मजहब के नाम पर मौलानाओं के अजीबोगरीब बयान आना कोई नई बात नहीं है। कभी कहा जाता है कि लड़कियों को चुस्त कपड़े पहनकर सार्वजनिक स्थलों पर नहीं आना चाहिए तो कभी कहा जाता है कि उन्हें मेक अप नहीं करना चाहिए। इसी क्रम में ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड के मौलाना सज्जाद नोमानी का बयान वायरल है। उन्होंने मुस्लिमों को भड़काते हुए कहा है कि रमजान के वक्त लड़कियों को स्कूल/कॉलेज अकेले नहीं भेजना चाहिए क्योंकि ऐसा करना हराम है।
कथिततौर पर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा वीडियो इसी रमजान में हुई एक बैठक का है। इसमें वो माता-पिता को भड़काते हुए कहते हैं- अपनी बच्चियों को हिजाब पहनने के बाद भी अकेले स्कूल-कॉलेज मत भेजो। ये हराम है हराम। वह कहते हैं, “पाक रमजान की रात में उन लोगों पर लानत भेजता हूँ जो अपनी बच्चियों को अकेले कोचिंग सेंटर या कॉलेज भेजते हैं। अल्लाह उन्हें जहन्नुम में भेजेगा।”
वायरल वीडियो में उन्हें मुस्लिम बच्चियों के अम्मी-अब्बू को भड़काते हुए सुना जा सकता है। वह पूछते हैं, क्या उन्हें (लड़कियों के अम्मी-अब्बू को) पता है उनकी बेटी स्कूल-कॉलेज जाकर पीरियड अटेंड करती है या नहीं। या फिर कॉलेज में आकर चुपके से कहीं चली जाती है। मौलाना कहते हैं,
“आप अगर बाप हैं। आप अगर मुसलमान है। बल्कि आप अगर शरीफ इंसान हैं और हलाल बाप के रुतबे से पैदा हुए हैं…इससे ज्यादा मैं क्या सख्त बात कह सकता हूँ… तो ये हराम है कि आप अपनी बच्चियों की तरह से बेफिक्र हों।”
उनके मुताबिक जो कोई स्कूल कॉलेजों में अपनी बेटियों को अकेले भेजता है उसे जहन्नुम नसीब होनी चाहिए। नोमानी के अनुसार, इतना काफी नहीं है कि किसी की बेटी हिजाब पहनकर स्कूल या कॉलेज जा रही है, अम्मी-अब्बू का फर्ज है कि उसे अकेले न जाने दिया जाए। मौलाना की मानें तो अगर बेटियों को कॉलेज भेजना है तो प्रिंसिपल से मिलें और अनुरोध करें कि उनको बताया जाए कि उनकी बेटी ने सारी क्लासें ली या फिर गोल कर दी।
कहा जा रहा है कि नोमानी के इस बयान के बाद उनसे इस्लामी बुद्धिजीवी ही नाराज हो गए हैं। इंडियन मुस्लिम फॉऱ सेकुलर डेमोक्रेसी के कन्वेनर जावेद आनंद का पूछना है कि क्या इस बयान में अप्रत्यक्ष रूप से ये नहीं कहा जा रहा कि मुस्लिम लड़कियों को पढ़ाई से दूर रखो।
बता दें कि ये पहली बार नहीं है सज्जाद नोमानी ने इस तरह लड़कियों की आजादी पर सवाल उठाया हो। उन्होंने कॉलेज जाती लड़कियों को मोबाइल देने का भी विरोध किया था। उन्होंने अपने समर्थकों से कहा था कि आजकल हिंदू लड़के मुस्लिम लड़कियों को उर्दू भाषा सीखकर फँसाते हैं। 5000 लड़कियों ने ऐसे ही गैर-मजहब में शादी कर ली।
तालिबान को भेजा था सलाम
इसके अलावा साल 2021 में तालिबान ने जब अफगानिस्तान पर कब्जा किया था तब सज्जाद नोमानी ने भारत में इसका स्वागत किया था। मौलाना सज्जाद नोमानी ने ‘तालिबान के हौसले’ को सलाम करते हुए कहा था कि तालिबान ने दुनिया की सबसे मजबूत फौज को शिकस्त दे दी है। AIMPLB प्रवक्ता ने कहा, “एक बार फिर यह तारीख रकम हुई है। एक निहत्थी कौम ने सबसे मजबूत फौजों को शिकस्त दी है। काबुल के महल में वे दाखिल होने में कामयाब रहे। उनके दाखिले का अंदाज पूरी दुनिया ने देखा। उनमें कोई गुरूर और घमंड नहीं था।”
मौलाना सज्जाद नोमानी ने तालिबान की तारीफों के पुल बाँधते हुए आगे कहा, “उनके कोई बड़े बोल नहीं थे। ये नौजवान काबुल की सरजमीं को चूम रहे हैं। मुबारक हो। आपको दूर बैठा हुआ यह हिंदी मुसलमान सलाम करता है। आपके हौसले को सलाम करता है। आपके जज्बे को सलाम करता है।” तालिबान के कब्जे के बाद हुई हिंसा व वहाँ से भागने के दौरान मची भगदड़ में कई लोग मारे भी गए हैं।