उत्तर प्रदेश में सियासत का चोला ओढ़े अपराधियों और उनकी अवैध सम्पत्तियों पर यूपी पुलिस का बुलडोजर चलना जारी है। ताज़ा मामला गाजीपुर का है, जहाँ पंजाब के जेल में बंद विधायक मुख़्तार अंसारी के करीबी आजम कादरी के अस्पताल सहित अवैध सम्पत्तियों को ध्वस्त किया गया। वहाँ स्थित उसकी ‘शम्म-ए-हुसैनी हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर’ अस्पताल को बुलडोजर की मदद से धूल में मिला दिया गया, जो अवैध रूप से कब्ज़ा की गई ज़मीन पर बनी हुई थी।
एसडीएम सहित कई थानों की पुलिस सुबह से ही मौजूद थी और अंततः शनिवार (अक्टूबर 24, 2020) को दोपहर तक इसे ध्वस्त कर दिया गया। पूरा जिला प्रशासन इस दौरान इस कार्रवाई के लिए मुस्तैद रहा। मुख़्तार अंसारी के करीबी आजम ने हमीद सेतु के पास व गंगा के ठीक किनारे इस अस्पताल को बनवाया हुआ था। इस काम में एक पोकलेन और दो जेसीबी लगाए गए। 10 थानों की पुलिस की मौजूदगी में मुख़्तार अंसारी के करीबी के अस्पताल को बुलडोजर से ध्वस्त करने की कार्रवाई हुई।
प्रशासन ने कई बार इस इमारत को लेकर नोटिस जारी की थी, जिसे सभी नियम-कायदों को ताक पर रख कर बनाया गया था। बीते 8 अक्टूबर को ही इसे ध्वस्त करने का आदेश एसडीएम द्वारा जारी कर दिया गया था। लेकिन, अस्पताल के संचालक ने हाईकोर्ट और फिर अदालत के कहने पर डीएम के पास अर्जी देकर इसे रोकवाने की कोशिश की। शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान प्रशासन ने सभी अपीलों को ख़ारिज कर दिया।
इसके बाद ही मुख़्तार अंसारी के गैंग में खलबली मच गई और रातोंरात वहाँ से सारे मरीजों को हटा दिया गया। सुबह तक वो लोग अस्पताल में से सारे सामानों को शिफ्ट करने और उसे खाली करने में लगे हुए थे। पूरी तरह सामान खाली करने का मौका दिया गया और फिर ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू की गई। ‘दैनिक जागरण’ के अनुसार, एक आँकड़ा दिया गया है कि इस इमारत को बनवाने में और पूरे सेटअप में 70-80 करोड़ रुपए लगे थे।
कुछ ऐसे आपरेशन नेस्तनाबूद का बुलडोज़र चला @ghazipurpolice
— Awanish Vidyarthi (@awanishvidyarth) October 24, 2020
माफ़िया विधायक मुख़्तार के क़रीबी आज़म क़ादरी के अवैध परिसर पर चला बुलडोज़र, गुनाह की कमाई की 25 करोड़ की संपत्ति @UPGovt ने ज़ब्त की । @News1IndiaTweet @shalabhmani @ShishirGoUP @Chandramohanbjp @vijaypathakbjp pic.twitter.com/SW4ukRitX9
उधर सीजेएम कोर्ट ने मऊ स्थित दक्षिणटोला थाने में जालसाजी और आर्म्स एक्ट के मामले में नामजद किए गए विधायक मुख्तार अंसारी को उनके अधिवक्ता दारोगा सिंह की अर्जी पर दो नवम्बर 2, 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश होने को मंजूरी दी है। सुनवाई में उपस्थित न रहने की उसकी माँग ठुकरा दी गई। मुख़्तार अंसारी 2017 में मऊ से 5वीं बार विधायक बने मुख़्तार अंसारी ने 2 बार बसपा, 2 बार निर्दलीय और 1 बार अपने भाई की पार्टी ‘कौमी एकता दल’ से जीत दर्ज की है।
इससे पहले माफिया मुख्तार अंसारी को पंजाब के रोपड़ जेल से उत्तर प्रदेश वापस लाने गई यूपी पुलिस को खाली हाथ लौटना पड़ा था। पंजाब पहुँचकर यूपी पुलिस को बताया गया था कि अंसारी को डॉक्टर ने 3 माह का बेड रेस्ट कहा है। यूपी पुलिस उसे एमपी/एमएलए कोर्ट में पेश करना चाहती थी। मगर, पंजाब पहुँचकर उनके हाथ निराशा लगी। मेडिकल रिपोर्ट में मुख्तार को डायबिटीज और डिप्रेशन का शिकार बताया गया।