मेरठ बलात्कार मामले में आरोपित वसीम अहमद ने कबूल कर लिया है कि उसने पीड़िता के साथ रेप करने के पीछे मकसद एक हिंदू महिला को इंटरनेट पर शर्मसार करने का था। स्वराज्य के रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित हिंदू महिला ने अपनी शिकायत में कहा है कि आरोपित वसीम अहमद ने उससे कहा था कि वह उनलोगों (हिंदुओं) को सबक सिखाना चाहता है।
स्वराज्य की रिपोर्ट में कहा गया है कि जाँच अधिकारी ने भी यह पुष्टि की कि पुलिस पूछताछ के दौरान वसीम ने कहा कि उसने यह सब एक हिंदू महिला को इंटरनेट पर शर्मसार करने के मकसद से किया था।
पुलिस के मुताबिक, वसीम ने पीड़िता के साथ बनाए गए यौन संबंध के वीडियो शूट किए और फिर उस वीडियो को इंटरनेट पर वायरल कर दिया था। फिलहाल फोन जब्त कर लिया गया है और जाँच की जा रही है।
पीड़िता की तरफ से दर्ज कराए गए FIR में कहा गया है, “वसीम अहमद (पिता- मोमीन) ने मुझे अपना झूठा नाम दिनेश रावत बताकर मुझसे दोस्ती की और मुझे अपने घर बुलाकर मेरे साथ शारीरिक संबंध बनाए। जब मैंने उससे शादी के लिए कहा तो उसने असलियत बताई कि मेरा नाम वसीम है तथा मेरी शादी हो चुकी है एवं दो बच्चे भी हैं। मैंने जानबूझकर तुम लोगों को सबक सिखाने के लिए तुम्हें धोखा दिया है। मेरे विरोध करने पर वसीम ने मुझसे मारपीट की और धमकी दी कि अगर तुमने इस बारे में किसी से कुछ कहा तो तुम्हें और तुम्हारे घरवालों को जान से मार देंगे।”
बता दें कि रविवार (जून 7, 2020) को मेरठ के मुंडाली थाना क्षेत्र के अजराड़ा निवासी वसीम अहमद को लव जिहाद के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उसके खिलाफ दो केस दर्ज किए गए- एक आईटी एक्ट का और दूसरा युवती से दुष्कर्म का।
वसीम अहमद ने हापुड़ निवासी एक हिंदू युवती को पहले पहचान छिपाकर अपने प्रेमजाल में फँसाया और फिर 2 साल तक उसके साथ दुष्कर्म करता रहा। इस बीच वसीम ने दुष्कर्म पीड़िता के वीडियो और फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल कर दिए।
पीड़िता की शिकायत के अनुसार उसकी और वसीम की दोस्ती फेसबुक पर हुई। इसके बाद दोनों के बीच नजदीकियाँ बढ़ी और एक दिन वसीम ने उसे अपने घर बुलाकर शारीरिक संबंध बनाए और जब पीड़िता ने उससे शादी की बात कही तो उसने अपनी पहचान बताते हुए कहा कि वो शादीशुदा है और दो बच्चों का बाप है। पीड़िता ने 6 जून को मुंडाली पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज करवाई थी।
पुलिस ने बाताया कि आरोपित वसीम अहमद ने अपना नाम और पहचान छिपाकर मेरठ के नौचंदी क्षेत्र के एक अस्पताल में नौकरी करता रहा। इस दौरान उसने फर्जी तरीके से आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर कार्ड और अन्य कागजात ‘दिनेश कुमार रावत’ के नाम से बनवा लिए थे। वसीम की फेसबुक पर आईडी भी दिनेश रावत के नाम से है। इतनी ही नहीं, वसीम ने अपने फेसबुक आईडी में खुद को पंजाब केशरी का पत्रकार बताया था।
जब पुलिस ने वसीम अहमद के अकाउंट को खँगाला तो पाया कि वो हर दिन प्रेस की कटिंग शेयर किया करता था। इनमें से कुछ में वसीम अहमद का बायलाइन था। मगर खबर के फॉन्ट और बायलाइन में काफी अंतर पाया गया। जब पुलिस ने उससे अखबार का कोई आईडी कार्ड वगैरह माँगा तो वो कोई भी कार्ड नहीं दिखा पाया।
पुलिस ने पहले वसीम पर आईपीसी की धारा 376, 323 और 506 के तहत मामला दर्ज किया था। मगर फिर पहचान छुपाकर युवती को फँसाने के जुर्म में उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 419 और 420 के साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी एक्ट की धारा 66 के तहत ममाला दर्ज किया गया।