जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के पहले संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) टॉपर रहे शाह फैसल (Shah Faesal) आईएस (IAS) की नौकरी छोड़कर राजनीति में जाने पर अफसोस जताया है। उन्होंने सरकारी सेवा में फिर से लौटने का संकेत दिया है। इस संबंध में उन्होंने बुधवार (27 अप्रैल 2022) को कई ट्वीट किए।
8 months of my life (Jan 2019-Aug 2019) created so much baggage that I was almost finished.
— Shah Faesal (@shahfaesal) April 27, 2022
While chasing a chimera, I lost almost everything that I had built over the years. Job. Friends. Reputation. Public goodwill.
But I never lost hope.
My idealism had let me down. 1/3
फैसल ने ट्वीट में कहा, “मेरे जीवन के 8 महीनों (जनवरी 2019-अगस्त 2019) ने इतना बेकार बना दिया था कि मैं लगभग समाप्त हो गया था। एक कल्पना का पीछा करते हुए मैंने लगभग वह सब कुछ खो दिया था, जो मैंने वर्षों में बनाया था। काम, दोस्त, प्रतिष्ठा और सार्वजनिक सद्भावना। लेकिन मैंने कभी उम्मीद नहीं खोई। मेरे आदर्शवाद ने मुझे निराश किया।”
Just thought of sharing that life is beautiful. It is always worth giving ourselves another chance.
— Shah Faesal (@shahfaesal) April 27, 2022
Setbacks make us stronger.
And there is an amazing world beyond the shadows of the past.
I turn 39 next month. And I’m really excited to start all over again. 3/3
अगले ट्वीट में उन्होंने कहा, “मुझे खुद पर भरोसा था कि मैं अपने द्वारा की गई गलतियों को नहीं दोहराऊँगा। यह जीवन मुझे एक और मौका देगा। मेरा एक हिस्सा उन 8 महीनों की याद से थक गया है और मैं उस याद को मिटाना चाहता हूँ। मुझे विश्वास है कि बाकी समय मिटा देगा।” उन्होंने कहा कि अतीत की छाया से अलग एक अद्भुत दुनिया है और 39 साल की उम्र में एक बार फिर से शुरुआत करने को लेकर बेहद उत्साहित हैं।
शाह फैसल का नाम पोस्टिंग की प्रतीक्षा वाले अधिकारियों की सूची में हैं। सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने फैसल की पुन: नियुक्ति प्रक्रिया खोल दी है। माना जा रहा है कि फैसल आईएएस अधिकारी के रूप में या उप-राज्यपाल के सलाहकार की भूमिका मेें वापस सरकारी सेवा में लौटेंगे।
बता दें कि साल 2019 में उन्होंने IAS पद से इस्तीफा दे दिया था। पिछले तीन वर्षों के दौरान उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया था। GAD डिपार्टमेंट के सूत्रों का कहना है कि जिस अधिकारी ने अपना इस्तीफा सौंप दिया था और स्वीकृति के लिए डीओपीटी- भारत सरकार को भेज दिया गया था, उन्हें सामान्य प्रशासन विभाग में पोस्टिंग के आदेश की प्रतीक्षा में रखा गया है।
साल 2009 में यूपीएससी टॉप करने वाले शाह फैसल ने देश में बढ़ती असहिष्णुता के नाम पर जनवरी 2019 में सरकारी नौकरी छोड़ते हुए इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्होंने मार्च 2019 में जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट नाम से एक राजनीतिक पार्टी बनाई थी। उनका उद्देश्य विधानसभा चुनाव लड़ना था, लेकिन राज्य में अनुच्छेद 370 हटने के बाद से जम्मू-कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश घोषित कर दिया गया और चुनाव नहीं संपन्न हुआ।
अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को खत्म करने के बाद शाह फैसल को हिरासत में भी लिया गया था। राज्य के बदले राजनीतिक हालात के बाद उन्होंने अगस्त 2020 में राजनीति छोड़ने की घोषणा कर दी। इसके बाद सरकारी सेवा में आने के उन्होंने कई बार संकेत दिए थे। केंद्र और भाजपा के कटु आलोचक रहे फैसल सोशल मीडिया पर केंद्र सरकार की नीतियों का खूब समर्थन करने लग गए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के बयानों और भाषणों को भी खूब साझा करते रहे हैं।
उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा के लोलाब इलाके में जन्मे फैसल श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (SKIMS) में मेडिकल की पढ़ाई की थी और वहाँ वे गोल्ड मेडलिस्ट थे। जब फैसल 19 साल के थे तब साल 2002 में उनके शिक्षक पिता गुलाम रसूल शाह को आतंकियों ने हत्या कर दी थी।