सोशल मीडिया पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के मेडिकल असिस्टेंस सेल के प्रमुख ओम प्रकाश शेटे का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इस वीडियो में शेटे राज्य में कोरोनावायरस महामारी की स्थिति के बारे में मीडिया से बात करते हुए रोते बिलखते हुए नजर आ रहे है। कोरोना वायरस के चलते राज्य में बढ़ते मौतों के आँकड़ों की वजह से शेटे की हालत खराब दिखाई दे रही है। फिलहाल यह वीडियो कब की है अभी इसकी जानकारी नहीं हो पाई है।
शेटे ने कहा रोते हुए कहा, “मैं सो नहीं पा रहा हूँ। आम आदमी मर रहा है। यह बुरा लगता है।” उन्होंने कहा, हर दिन उन्हें सैकड़ों संदेश मिलते हैं और वह उन पर प्रतिक्रिया देते हुए थक जाते हैं। शेटे ने कहा कि सीएम ठाकरे के पास निर्णय लेने की विवेकाधीन शक्ति है और यह उनकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सभी आशाओं को खोने के बाद उन्होंने अब अदालत का दरवाजा खटखटाया है। बिलखते हुए शेटे ने लड़खड़ाती जबान में कहा, “लोग मर रहे हैं क्योंकि उनके पास पैसा नहीं है। मैंने अदालत से उनकी मदद करने का अनुरोध किया है।”
उपचाराअभावी लोकांचे जीव जात आहेत, सामान्य माणसाला कोणीच वाली नाही, मुख्यमंत्री सहाय्यता निधी कक्षाचे माजीप्रमुख ओमप्रकाश शेटे पत्रकार परिषदेत रडले @CMOMaharashtra @OmprakashShete #Maharashtra pic.twitter.com/7FhwvNA3pW
— Lokmat (@MiLOKMAT) September 21, 2020
ओमप्रकाश शेटे के वीडियो का उल्लेख आज बॉम्बे उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता द्वारा राज्य में धार्मिक स्थलों को फिर से खोलने की माँग वाली जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान किया गया।
राज्य सरकार के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए, मुख्य न्यायाधीश दत्ता ने कहा कि यदि राज्य में सरकार की लापरवाह प्रणाली के बारे में शेटे के दावे सही थे, तो इस मामले में कुछ करने की जरूरत है। CJ दत्ता ने एडवोकेट जनरल आशुतोष कुंभकोनी को वीडियो की प्रामाणिकता का सत्यापन करने और यह जानने के लिए निर्देशित किया कि क्या वास्तव में शेटे मेडिकल सेल का हिस्सा थे और यदि वीडियो असली था और शेटे राज्य प्रणाली का हिस्सा थे, तो राज्य को इस स्थिति को संबोधित करना होगा।
गौरतलब है कि चीन के वुहान शहर से फैले इस जानलेवा महामारी से महाराष्ट्र सबसे अधिक प्रभावित राज्य है। केवल महाराष्ट्र में अब तक 12.60 लाख से अधिक कंफर्म मामले दर्ज किए गए हैं। देश में इस वक्त संक्रमण के कुल मामलों की तुलना में महाराष्ट्र की भागीदारी इसमें सबसे ज्यादा है। लगभग 34000 लोग संक्रमण से अपनी जान गँवा चुके हैं, वहीं संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित दूसरे नंबर पर तमिलनाडु राज्य है। जहाँ मौतों की संख्या लगभग 9000 है।