Wednesday, November 20, 2024
Homeदेश-समाज'महिलाओं को घर के अंदर ही नमाज पढ़नी चाहिए': सुन्नी मौलाना

‘महिलाओं को घर के अंदर ही नमाज पढ़नी चाहिए’: सुन्नी मौलाना

याचिकाकर्ताओं की दलील है कि पाक कुरान में भी मस्जिद में महिलाओं के प्रवेश का कभी विरोध नहीं किया गया है। साथ ही बताया गया है कि इस्लाम के सबसे पाक स्थल मक्का समेत कई देशों में महिलाओं को मस्जिद में जाने की इजाजत है।

मुस्लिम महिलाओं के मस्जिद में प्रवेश को लेकर अभी कोर्ट में याचिका दर्ज हुए कुछ समय ही हुआ है कि मज़हब के ठेकेदारों ने इस पर आपत्ति जतानी भी शुरू कर दी है। केरल के सुन्नी मौलानाओं और इस्लामिक विद्वानों के संगठन समस्त केरला जमीयतुल उलेमा ने महिलाओं के मस्जिद में प्रवेश पर अपनी कट्टर प्रतिक्रिया को दोहराया है।

संगठन की मानें तो मुस्लिम महिलाओं को अपने घर के अंदर ही नमाज़ पढ़नी चाहिए। उनका कहना है कि वह मज़हब से जुड़े मामलों में कोर्ट का हस्तक्षेप स्वीकार नहीं कर सकते हैं।

संगठन के महासचिव अलीक्कूटी मुसलियर ने इस मामले पर कहा, “हम धार्मिक मामलों में कोर्ट के हस्‍तक्षेप को स्‍वीकार नहीं कर सकते हैं। हमें अपने धार्मिक नेताओं के निर्देशों को मानना चाहिए।”

यहाँ मुसलियर ने सबरीमला मामले का हवाला देते हुए कहा कि उनके संघठन ने उस समय भी महिलाओं के प्रवेश पर इसी तरह का रुख अपनाया था। मुसलियर का कहना है कि मस्जिद में केवल पुरूषों को ही नमाज़ पढ़नी चाहिए। मस्जिद में महिला प्रवेश पर दायर याचिका पर मुसलियर ने कहा है कि यह नियम नया नहीं हैं, पिछले से 1400 साल से यह अस्तित्व में है।

याद दिला दें कि 28 सितंबर 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने महिला अधिकारों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए केरल के सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक को हटा दिया था। अब देखना है कि सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर निष्पक्षता के साथ क्या फैसला सुनाती हैं।

सबरीमला विवाद के बाद धर्म की आड़ में महिलाओं के मौलिक अधिकारों पर उठा, यह दूसरा मामला है। याचिकाकर्ताओं की दलील है कि पाक कुरान में भी मस्जिद में महिलाओं के प्रवेश का कभी विरोध नहीं किया गया है। साथ ही बताया गया है कि इस्लाम के सबसे पाक स्थल मक्का समेत कई देशों में महिलाओं को मस्जिद में जाने की इजाजत है।

बता दें कि याचिकाकर्ताओं द्वारा पेश की गई दलीलों पर उच्चतम न्यायालय वकील के जवाबों से असंतुष्ट दिखाई दिया और स्पष्ट स्वीकारा कि इस मामले को सुनने का एकमात्र कारण, केरल के सबरीमला मंदिर पर उनका फैसला है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

बांग्लादेश बॉर्डर से सटा जिला, भूमि माँ लक्ष्मी की, नाम रख दिया गया करीमगंज… CM हिमंत बिस्व सरमा ने बदल दिया नाम: अब जाना...

असम को उसके ऐतिहासिक मूल्यों से जोड़ने की कोशिश बताते हुए CM हिमंत बिस्व सरमा ने करीमगंज जिले का नाम बदल कर श्रीभूमि किया

पत्थरबाजों को छिपाया, UP पुलिस को किया बदनाम: अखिलेश यादव ने डाली कटी हुई वीडियो, जानिए क्यों मीरापुर में खाकी को ताननी पड़ी पिस्टल

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मीरापुर विधानसभा उपचुनाव की आधी-अधूरी वीडियो शेयर की। मुजफ्फरनगर पुलिस ने इसका पूरा सच बताया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -