महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी के आरोप में गिरफ्तार किए गए महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने अभी भी अपना अनशन जारी रखा है। वहीं वामपंथी लगातार ‘हरिद्वार धर्म संसद’ मामले में उन पर और कार्रवाई की माँग कर रहे हैं। उन्हें उत्तराखंड की हरिद्वार पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उन्हें फ़िलहाल अस्पताल ले जाया गया है, जहाँ उन्होंने ‘रस आहार’ अनशन जारी रखा है। उन्होंने कहा कि जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (पूर्व में वसीम रिजवी) की रिहाई तक ये अनशन जारी रहेगा।
साथ ही उन्होंने ये माँग भी की है कि इस मामले में संतों पर दर्ज किए गए मुक़दमे वापस किए जाने चाहिए। ज्ञात हो कि शनिवार (15 जनवरी, 2022) की रात गाजियाबाद के डासना स्थित शिव-शक्ति धाम के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती को गिरफ्तार किया गया। उधर प्रबोधानंद गिरी ने कहा है कि सनातन धर्म और संस्कृति को मानने वालों को इस कार्रवाई का प्रतिकार करना चाहिए। उन्होंने संतों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दी।
उधर अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि उनकी सोच ये है कि घृणा को किसी भी रूप में कहीं भी स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “देश में घृणा फैलाने वाले समाज को विभाजित कर रहे हैं। साथ ही वो दुनिया के सामने राष्ट्र की खराब छवि पेश करने की साजिश रच रहे हैं। ऐसे लोगों पर ये देखे बिना कार्रवाई होनी चाहिए कि वो कौन हैं। उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। समाज को विभाजित करने की हर साजिश को तुरंत ध्वस्त करना आवश्यक है।”
हरिद्वार के सर्वानंद घाट पर यति नरसिंहानंद के समर्थक pic.twitter.com/eKrJlsojhm
— Puneet Kumar Singh (@puneetsinghlive) January 16, 2022
राज्यसभा में सदन के उपनेता मुख़्तार अब्बास नकवी ने देश में सांप्रदायिक विभाजन की आलोचना की। उधर प्रबोधानंद गिरी ने ‘धर्म संसद’ के कार्यक्रमों को चालू रखने की बात करते हुए कहा कि सौ करोड़ सनातनियों के हितों की रक्षा की बात करने में कोई बुराई नहीं है। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में संत इस प्रतिकार सभा में भाग लेने के लिए हरिद्वार पहुँच रहे हैं। ये सर्वानंद घाट पर प्रस्तावित है। उधर जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी की जमानत याचिका भी नामंजूर हो गई है।