Sunday, April 28, 2024
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जिसे राखी बाँधती थी दिव्या, उसी शौकीन ने तलवार से किया हमला: विश्वासघाती को लोगों ने धूना, एनकाउंटर के बाद गाजियाबाद पुलिस ने दबोचा

परिजनों का कहना है कि रक्षाबंधन पर दिव्या शौकीन को राखी बाँधती थी और वह उसे भाई मानती थी, लेकिन शौकीन इन सबका यह नतीजा देगा, किसी ने भी इसकी कल्पना नहीं की थी। पीड़िता के पिता संजय का कहना है कि कुछ दिन पहले दिव्या की स्कूल की एक लड़की किसी के साथ भाग गई थी। इस पर शौकीन दिव्या को भी स्कूल जाने से रोकने लगा।

उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में 16 साल की एक लड़की पर तलवार से हमला कर जान से मारने की कोशिश की गई। आरोपित की पहचान शौकीन के रूप में हुई है। पीड़िता उसे अपना भाई मानते हुए राखी बाँधती थी। पुलिस जब शौकीन को गिरफ्तार कर मेडिकल के लिए ले जा रही थी, तभी उसने पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की। इसके बाद एनकाउंटर में पुलिस ने उसे पकड़ लिया। उसके पैर में गोली लगी है। आरोपित के दूसरे समुदाय के होने के कारण इलाके में तनाव है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मामला गाजियाबाद के मोदीनगर इलाके की जगतपुरी कॉलोनी का है। यहाँ रहने वाले संजय उपाध्याय की बेटी दिव्या उपाध्याय 9वीं क्लास में पढ़ती है। गुरुवार (5 अक्टूबर 2023) की शाम वह रोज की तरह घर के पास रहने वाले टीचर के पास ट्यूशन पढ़ने जा रही थी। इसी दौरान 35 साल के शौकीन ने पीछे से आकर उस पर तलवार से ताबड़तोड़ वार किए।

मौके पर मौजूद लोगों ने ईंट-पत्थर से हमला कर पीड़िता को छुड़ाया। आसपास के लोगों ने पकड़कर शौकीन की पिटाई कर दी। इसी दौरान पुलिस को सूचित कर उसे सौंप दिया गया। तलवार से हुए इस हमले में दिव्या बुरी तरह से जख्मी हो गई है। उसके शरीर पर 9 जगह हमले के निशान हैं। सिर, गर्दन और हाथ में गंभीर घाव और कोहनी में फ्रैक्चर हुआ है।

पीड़िता के पिता संजय उपाध्याय और शौकीन अच्छे दोस्त हैं। दोनों का घर आमने-सामने है। संजय और शौकीन साथ में रँगाई-पुताई का काम भी करते हैं। शौकीन की पत्नी उससे अलग रहती है। संजय के परिजनों का कहना है कि अकेले रहने के कारण वह अक्सर उन्हीं के यहाँ खाना भी खाता था।

परिजनों का कहना है कि रक्षाबंधन पर दिव्या शौकीन को राखी बाँधती थी और वह उसे भाई मानती थी, लेकिन शौकीन इन सबका यह नतीजा देगा, किसी ने भी इसकी कल्पना नहीं की थी। पीड़िता के पिता संजय का कहना है कि कुछ दिन पहले दिव्या की स्कूल की एक लड़की किसी के साथ भाग गई थी। इस पर शौकीन दिव्या को भी स्कूल जाने से रोकने लगा।

परिजनों को लगा कि उनकी बेटी उसे भाई मानती है, इसलिए वह यह सब कर रहा है। यहाँ तक कि वह उसे कोचिंग भी अकेले नहीं जाने देता था। शौकीन ने ही संजय से बात कर दिव्या का स्कूल भी बदलवा दिया था। वह हर बात में दिव्या को टोकता था, लेकिन परिजन शौकीन की नीयत नहीं समझ पाए थे।

पीड़िता के एक परिजन का कहना है कि शौकीन को फाँसी की सजा होनी चाहिए। यदि पुलिस सजा नहीं दिला सकती तो शौकीन को उन्हें सौंप दिया जाए। वह न्याय कर देंगे। इसके बदले में जो सजा होगी वह भुगतने को तैयार हैं।

बता दें कि शौकीन को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस मेडिकल के लिए उसे हॉस्पिटल लेकर जा रही थी। इसी दौरान उसने पुलिस से बंदूक छीनकर भागने की कोशिश की। फिर पेड़ की ओट में छिपकर फायरिंग करने लगा। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी फायरिंग की तो उसके दाएँ पैर में गोली जा लगी है। इसके बाद पुलिस ने उसे दबोच लिया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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