मध्य प्रदेश के दमोह जिले में एक हिन्दू युवक को तिलक लगाने वाले मुस्लिम को सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ रहा है। पीड़ित का नाम आरिफ शाह है। आरिफ का आरोप है कि उन्होंने एक हिन्दू को चुनावी सभा में गुलाल से तिलक लगाया था जिसके बाद वो अपने ही मुस्लिम समाज के कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं। पीड़ित की माँ की मौत पर भी उनके घर कोई नहीं गया और न ही कोई और उन्हें अपने घर बुलाता है। पीड़ित ने इसकी शिकायत पुलिस में की है। पुलिस मामले का संज्ञान ले कर जरूरी कार्रवाई कर रही है।
यह बहिष्कार 1 साल से चल रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मामला दमोह के तेजगढ़ का है। यहाँ रहने वाले आरिफ शाह ने पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में बताया है कि उनके घर के आस-पास हिन्दू धर्म के लोग रहते हैं। एक दिन किसी चुनावी सभा में जब लोग एक-दूसरे से मिल रहे थे तब उन्होंने गुलाल ले कर नामदेव नाम के एक हिन्दू के माथे पर टीका लगा दिया था। यह घटना मुस्लिम समाज के लोगों को नागवार गुजरी और उन्होंने आरिफ के सामाजिक बहिष्कार का ऐलान कर दिया। इस बहिष्कार का सूत्रधार आरिफ ने अपने मुखिया को बताया है।
पीड़ित द्वारा बहिष्कार करने वालों में शौकत अली और कलीम का नाम प्रमुखता से लिया गया है। पत्नी और बच्चों के साथ जिले के पुलिस अधीक्षक से शिकायत करने पहुँचे आरिफ ने अपनी पीड़ा बताई। उन्होंने कहा कि आरोपित मुखिया के भड़काने पर कोई भी मुस्लिम उनकी अम्मी के इंतकाल (मौत) के बाद खाने पर नहीं आया। इसी के साथ वहाँ का मुस्लिम समाज आरिफ को अपने घर होने वाले आयोजनों में भी न्योता देना बंद कर दिया है। बकौल आरिफ इस बहिष्कार से उन्हें हर तरह से काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
आरिफ का यह भी आरोप है कि बहिष्कार करने वालों ने उसकी जमीन भी कब्ज़ाने की कोशिश की थी जिसमें असफल रहने से आरोपित और नाराज हो गए। बताया जा रहा है कि आरिफ का बहिष्कार करने वालों ने उनके घर जाने वाले हर व्यक्ति के बहिष्कार का ऐलान किया है। पीड़ित परिवार ने पुलिस से कार्रवाई की माँग की है। आरिफ की शिकायत के बाद पुलिस ने सभी आरोपित पक्षों को बुलवाया और नसीहत दी। पुलिस का कहना है कि इस मामले में नजर रखी जाएगी और भविष्य में घटना दोहराई गई तो दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।