ऑनलाइन पोर्टल MuslimMirror.com ने मंगलवार (26 अक्टूबर, 2021) को अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें कुछ लोग एक होटल खोलने का विरोध करते हुए दिखाई दे रहे हैं। मुस्लिम मिरर ने दावा किया है कि ये विरोध इसलिए किया गया, क्योंकि होटल का मालिक एक मुसलमान था।
मुस्लिम मिरर ने अपने ट्वीट में लिखा, ”कुछ लोगों द्वारा होटल खोलने का विरोध किया जा रहा है, क्योंकि इसका मालिक एक मुसलमान है।” उसने अपने ट्वीट को पिन किया था, जिससे यह कुछ ही घंटों में वायरल हो गया। इसी तरह के दावे Peace and Conflict Research के तथाकथित प्रोफेसर अशोक स्वैन द्वारा भी किया है।
स्वैन ने कहा कि लोगों की भीड़ इसलिए होटल खोलने का विरोध कर रही थी, क्योंकि इसे एक मुसलमान खोल रहा था। हालाँकि, सच्चाई हमेशा की तरह इस बार भी कल्पना से कोसों दूर है, जिसे तथाकथित लिबरल और धर्मनिरपेक्षता के योद्धा दिखाने की कोशिश करते हैं।
गुजरात के आनंद में 80 फीट रिंग रोड पर स्थित होटल ब्लू आईवी (Blue Ivy) पिछले दो सालों से मार्जिन लिमिट के उल्लंघन को लेकर कानूनी कार्रवाई झेल रहा है। दरअसल, 5 नवंबर 2020 को आनंद वल्लभ विद्यानगर करमसद शहरी विकास प्राधिकरण (एवीकेयूडीए) ने अपने एक पत्र में उल्लेख किया था कि ब्लू आईवी होटल के निर्माण में स्वीकृत योजना के अनुसार शर्तों और मार्जिन अनुमति का उल्लंघन किया है।
ऑपइंडिया से बात करते हुए अवैध निर्माण के खिलाफ याचिकाकर्ताओं में से एक डॉ. शैलेश शाह ने कहा, “हमारा विरोध होटल के अवैध निर्माण के खिलाफ है। हमें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मालिक हिंदू है या मुस्लिम या कोई और। सच तो यह है कि यहाँ मार्जिन लिमिट का उल्लंघन किया गया है। यह चिंता का विषय है और हमारा विरोध उसी को लेकर है।”
उन्होंने कहा कि वह अन्य याचिकाकर्ताओं के साथ 2019 से अवैध निर्माण के खिलाफ लड़ रहे हैं। आनंद में अशांत क्षेत्र अधिनियम लागू किया गया है। इसके बावजूद ऐसा लगता है कि कुछ बिल्डर इसकी खामियों के कारण रास्ता निकाल लिए हैं। यह होटल सिद्धि विनायक मंदिर के पास बना है।
रिपोर्ट के अनुसार, अशांत क्षेत्र अधिनियम लागू होने से ठीक पहले, 2019 में संपत्ति हस्तांतरण के दस्तावेज बना लिए गए थे। 4 दिसंबर 2019 को इसके परिसर में रेस्तराँ और जिम का संचालन शुरू हो गया था। इसके बाद गुजरात हाईकोर्ट में एक विशेष दीवानी याचिका दायर की गई। तब भी लोगों ने अवैध निर्माण का विरोध किया था। शर्तों के उल्लंघन के कारण नवंबर 2020 में इस निर्माण को लेकर एसके फाइनेंस एंड इनवेस्टमेंट कंपनी को एक नोटिस भी दिया गया था। इसके बावजूद बिल्डरों ने निर्माण कार्य जारी रखा।
स्थानीय लोगों का आरोप था कि अवैध निर्माण के बावजूद प्रशासन चुप्पी साधे रहा। इतना ही नहीं, लोगों का आरोप है कि उन्होंने संशोधित मानचित्र के माध्यम से अवैध निर्माण को सामान्य करने का भी प्रयास किया। नवंबर 2020 में आनंद के कलेक्टर के चिटनीश को भी Blue Ivy होटल के अवैध निर्माण पर अधिकारियों की निष्क्रियता के संबंध में AVKUDA अधिकारियों को पत्र लिखा था।
वहीं, जमीयत-ए-उलेमा ने इसे सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की और याचिकाकर्ताओं पर सांप्रदायिक द्वेष फैलाने का आरोप लगाया। जमीयत के आनंद चैप्टर ने एक अर्जी दी थी। ऑपइंडिया से बात करते हुए डॉ. शाह ने कहा कि बचाव पक्ष के वकील आई एच सैयद ने एक सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं पर मामले को सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाया, जो वास्तव में अवैध निर्माण और मार्जिन सीमा के उल्लंघन को लेकर है। डॉ. शाह ने कहा, ”अगर होटल का मालिक हिंदू होता तो भी हम इस मामले को उठाते। कानून का उल्लंघन करने वाले की धर्म और जाति नहीं देखी जाती।”
25 अक्टूबर 2021 को गुजरात हाईकोर्ट ने परिसर की उचित माप करने के लिए 28 अक्टूबर 2021 तक का समय दिया, ताकि पता लगाया जा सके कि अनधिकृत निर्माण किस हद तक किया गया है।