला। साथ ही मरकज से जुड़े लोग भी सहयोग नहीं कर रहे। इससे पहले पुलिस ने मरकज प्रशासन से जानकारी माँगी थी कि 13 मार्च के बाद मरकज में जो लोग आए थे, उनका उपस्थिति रजिस्टर दिया जाए। यह भी पूछा कि 13 तारीख के दिल्ली सरकार के भीड़ इकट्ठा न होने के आदेश के बाद मरकज ने अपने यहाँ से लोगों को निकालने के लिए क्या कदम उठाए?
गौरतलब है कि दिल्ली के निजामुद्दीदन मरकज में 1 से 15 मार्च के बीच हुए कार्यक्रम में देश-विदेश के कई हजार लोग शामिल हुए थे, लेकिन इसके बाद भी करीब 2000 लोग यहाँ रुके रहे, जबकि ज्यादातर लॉकडाउन से पहले अपने घरों को लौट गए। मौलाना पर इस आयोजन में शामिल लोगों को कोरोना पर गुमराह करने और लोगों की जान खतरे में डालने का आरोप है। क्राइम ब्रांच अब तक दो बार उन्हें नोटिस जारी कर चुकी है।