विपक्षी दलों और मीडिया द्वारा फैलाए गए CAA और NRC के भ्रम का असर सामने नजर आने लगा है। केंद्र सरकार ने देश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू कर दिया है। बावजूद इसके इस कानून का देशभर में जमकर विरोध हो रहा है। CAA और NRC का विरोध करने वालों द्वारा इतने भ्रामक तथ्य सामने लाए जा रहे हैं कि लोग गली-मोहल्लों में आने वाले किसी भी बाहरी व्यक्ति को संदेह की नजर से देखने लगे हैं।
उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में पल्स पोलियो अभियान की टीम के साथ मारपीट का मामला प्रकाश में आया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, वहाँ के स्थानीय लोगों द्वारा पल्स पोलियो की टीम को NPR और NRC का डाटा तैयार करने वाली टीम समझकर पहले उनके साथ मारपीट की गई और फिर स्टाफ की एक महिला के साथ अभद्रता भी की गई। यही नहीं, इसके बाद दोनों कर्मचारियों को करीब एक घंटे तक घर में बंधक बनाकर रखा गया।
बंधक बनाकर महिला स्टाफ के साथ की गई अभद्रता
इंस्पेक्टर कपिल प्रशांत के अनुसार, पल्स पोलियो की टीम में दीपक और एक महिला स्टाफ थी। इनके साथ मारपीट और अभद्रता की गई है। इंस्पेक्टर का कहना है कि तहरीर ले ली गई है। सभी आरोपितों के खिलाफ मारपीट, अभद्रता और कई संगीन धाराओं में कार्रवाई की जाएगी। वहीं एक आरोपित आस मोहम्मद का नाम सामने आया है।
लिसाड़ीगेट थाना क्षेत्र के लक्खीपुरा में यह घटना उस समय घटी, जब शुक्रवार (जनवरी 24, 2020) को पल्स पोलियो अभियान की टीम बच्चों को दवा पिलाने गई थी। जैसे ही यह दल अली बाग कॉलनी पहुँचा तो वहाँ दवा पिलाने को लेकर एक परिवार के लोगों से इनकी बहस हो गई। तभी वहाँ एक व्यक्ति पहुँचा और उसने यह कहते हुए शोर मचाना शुरू कर दिया कि यह एनपीआर और एनआरसी का डाटा तैयार कर रहे हैं।
माहौल गड़बड़ होता देख और वहाँ भीड़ इकट्ठी होते देख प्लस पोलियो पिलाने वाली टीम के सदस्य वहाँ से जाने लगे तो भीड़ ने उन्हें पकड़कर बंधक बना लिया। इसके बाद किसी तरह वे वहाँ से जान बचाकर भागे। पीड़ित लोगों ने शनिवार को पूरी टीम के साथ लिसाड़ीगेट थाना पहुँचकर घटना की पूरी जानकारी दी। रिपोर्ट्स में बताया गया कि उनके साथ मारपीट व अभद्रता की गई है।
पुलिस अधिकारी के अनुसार, IPC की धारा 354, 342 और 390 के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है। साथ ही, पाँच व्यक्तियों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है जिनमें दो नामजद हैं। पुलिस पाँचों आरोपितों को पकड़ने की कोशिश कर रही है।