हरियाणा के मेवात में हिंदुओं की शोभायात्रा पर हमले (Nuh, Mewat Violence) के मामले में पुलिस ने दो आरोपितों का एनकाउंटर किया है। दोनों आरोपित राजस्थान की तरफ से नूहं आ रहे थे। इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी।
अरावली की पहाड़ियों में हुई इस मुठभेड़ में हिंदुओं का खून बहाने वाले एक संदिग्ध को गोली लगी है। इसके बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। घायल आरोपित को पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया है। इनके नाम मुनसैद और सैकूल बताए जा रहे हैं। इस बीच, पुलिस हिंसा से जुड़े 12 फेसबुक ग्रुपों की पड़ताल कर रही है, जिनके तार पाकिस्तान से जुड़े हैं।
तावडू़ की पहाड़ियों में हुआ एनकाउंटर
पुलिस को मुखबिरों ने सूचना दी थी कि नूहं में हिंदुओं पर हुए हमले के दो आरोपित राजस्थान से नूहं लौट रहे हैं। वो तावड़ू की पहाड़ियों के रास्ते आ रहे हैं। पुलिस ने उनकी घेरेबंदी की थी। जैसे ही दोनों आरोपित पहाड़ियों में पहुँचे, पुलिस ने उन्हें रुकने का इशारा किया। पुलिस का इशारा पाकर रुकने के बजाय दोनों आरोपितों ने तमंचे से पुलिस पर फायर झोंक दिया।
इसके बाद पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की। इसमें एक आरोपित के पैर में गोली लगी और वह गिर गया। इसके बाद पुलिस ने मुनसैद और सैकूल को गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों के पास से कट्टा, कारतूस और बाइक बरामद किए हैं। यह एनकाउंटर लगभग एक घंटे तक चला। इस दौरान 4-5 राउंड फायर हुए।
पहाड़ियों में छिपे हैं दंगाई, पुलिस कर रही है छापेमारी
हिंदुओं की जलाभिषेक यात्रा पर हुए हमले के आरोपित पुलिस कार्रवाई से बचने के लिए फरार हैं। इनमें से कई लोग अरावली की पहाड़ियों में छिपे हुए हैं। पुलिस इस इलाके में लगातार छापेमारी कर रही है। इसके लिए एजेंसियाँ ड्रोन की भी मदद ले रही हैं। पुलिस पहाड़ियों में छिपे 8 लोगों को अब तक गिरफ्तार कर चुकी है।
बता दें कि 31 जुलाई 2023 को शोभा यात्रा के दौरान नूहं में हिंदुओं पर हमला हुआ था। इसके बाद यह हिंसा आसपास के कई जिलों में हिंसा फैल गई थी। नूहं में अब धारा 144 लागू है और इंटरनेट पर बैन है। नूहं हिंसा में 6 लोगों की जान चली गई थी। वहीं, पुलिस ने अब तक 188 लोगों को गिरफ्तार किया है।
पाकिस्तान से जुड़े सोशल मीडिया ग्रुपों पर नजर
इस बीच पुलिस ने ऐसे 12 सोशल मीडिया ग्रुपों की जाँच शुरू की है, जो पाकिस्तान से संचालित किए जा रहे हैं। इन ग्रुपों में राजस्थान और हरियाणा के लोग बड़ी संख्या में जुड़े हैं। इन सोशल मीडिया ग्रुपों के माध्यम से हिंसा को और अधिक फैलाई गई थीं। ऐसे ग्रुप फेसबुक, ट्विटर के साथ टेलीग्राम और वॉट्सऐप पर भी चल रहे हैं।