आर्थिक भगोड़े मेहुल चोकसी की बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध आभूषण रिटेल कम्पनी गीतांजलि जेम्स को बेच दिया जाएगा। चोकसी की कम्पनी लिक्विडेशन की तरफ बढ़ रही है। बता दें कि कम्पनी को क़र्ज़ देने वाले अधिकतर बैंकों ने समाधान के लिए उसे 180 दिनों का समय दिया था। अब बैंकों ने उस बढ़ाने से साफ़ इनकार कर दिया है। गीतांजलि जेम्स को क़र्ज़ देने वाले बैंकों ने हाल ही में एक बैठक की। इस बैठक में 54.14% वोटिंग से निर्णय लिया गया कि 180 दिनों की समय सीमा (समाधान प्रक्रिया की अवधि) को नहीं बढ़ाया जाएगा। कम्पनी के रिजॉल्यूशन प्रफेशनल विजय कुमार गर्ग ने स्टॉक एक्सचेंजों को मंगलवार (अप्रैल 16, 2019) को इस बात की जानकारी दी।
विजय गर्ग ने इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए कहा, “सीओसी ने लोन रिजॉल्यूशन के लिए समयसीमा बढ़ाने से मना कर दिया है, इसलिए अब कंपनी को लेक्विडेट (बेच) कर दिया जाएगा।” बता दें कि कम्पनी को मिली 180 दिनों की ‘Corporate Insolvency Resolution Process’ की समयसीमा 6 अप्रैल को ही ख़त्म हो गई थी। अक्टूबर 2018 में नैशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (एनसीएलटी) की मुंबई ब्रांच में ICICI बैंक ने इस कम्पनी के ख़िलाफ़ याचिका दाखिल की थी। ₹890 करोड़ के ऋण को गीतांजलि ने नहीं चुकाया था, जिसके बाद बैंक को ये क़दम उठाना पड़ा।
चोकसी और उसके भांजे नीरव मोदी के ख़िलाफ़ $200 करोड़ से भी अधिक की धोखाधड़ी का मामला चल रहा है। सरकारी एजेंसियाँ मामले की जाँच कर रही है। मामला पंजाब नेशनल बैंक से जुड़ा है। जाँच शुरू होने के बाद ये पहली इन्सॉल्वेंसी पेटिशन थी। हालाँकि, गीतांजलि पर और भी कई क़र्ज़ हैं। कम्पनी पर बैंकों का ₹12,558 करोड़ अभी भी बकाया है। अगर सीओसी की बात करें तो उसमे आईसीआईसीआई बैंक के पास 7.9% वोटिंग शेयर्स हैं, जबकि कंपनी को 5,518 करोड़ का क़र्ज़ देने वाले पीएनबी के पास 43.94% वोटिंग शेयर है।
उधर अधिकारियों ने कहा है कि चोकसी के खिलाफ प्रत्यर्पण की प्रक्रिया जारी है और भारत ऐंटिगुआ एवं बारबुडा के अधिकारियों से सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद कर रहा है। अभी क़ानूनी प्रक्रिया जारी है और जाँच एजेंसियाँ उस देश के अधिकारियों से अगली सूचना मिलने का इंतजार कर रहे हैं। इसके बाद ही आगे का कोई निर्णय लिया जाएगा। उधर कोर्ट में चल रहे मामले को लेकर मेहुल चोकसी ने कहा:
“मैं भारत की जाँच एजेंसियों की सख्ती का खामियाज़ा भुगत रहा हूँ। मेरे ख़िलाफ़ एक भी सबूत नहीं जारी किए गए हैं, लेकिन इसके बावजूद मैं अपने तीन दशक के व्यापार का नुकसान झेलने को विवश हूँ। मैं लम्बे समय से बीमार चल रहा हूँ। मुझे दिल की बीमारी तो है ही, पैरों में भी दर्द है। मेरे दिमाग में भी ख़ून का थक्का जमा हुआ है। मुख्य दोषी अब भी सुरक्षित हैं। स्कैम के मुख्य दोषियों से एजेंसियाँ किसी भी तरह की पूछताछ नहीं कर रही हैं।”
चोकसी ने मुंबई अदालत में दाखिल याचिका में ये बातें कहीं। नीरव मोदी अभी लंदन के जेल में बंद है और उसके प्रत्यर्पण के लिए भी भारतीय एजेंसियाँ प्रयास कर रही हैं। नीरव मोदी के ख़िलाफ़ सुनवाई के दौरान ब्रिटिश जज ने कहा कि इस बात के पर्याप्त आधार हैं कि आरोपित को ज़मानत दी गई तो वह आत्मसमर्पण नहीं करने वाला है।