उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद के हिंदू कॉलेज में ड्रेस कोड लागू होने के बावजूद बुर्का पहनकर पहुँची छात्राओं को कॉलेज प्रशासन ने बुधवार (18 जनवरी, 2023) को प्रवेश देने से मना कर दिया। इसके बाद छात्राएँ कॉलेज के बाहर धरने पर बैठ गईं।
UP: Girls denied entry to Moradabad college for wearing burqa; professors say ‘uniform implemented’
— ANI Digital (@ani_digital) January 18, 2023
Read @ANI Story | https://t.co/mP4AH0f8Xs#UttarPradesh #MORADABAD #burqa #uniformcode pic.twitter.com/SxhSAYAjUS
मुस्लिम छात्राओं का आरोप है कि उन्हें ड्रेस कोड का हवाला देकर बुर्का पहनकर कॉलेज में आने से मना कर दिया गया। साथ ही एंट्री गेट पर बुर्का उतारने के लिए मजबूर भी किया गया। मामला बढ़ने के बाद मुस्लिम छात्रों, ‘समाजवादी छात्र सभा’ के कार्यकर्ताओं और कॉलेज के प्रोफेसर के बीच हाथापाई तक हो गई। सोशल मीडिया पर ‘हिंदू कॉलेज’ का वीडियो वायरल हो रहा है।
#Moradabad मुस्लिम छात्राओं को हिन्दू कॉलेज में बुर्का पहनकर आने से रोका गया
— MSB News (@PBusiness_1) January 19, 2023
हिंदू कॉलेज में ड्रेस कोड लागू हो जाने के बाद कॉलेज के अंदर बुर्का पहनकर आने वाली छात्राओं को रोका गया, मुस्लिम छात्राओं ने बुर्का पहनकर विद्यालय के अंदर तक आने की मांग की।@asadowaisi @aimim_national pic.twitter.com/ouCDQUmq8a
इसके साथ ही सोशल मीडिया पर उन छात्राओं का वीडियो भी वायरल हो रहा है, जो ‘हिंदू कॉलेज’ द्वारा ड्रेस कोड लागू करने से काफी खुश हैं। एक छात्रा ने कहा, “मुझे ड्रेस पहनकर आना बहुत अच्छा लग रहा है। इक्वेलिटी (समानता) महसूस हो रही है। किसी भी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं लग रहा है। अमीर, गरीब सब बराबर लग रहे हैं।” एक और छात्रा आयुषी ने बताया कि उसे भी कॉलेज की ड्रेस में आना अच्छा लग रहा है। रूल्स बने हुए हैं। ड्रेस में आते हैं, तो ऐसा लगता है कि कॉलेज जा रहे हैं।
बुर्का पहनकर हंगामा करने वाली छात्राओं के बारे में पूछे जाने पर आयुषी ने कहा, “ये गलत है। हर कॉलेज के अपने-अपने रूल्स होते हैं। वो रूल्स हमें फॉलो करने चाहिए।”
मुरादाबाद: कॉलेज में बुर्का पहनकर आईं छात्राओं को रोका#UttarPradesh | #Hijab pic.twitter.com/sYjbA6kEm4
— TV9 Bharatvarsh (@TV9Bharatvarsh) January 19, 2023
वहीं, कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. एपी सिंह का कहना है कि उन्होंने यहाँ छात्रों के लिए एक ड्रेस कोड लागू किया है, जो भी इसका पालन करने से इनकार करेगा, उसे कॉलेज परिसर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा, “बिना तर्क के इस मुद्दे को तूल दिया गया है। दो महीने पहले ही घोषणा कर दी गई थी कि एक जनवरी से कॉलेज में ड्रेस पहनकर आना अनिवार्य होगा, तो यह नियम सभी के लिए लागू है। कॉलेज प्रशासन का निर्णय सभी को मानना चाहिए। व्यवस्था खराब करने की किसी को छूट नहीं दी जाएगी।”
इसको लेकर ‘समाजवादी छात्र सभा’ के सदस्यों ने बुर्के को कॉलेज के ड्रेस कोड में शामिल करने और मुस्लिम लड़कियों को इसे पहनकर अपने क्लास रूम में बैठने की अनुमति देने के लिए एक ज्ञापन सौंपा।
कर्नाटक हिजाब विवाद
गौरतलब है कि इसी तरह का एक मामला कर्नाटक में जनवरी 2022 में सामने आया था। कर्नाटक (Karnataka) के उडुपी जिले के प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की कुछ मुस्लिम छात्राएँ क्लास के अंदर हिजाब (Hijab) पहनने की जिद पर अड़ गई थीं। इसके लिए उन्होंने विरोध प्रदर्शन भी किया था। ये छात्राएँ इस्लामीकरण के प्रतीक हिजाब को अपना मौलिक अधिकार बता रही थीं। कर्नाटक हाई कोर्ट ने इस मामले पर 14 मार्च 2022 को अपने फैसले में कहा था कि छात्राएँ तय यूनिफॉर्म को पहनकर आने से मना नहीं कर सकती हैं। इसी फैसले को सुप्रीम कोर्ट में 23 याचिकाएँ डालकर चुनौती दी गई थी।