उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एक मुस्लिम लड़की ने घर-वापसी की है। लड़की का नाम गुलफ्शा बानो है। मूल रूप से UP के ही सीतापुर जिले की रहने वाली गुलफ्शा अब रोशनी पाल नाम से जानी जाएँगी। उन्होंने एक मंदिर में बदायूँ जिले के निवासी अपने प्रेमी सूरज से वैदिक विधि-विधान से शादी किया है। वैवाहिक कार्यक्रम सोमवार (3 जून, 2024) को सम्पन्न हुए हैं। शादी से बेहद खुश रोशनी ने अपना झुकाव पहले से ही हिन्दू धर्म की तरफ बताया है।
कक्षा 7 तक पढ़ीं गुलफ्शा ने बताया कि उनकी और सूरज की पहली मुलाकात लगभग 4 साल पहले हरियाणा के पानीपत जिले में हुई थी। यहाँ की एक फैक्ट्री में सूरज सिलाई का काम करते थे। इसी फैक्ट्री में गुलफ्शा झाड़ू-पोंछा लगाती थीं। वह बेहद गरीब परिवार की हैं। अम्मी-अब्बू के अलावा घर में 4 अन्य बहनें हैं। साथ काम करने के दौरान गुलफ्शा और सूरज पहले अच्छे दोस्त बने और बाद में एक दूसरे से प्यार करने लगे। गुलफ्शा ने अपने घर में सूरज से शादी की बात रखी तो सभी नाराज हो गए।
अब्दुल सलाम की बेटी गुलफ्शा का कहना है कि सूरज से रिश्तों की जानकारी होने के बाद उनके घर में सभी ने बातचीत बंद कर दी। गुलफ्शा की अम्मी किसमतुल ने तो अपनी ही बेटी को छत से धक्का दे कर जान से मार डालने की कोशिश की। लड़की के परिजनों ने सूरज पाल से बात करने पर उसे मार कर कहीं फेंक देने तक की बातें कहीं थीं। गुलफ्शा ने पहले से ही खुद को हिन्दू धर्म की तरफ आकर्षित बताया। उन्होंने खुद को बालिग़ बताते हुए सूरज पाल से अपनी मर्जी से विवाह करने की बात कही। शादी बाद गुलफ्शा अपने पति के साथ चली गईं।
गुलफ्शा और सूरज का विवाह बरेली के अगत्स्य मुनि आश्रम में हुआ है। शादी के लिए गुलफ्शा अपने पैतृक घर सीतापुर और सूरज बदायूँ से पहुँचे थे। दोनों ने वैदिक विधि विधान का पालन किया। गुलफ्शा ने हिन्दू परम्परा के हिसाब से कपड़े पहने थे। शादी के दौरान ही उन्होंने सूरज के नाम का सिन्दूर अपनी मांग में डाला। इस मौके पर आचार्य पंडित के के शंखधर से दोनों का विवाह सम्पन्न करवाया। शादी में सूरज के परिजनों के अलावा हिन्दू संगठन से जुड़े कुछ लोग भी शामिल हुए। इन सभी ने वर-वधू को सदा सुखी रहने का आशीर्वाद दिया।