सुखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकांड को अंजाम देने वाले 2 शूटरों रोहित राठौर और नितिन फौजी को उनके तीसरे सहयोगी उधम के साथ राजस्थान पुलिस ने रविवार (10 दिसंबर, 2023) को चंडीगढ़ से गिरफ्तार किया था। इन सभी ने पूछताछ में कई अहम खुलासे किए हैं। इन शूटरों को रोहित गोदारा ने कनाडा में बसाने और गोल्डी बराड़ जैस जिंदगी का लालच दिया था। इन्हीं दोनों शूटरों ने ही सुखदेव सिंह की हत्या में शामिल अपने तीसरे साथी नवीन शेखावत को मार डाला था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नितिन फौजी और रोहित राठौर विदेश भागने की फिराक में थे। इन सभी को रोहित गोदारा गैंग से लॉरेंस विश्नोई का समर्थन, कनाडा का पासपोर्ट वीजा, कैश और हथियारों का लालच दिया गया था। सुखदेव सिंह की हत्या के एवज में दोनों शूटरों को गोल्डी बराड़ जैसी जिंदगी के सपने दिखाए गए थे। फ़िलहाल सुखदेव हत्याकांड के मास्टरमाइंड रोहित गोदारा के यूरोप के किसी देश और उसके साथियों के कनाडा में छिपे होने की आशंका है। इन सभी को पासपोर्ट आदि तैयार होने में 15 से 20 दिन का समय बताया गया था।
दोनों शूटरों के साथ पुलिस ने अब तक उनके 2 सहयोगियों को भी अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार किया है। इनके नाम रामवीर जाट और उधम हैं। इन दोनों को सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या से पहले और बाद में शूटरों के रहने-खाने व फरार होने के इंतजाम देखने के लिए कहा गया था। खबर यह भी है कि दोनों सहयोगियों को इसी काम के लिए 50-50 हजार रुपए दिए भी गए थे। पुलिस शूटरों का सहयोग करने वाले रामवीर जाट और उधम से भी सवाल-जवाब में जुटी है।
पूछताछ में यह जानकारी भी निकल कर सामने आई है कि शूटर नितिन फौजी का रोहित गोदारा से परिचय भवानी सिंह नाम के एक व्यक्ति के माध्यम से हुआ। भवानी उर्फ़ रॉनी पहले ही गोदारा और उसके वीरेंद्र चरण जैसे साथियों के सम्पर्क में था। भवानी ने ही नितिन फौजी की बात रोहित गोदारा और उसकी गैंग से करवाई थी। इसी बातचीत के बाद नितिन फौजी सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के लिए तैयार हो गया था।
अपने ही साथी को मार डाला दोनों शूटरों ने
अब तक हुई पूछताछ में यह निकल कर सामने आया है कि 5 दिसंबर को रोहित राठौर और नितिन फौजी की मुलाकात हुई थी। दोनों नवीन शेखावत के वाहन से सुखदेव सिंह गोगामेड़ी को मारने के लिए निकले। घटना को अंजाम देने के बाद दोनों ने अपने ही साथी नवीन को भी गोली मार दी। बताया जा रहा है कि नवीन शेखावत को भी मारने का आदेश शूटरों को उनके आकाओं से मिला था। नवीन काफी समय से सम्पत नेहरा और रोहित गोदारा के लिए काम कर रहा था। नवीन ने ही सुखदेव गोगामेड़ी की पूरी रेकी की थी और शूटरों से मीटिंग करवाई थी।
इस बीच नवीन घटनाओं को अंजाम देने की एवज में ज्यादा पैसे माँगने लगा था। पैसे न मिलने पर वह अपने ही आकाओं को गिरफ्तार करवाने की धमकियाँ देता था। शूटरों ने यह भी बताया कि उन्हें लगा कि नवीन शेखावत सुखदेव सिंह को गोलियाँ मारने के दौरान उनको रोकने का प्रयास कर रहा था। हत्यारों ने चंडीगढ़ में एक टैक्सी ड्राइवर जतिंदर सिंह से स्विफ्ट डिजायर कार भी लूटी थी। हरभजन सोसाइटी जाने के लिए इन्होंने टैक्सी बुक की थी। अब तक गाड़ी नहीं मिली है। जतिंदर को शक है कि ये गोगामेड़ी के हत्यारे ही थे, वो चेहरे से पहचान सकता है। पुलिस उसका बयान दर्ज करेगी।