केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश के अलग-अलग जगहों पर फँसे प्रवासी मजदूरों, पर्यटकों, विद्यार्थियों आदि को आवाजाही की अनुमति दे दी है। गृह मंत्रालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश अपने यहाँ फँसे लोगों को उनके गृह राज्यों में भेजने और दूसरी जगहों से अपने-अपना नागरिकों को लाने के लिए स्टैंडर्ड प्रॉटोकॉल तैयार करें। यानी, अब हर प्रदेश दूसरे प्रदेशों से अपने नागरिकों को वापस ला पाएगा और अपने यहाँ फँसे दूसरे प्रदेशों के नागरिकों को वहाँ भेज पाएगा।
गृह मंत्रालय ने जारी ऑर्डर में कहा है कि राज्य और केंद्रशासित प्रदेश इस काम के लिए नोडल अथॉरिटीज नामित करेंगे। फिर ये अथॉरिटीज अपने-अपने यहाँ फँसे लोगों का रजिस्ट्रेशन करेंगी। जिन राज्यों के बीच लोगों की आवाजाही होनी है, वहाँ की अथॉरिटीज एक-दूसरे से संपर्क कर सड़क के जरिए लोगों की आवाजाही सुनिश्चित करेंगी।
Ministry of Home Affairs (MHA) allows movement of migrant workers, tourists, students etc. stranded at various places. #CoronavirusLockdown pic.twitter.com/3JH2YPAuQU
— ANI (@ANI) April 29, 2020
हालाँकि, जो लोग जाना चाहेंगे, उनकी स्क्रीनिंग की जाएगी। अगर उनमें कोविड-19 के कोई लक्षण नहीं दिखेंगे तो उन्हें जाने की अनुमति होगी। लोगों की आवाजाही के लिए बसों का उपयोग किया जा सकेगा। बसों को सैनिटाइज करने के बाद उसमें सोशल डिस्टेंसिंग के नियम के मुताबिक ही लोगों को बिठाया जाएगा।
कोई भी राज्य इन बसों को अपनी सीमा में प्रवेश करने से नहीं रोकेगा। डेस्टिनेशन पर पहुँचने के बाद लोगों की लोकल हेल्थ अथॉरिटीज की ओर से जाँच की जाएगी। बाहर से आए लोगों को घूमने-फिरने की अनुमति नहीं होगी और उन्हें होम क्वारंटाइन में ही रहना होगा। जरूरत पड़ी तो उन्हें अस्पतालों/स्वास्थ्य केंद्रों में भी भर्ती किया जा सकता है। उनकी समय-समय पर जाँच होती रहेगी। ऐसे लोगों को आरोग्य सेतु का इस्तेमाल करना होगा ताकि उनके स्वास्थ्य पर नजर रखी जा सके।
बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी ताजा आँकड़ों के मुताबिक भारत में कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या 31787 हो गई है। पिछले 24 घंटों में कोरोना के 1813 नए मामले सामने आए हैं और 71 लोगों की मौत हुई है। वहीं, देश में कोरोना से अब तक 1008 लोगों की मौत हो चुकी है, हालाँकि राहत की बात यह है कि 7797 मरीज इस बीमारी को हराने में कामयाब भी हुए हैं।
गौरतलब है कि पिछले दिनों दिल्ली और महाराष्ट्र में घर जाने के लिए प्रवासियों का जमावड़ा देखने को मिला था। दिल्ली से प्रवासियों के भारी पलायन को लेकर उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को एक चिट्ठी लिखी थी। चिट्ठी में बैजल ने कड़े शब्दों में केजरीवाल से कहा था कि लॉकडाउन को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए दिल्ली सरकार के पास सभी शक्तियाँ थीं, फिर भी ऐसा नहीं हो सका।
वहीं महाराष्ट्र के बांद्रा में हज़ारों की संख्या में प्रवासी मजदुर जुट गए, जो अपने घर जाने की माँग कर रहे थे। पुलिस ने उन मजदूरों को तितर-बितर करने के लिए लाठियाँ चटकाई। ये मजदूर माँग कर रहे हैं कि इन्हें वापस इनके घर भेजा जाए, जो दूसरे राज्यों में है।