Friday, April 26, 2024
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‘5000 मुस्लिम लड़कियों ने भागकर हिंदू लड़कों से शादी की’: अब्बा-अम्मी, मोबाइल, तालीम… सब पर उखड़े AIMPLB वाले नोमानी

नोमानी ने अपने दावे के साथ ही मोबाइल फोन व स्कूल और कॉलेज में दी जा रही तालीम पर आरोप मढ़ा। उनके मुताबिक, लड़कियों को ऐसी स्वतंत्रता दी जाती है कि वह दूसरे समुदाय के लोगों के साथ दोस्ती करें और उनके अभिभावकों को इसका मालूम भी न हो कि वो क्या कर रही हैं।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य सज्जाद नोमानी की एक वीडियो प्रकाश में आई है जिसमें वह हिंदू लड़कों पर लव-जिहाद का आरोप लगा रहे हैं। ये वीडियो अल कमल टीवी पर 9 सितंबर को अपलोड की गई थी। नोमानी ने दावा किया कि 5 हजार मुस्लिम लड़कियों ने हिंदू लड़कों के साथ भाग कर शादी की और हिंदू धर्म में परिवर्तित हो गईं। नोमानी के मुताबिक, लड़कियों की यह आबादी अधिकतर हाई प्रोफाइल वाले परिवारों से आती है।

मोबाइल फोन और तालीम का है दोष

नोमानी ने अपने दावे के साथ ही मोबाइल फोन व स्कूल और कॉलेज में दी जा रही तालीम पर आरोप मढ़ा। उनके मुताबिक, लड़कियों को ऐसी स्वतंत्रता दी जाती है कि वह दूसरे समुदाय के लोगों के साथ दोस्ती करें और उनके अभिभावकों को इसका मालूम भी न हो कि वो क्या कर रही हैं। नोमानी कहते हैं कि माता-पिता अपनी लड़कियों को इस्लाम का तालीम नहीं देते और न ही जानते हैं कि उनके इर्द-गिर्द क्या हो रहा है।

सुनियोजित साजिश के साथ हो रहा काम?

सज्जाद नोमानी कहते हैं, “मुस्लिम महिलाओं को हिंदू धर्म की ओर लुभाने के लिए सुनियोजित साजिश के तहत ये सब किया जा रहा है।” उन्होंने कहा, “दूसरी तरफ (हिंदू धर्म के लोगों की ओर) से ज्यादा से ज्यादा मुस्लिम महिलाओं को लुभाने, उनके मजहब को बर्बाद करने और उनको इस्तेमाल के बाद छोड़ने की साजिश चल रही है। ये सब प्लान के तहत हो रहा है।”

वह कहते हैं, “मुझे मेरे सूत्रों से पता चला है कि एक ग्रुप है जो लड़कों को ट्रेनिंग देता है कि मुस्लिमों से कैसे बात करें। वह उन्हें सलाम वालेकुम बोलना सिखाते हैं। पूछते हैं- कैसे मिजाज हैं। उन्हें ‘खैरियत है’, ‘इंशाल्लाह’ ‘माशाल्लाह’ ‘रहमुदिल्लाह’, ‘सुभानअल्लाह’ और अन्य शब्द कहना सिखाते हैं। वह हमारी बच्चियों से नर्म जुबान में बात करते हैं ताकि झांसे में फँसा सकें और हम इसके लिए कुछ नहीं करते।”

नोमानी का कहना है कि पहले मुस्लिमों को अपने आसपास के बारे में पता होता था लेकिन अब किसी को दूसरे मुस्लिमों की परवाह नहीं है। उन्होंने कहा, “पहले लोग अपने आस-पास के बारे में जानते थे, और वे इस्लाम के बारे में चिंतित थे। जब तुर्की में खिलाफत खत्म हुई तो तहरीक-ए-खिलाफत हमारे देश में फली-फूली। क्या आप जानते हैं कि आपके आसपास क्या हो रहा है? केवल नमाज़ करना ही काफी नहीं है।”

दावों से उलट क्या है सच्चाई?

मौलाना के दावों में सबसे दिलचस्प बात ये है कि जैसा वह कह रहे हैं वैसा शायद ही कहीं कोई मामला प्रकाश में आया हो। अगर लव जिहाद फला फूला तो उसमें मुस्लिम युवक और हिंदू लड़कियाँ अधिकतर शामिल दिखीं। इसके अलावा ईसाई महिलाओं के साथ भी लव जिहाद जैसी घटनाएँ हुईं जिसने कई ईसाई समूहों की चिंता को बढ़ा दी।

वास्तविकता यही है हिंदू समुदाय पर जिस साजिश का आरोप लगाया जा रहा है वो दूसरे समुदाय द्वारा पोषित की जा रही है। पिछले साल, कानपुर में रैकेट का खुलासा हुआ था जहाँ तमाम हिंदू लड़कियाँ सामने आई थीं जिन्हें मुस्लिम युवकों ने फँसाया। रिपोर्ट्स में यह भी जानकारी दी गई थी कि लड़कों को बकायदा पैसे दे देकर हिंदू महिलाओं को प्रेम जाल में फँसाने का कारोबार चल रहा है।

नोमानी का तालिबानी प्रेम

उल्लेखनीय है कि अपने इस बयान से पहले मौलाना सज्जाद नोमानी ने तालिबान की तारीफों के पुल बाँधते हुए उनका समर्थन किया था। नोमानी ने तालिबान को अफगानिस्तान में देखने के बाद कहा था, “एक बार फिर यह तारीख रकम हुई है। एक निहत्थी कौम ने सबसे मजबूत फौजों को शिकस्त दी है। काबुल के महल में वे दाखिल होने में कामयाब रहे। उनके दाखिले का अंदाज पूरी दुनिया ने देखा। उनमें कोई गुरूर और घमंड नहीं था।…उनके कोई बड़े बोल नहीं थे। ये नौजवान काबुल की सरजमीं को चूम रहे हैं। मुबारक हो। आपको दूर बैठा हुआ यह हिंदी मुसलमान सलाम करता है। आपके हौसले को सलाम करता है। आपके जज्बे को सलाम करता है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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