कोरोना महामारी के बीच तबलीगी जमात का खुलासा होने के बाद से निजामुद्दीन मरकज के ख़िलाफ दिल्ली पुलिस सबूत इकट्ठा करने में जुटी है। ऐसे में दिल्ली की क्राइम ब्रांच की पड़ताल में एक नया खुलासा हुआ है।
दरअसल, मामले की जाँच में जुटी पुलिस ने 166 जमातियों का बयान दर्ज किया है। जो मार्च माह में मरकज में हुए कार्यक्रम में मौलाना साद और उसके बेटों के साथ वहाँ मौजूद थे।
एबीपी न्यूज के अनुसार, पूछताछ में इन जमातियों ने बताया कि कोरोना वायरस के बारे में मालूम पड़ते ही 20 मार्च के बाद वे मरकज़ से जाना चाहते थे, मगर मौलाना साद ने उन्हें रोके रखा।
खबर की मानें तो क्राइम ब्रांच की अब तक की जाँच में उनके पास काफी सबूत हैं, जिससे मालूम पड़ता है कि पुलिस के नोटिस दिए जाने के बाद मरकज में जमातियों को जानबूझकर रोका गया। मगर, जाँच को पक्का करने के लिए क्राइम ब्राँच ने इन 166 जमातियों के बयान को दर्ज किया।
गौरतलब है कि इससे पहले मरकज मामले में कार्रवाई करते हुए दिल्ली पुलिस ने तबलीगी जमात के 700 विदेशी जमातियों के डॉक्यूमेंट सीज किए थे। ताकि ये लोग देश छोड़कर कहीं न भाग सकें और इनसे इस मामले में पूछताछ की जा सके कि आखिरकार इन्होंने किस आधार पर वीजा हासिल किया और किसने वीजा दिलाने में उनकी मदद किसने की थी।
जानकारी के मुताबिक, दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच इस समय हर एंगल की जाँच करके मौलाना साद पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है और जमात से जुड़ी सभी जानकारी गृह मंत्रालय को भेजी जा चुकी है जिससे जमातियों पर आवश्यक कार्रवाई हो सके।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स का ये भी कहना है कि मौलाना साद जानबूझ कर अपना कोविड 19 टेस्ट सरकारी अस्पताल से नहीं करवाना चाहता, क्योंकि वो जानता है कि जैसे ही सरकारी अस्पताल से कराए हुए कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट नेगेटिव आती है तो क्राइम ब्रांच उसको पूछताछ के लिए बुला सकती है।
याद दिला दें कि मरकज मामला खुलने के बाद मौलाना साद का एक ऑडियो वायरल हुआ था। उस ऑडियो में साद जमातियों को मरकज में रुकने का दबाव बना रहा था और कह रहा था कि मरने के लिए मस्जिद से बेहतर कोई जगह नहीं है। इस ऑडियो में उसे जमातियों को ये कहते स्पष्ट सुना गया था कि अल्लाह पर भरोसा करो,अल्लाह कोई मुसीबत इसलिए ही लाता है कि देख सके कि इसमें मेरा बंदा क्या करता है।