हरियाणा के गुरुग्राम में अब अन्य इलाकों में भी सड़क पर और सार्वजनिक स्थलों पर नमाज का विरोध किया जा रहा है। शुक्रवार (19 नवंबर, 2021) को गुरुग्राम के सेक्टर-37 स्थित एक सार्वजनिक ग्राउंड में मुस्लिमों की भीड़ नमाज पढ़ने के लिए पहुँच गई, जिससे स्थानीय लोगों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ा। स्थानीय हिन्दुओं ने इसका कड़ा विरोध किया है। ये ग्राउंड खान्डसा गाँव में स्थित है। स्थानीय लोग न सिर्फ गाड़ियाँ लगाने के लिए इसे उपयोग में लाते हैं, बल्कि कई युवक यहाँ क्रिकेट भी खेलते हैं।
आरोप है कि नमाज पढ़ने पहुँची मुस्लिम भीड़ ने खान्डसा गाँव में क्रिकेट खेल रहे लड़कों के साथ बदतमीजी भी की। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस सार्वजनिक मैदान पर वो किसी भी प्रकार का अवैध कब्ज़ा नहीं होने देंगे। जब मुस्लिम भीड़ नमाज पढ़ने आई तो वहाँ क्रिकेट खेल रहे लड़कों ने अपने गाँव के सार्वजनिक मैदान को खाली करने से इनकार कर दिया। लोगों का कहना था कि सार्वजनिक जगहों पर नमाज से स्थानीय आम जनों और यात्रियों को परेशानी होती है।
हंगामा होने के बाद सेक्टर-10 और सेक्टर-37 के लोग वहाँ पहुँचे। इसके बाद दोनों पक्ष थाने पहुँचे, जहाँ पुलिस ने समझौता कराने की कोशिश की। हालाँकि, इसके बाद मुस्लिमों को नमाज पढ़ने की इजाजत दे दी गई। लेकिन, स्थानीय युवकों ने स्पष्ट कह दिया है कि सार्वजनिक मैदान में वो अगले जुमे से नमाज नहीं पढ़ने देंगे। साथ ही उन्होंने पुलिस से भी कहा कि वैध आदेश के बिना इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती। ‘गुरुग्राम न्यूज़’ ने इस सम्बन्ध में कुछ युवकों से बात भी की।
एक स्थानीय युवक सचिन यादव ने बताया, “जब भी हमारी छुट्टी होती है तो हम इस मैदान में क्रिकेट खेलने के लिए आते हैं। सुबह से हम क्रिकेट खेलना चालू करते हैं। दोपहर के 12 बजे मुस्लिमों ने यहाँ आना शुरू किया और अगले एक घंटे के भीतर 1000 मुस्लिमों की भीड़ यहाँ जुट गई। उन्होंने अपनी चटाइयाँ बिछा दीं और नमाज पढ़ना शुरू कर दिया। उनके पास मस्जिदें हैं, कमरे हैं जहाँ वो नमाज पढ़ सकते हैं। लेकिन, हमारे लिए तो यही एक मैदान है। हमारा उनसे निवेदन है कि मस्जिदों में और घर में नमाज पढ़ें।”
स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस ने मुस्लिम भीड़ को वहाँ से हटाने की बजाए ग्रामीणों से ही कहा कि वो मैदान को खाली कर दें, ताकि वहाँ नमाज हो सके। मोहित राघव नाम के स्थानीय युवक ने बताया कि मुस्लिम भीड़ के पास इतनी भी तमीज नहीं थी कि हमारे मैदान को खाली करने के लिए हमसे निवेदन करें। लोगों का आरोप है कि क्रिकेट खेलने वाले लड़कों को पीटा भी गया। इससे स्थानीय युवक आक्रोशित हो गए। ‘मुस्लिम एकता मंच’ के हाजी शहजाद ने दावा किया कि ये मैदा उन 20 सार्वजनिक जगहों में है, जहाँ नमाज पढ़ने की इजाजत दी गई है।
उधर गुरुद्वारा सिंह सभा में सिख युवकों ने भी मुस्लिमों द्वारा वहाँ नमाज पढ़े जाने का विरोध किया। खबर आई थी कि गुरुद्वारा कमिटी ने मुस्लिमों के नमाज के लिए अपने परिसर में अनुमति दे दी है। सिखों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। जोवाहर सिंह नामक सिख ने स्पष्ट कहा कि गरुद्वारा में नमाज नहीं हो सकता, क्योंकि श्री गुरु ग्रन्थ साहिब इसकी अनुमति नहीं देता। सिखों का पहना है कि प्रबंधक समिति के फैसले के पक्ष में वो नहीं हैं। गुरुचरण सिंह नामक सिख ने कहा कि सभी समुदायों के लोगों का यहाँ स्वागत है, लेकिन सिर्फ गुरबानी के लिए।
उन्होंने कहा कि गुरुद्वारा परिसर का इस्तेमाल ऐसी किसी भी चीज के लिए नहीं किया जा सकता, जो श्री गुरु ग्रन्थ साहिब की मर्यादा के विरुद्ध हो। प्रबंधक कमिटी ने बताया कि मुस्लिमों को नमाज के लिए अन्यत्र जगह दी गई थी, लेकिन ‘प्रकाश परब’ मनाए जाने के कारण उन्होंने इनकार कर दिया। ‘संयुक्त हिन्दू संघर्ष समिति’ के लोगों ने गुरुद्वारा जाकर गुरु तेग बहादुर पर पुस्तकें बाँटी। गुरुद्वारा कमिटी ने प्रवक्ता दया सिंह ने कहा कि गुरुद्वारा में सिर्फ सिख रीति-रिवाज होंगे, नमाज के लिए बेसमेंट और पार्किंग स्थल जैसे खाली जगहें दी गई थीं।