केरल के स्कूल में छात्र-छात्राओं के लिए समान ड्रेस कोड का फैसला मुस्लिम संगठन को रास नहीं आया है। पैंट-शर्ट को ड्रेस कोड घोषित करने के विरोध में मुस्लिम संगठन ने रैली निकाली है। राज्य की वामपंथी सरकार पर ड्रेस कोड जबरन थोपने का आरोप लगाया है। हालॉंकि राज्य सरकार इसे सही फैसला बता रही।
इस फैसले का केरल की मुस्लिम कॉर्डिनेशन कमेटी ने विरोध किया है। विरोध में बुधवार (15 दिसंबर) को कोझीकोड जिले के बालूसेरी में रैली निकाली गई। इस रैली में कहा गया, “हम इस बदलाव का विरोध करते हैं। यह फैसला अलोकतांत्रिक है। यह हमारे कपड़े पहनने के अधिकार का हनन है। यह उदार विचारधारा को हम पर थोपने जैसा है।” विरोध-प्रदर्शन स्कूल के गेट पर भी किया गया। प्रदर्शन के दौरान इस ड्रेस कोड को जबरदस्ती का आदेश भी बताया गया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बुधवार (15 दिसम्बर) को केरल के बालूसेरी गवर्नमेंट गर्ल्स हाईयर सेकंडरी स्कूल द्वारा युनिसेक्स यूनिफॉर्म नियम लागू किया गया है। समान यूनिफॉर्म का यही नियम राज्य के 1 दर्जन से ज्यादा अन्य स्कूलों में भी लागू किया गया है। पैंट-शर्ट का यह ड्रेस 10वीं क्लास के ऊपर के छात्रों पर लागू होगा। केरल के उच्च शिक्षामंत्री आर बिंदू ने इसका समर्थन किया। उन्होंने इसे एक क्रांतिकारी कदम बताया है।
At a time when the world is heralding an age of gender justice and equality, Balussery Govt Girls HSS has taken a radical step forward. Glad to have had the opportunity to officially inaugurate the school’s new gender neutral uniform, which students have welcomed with open arms. pic.twitter.com/eEQQXsRgWX
— Dr R Bindu (@rbinducpm) December 15, 2021
गौरतलब है कि इस से पहले भी पहनावे पर तमाम मौलाना और मौलवी बयान दे चुके हैं। जनवरी 2021 में ‘मिस प्लस वर्ल्ड मलेशिया 2020′ कार्यक्रम के दौरान कट्टरपंथी संगठनों और यहाँ तक कि मलेशिया की सरकार ने भी प्लस साइज महिलाओं के कार्यक्रम में आने को इस्लाम के खिलाफ बताया था। नवम्बर 2021 में केरल के इस्लामी स्कॉलर हुसैन सलाफ़ी ने मुस्लिम महिलाओं के लिए शॉपिंग मॉल को हराम बताया था। सितम्बर 2021 में दारुल उलूम के प्रिंसिपल और जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने औरतों के लिए खेलकूद हराम, मर्दों के साथ पढ़ने से भटक जाएँगी’ जैसा बयान दिया था। अगस्त 2020 में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में टीवी देखना, कैरम खेलना, लॉटरी खरीदना और फ़ोन या कम्प्यूटर का इस्तेमाल कर के गाने सुनना ‘हराम‘ घोषित करते हुए 500 रुपयों से लेकर 7000 रुपए तक का जुर्माना और उसे न मानने वालों के लिए कान पकड़ कर उठक-बैठक कराने की सज़ा देने का एलान किया गया था।