मध्यप्रदेश के सागर जिले में बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री द्वारा करवाई जा रही कथा में 50 से ज्यादा परिवारों के 95 लोगों ने सनातन धर्म अपनाया। ये लोग जिले के अलग-अलग गाँवों के रहने वाले हैं। उन्होंने घर वापसी के वक्त कहा कि वो लोग लालच में आकर ईसाई बन गए थे लेकिन अब फिर ऐसाइ नहीं होगा।
बता दें कि सागर जिले के बहेरिया इलाके में बांके बिहारी नगर में पंडित धीरेंद्र शास्त्री 24 अप्रैल से कथा कर रहे थे। रविवार को इस कथा का अंतिम दिन था। इसी दिन 95 लोगों ने घर वापसी करते हुए कहा- “हम लालच में आकर मार्ग से भटक गए थे। लेकिन अब नहीं भटकेंगे। हम सनातन में ही रहेंगे।”
पंडित धीरेंद्र कृष्णा शास्त्री ने इन्हें धर्म की शपथ दिलाई। इन्हें पीली पट्टिका पहनाकर इनका हिंदू धर्म में स्वागत किया गया। इस दौरान घर वापसी करने वाले लोगों ने बताया कि उन्हें किन परिस्थितियों में ईसाई बना दिया गया था और उन्हें क्या कहा गया था।
नौनेलाल नाम के शख्स ने कहा कि कि पैसे देने और बच्चों की पढ़ाई का लालच देकर उन लोगों को ईसाई बनाया गया था। लेकिन जब उन्होंने पंडित धीरेंद्र शास्त्री की कथा सुनी तो उनकी आत्मा जाग गई। वे बोले- अब जबतक जिंदगी रहेगी, सनातनी धर्म में ही रहेंगे। कहीं नहीं जाएँगे चाहे कोई कितना ही दम लगाए।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, दयाल नाम के शख्स ने बताया कि उसे पानी में डुबकी लगवाकर ईसाई बनाया गया था और ऐसा करने के बाद उसे बकरी, मच्छरदानी और कंबल भी मिले थे। दयाल ने कहा, “मजदूरी करते थे इसलिए लालच में आ गए। उन्होंने कहा था कि ईसाई धर्म मानोगे तो ऐसे ही सब कुछ मिलेगा।” वहीं घर वापसी करने वाली एक महिला ने भी बताया कि कैसे उसे ईसाई बनाकर उसे मंगलसूत्र पहनने से मना किया गया था।
95 लोगों की सनातन में वापसी कराने के बाद बागेश्वर धाम वाले पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, “हम जातिवाद में नहीं पड़ते। आज से आप लोग हमारा परिवार है।” उन्होंने हिंदुओं से अपील की कि सभी घर वापसी वाले लोगों को अपना परिवार मानें। उन्होंने कहा कि अगर आज भी हिंदू नहीं जागे तो इसी तरह उन्हें खंड-खंड किया जाता रहेगा। पंडित धीरेंद्र शास्त्री बोले- “मेरा प्रण है कि मैं हिंदुओं को खंड-खंड नहीं होने दूँगा। ये अभियान चलता रहेगा।”
बता दें कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने इससे पहले भी कई धर्मांतरित लोगों को घर वापसी करवाई है। इस माह फरवरी में 200 से ज्यादा लोग उनका आशीर्वाद लेकर सनातन में आए। उससे पहले क्रिसमस के ही दिन करीबन 300 लोगों ने हिंदू धर्म स्वीकारा था। इस अभियान के कारण उन्हें कई बार निशाना भी बनाया गया। लेकिन उन्होंने ये साफ कहा कि वो हिंदुओं को बिखरने से बचाते रहेंगे।