भारतीय जनता पार्टी (BJP) के महाराष्ट्र (Maharashtra) से विधायक नितेश राणे (MLA Nitesh Rane) को मुंबई हाईकोर्ट (Mumbai High Court) से झटका लगा है। उच्च न्यायालय ने 17 जनवरी (सोमवार) को उनकी अग्रिम जमानत याचिका ख़ारिज कर दी। याचिका की सुनवाई जस्टिस सी वी भडांग (CV Bhadang) कर रहे थे। इससे पहले दिसम्बर 2021 में सिंधुदुर्ग जिला अदालत भी नितेश राणे की अग्रिम जमानत याचिका ख़ारिज कर चुकी है।
Breaking – #BombayHighCourt refuses anticipatory bail to #BJP MLA #NiteshRane, son of Union Minister Narayan Rane, in an attempt to murder case registered at Sindhudurg.
— Live Law (@LiveLawIndia) January 17, 2022
ABA of co-accused Manish Dalvi allowed.@NiteshNRane @MeNarayanRane pic.twitter.com/nuSImFeJYM
नितेश राणे केंद्रीय मंत्री नारायण राणे (Narayan Rane) के बेटे हैं। वो सिंधुदुर्ग जिले की कंकावली सीट से विधायक हैं। उन पर 44 साल के संतोष परब नाम के व्यक्ति ने अपनी हत्या के प्रयास की FIR दर्ज करवाई है। शिकायतकर्ता का आरोप है कि कंकावली में नरवदे नाका के पास बाइक से जाते समय उसे कार से टक्कर मारी गई। कार इनोवा थी जिस पर नंबर नहीं पड़ा था। जब वह जमीन गिरा तब उसे लगभग 50 मीटर तक घसीटा गया। फिर हमलवार ने सतीश सावंत नाम के एक व्यक्ति के साथ उसे जान से मारने की धमकी दी। उसे मार डालने का प्रयास किया गया और उसके सीने में छुरा घोंपा गया।”
संतोष ने बताया कि उसने हमलावरों का नाम गोत्या सावंत और नितेश राणे सुना। यह केस कंकावली (Kankavli) पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ था। विधायक राणे की तरफ से वकील नितिन प्रधान ने बहस की। अभियोजन पक्ष ने बताया है कि राणे जाँच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। उनके खिलाफ CCTV फुटेज, मोबाइल लोकेशन और अन्य चश्मदीदों के पर्याप्त प्रमाण मौजूद हैं।
यद्यपि, बचाव पक्ष के वकीलों का तर्क है कि इस मामले में विधायक नितेश राणे को साजिशन फँसाया जा रहा है। इस साजिश के पीछे उनके राजनैतिक प्रतिद्वंद्वी हैं। शिकायतकर्ता किसी भी हमलावर को नहीं जानता है, इसलिए संभव है कि वो किसी के इशारे पर काम कर रहा हो।”