सोशल मीडिया में प्रश्न पत्र वायरल हो रहा है। यह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली के द्वितीय सेमेस्टर का ऑनलाइन मूल्यांकन पत्र है। इसमें कश्मीर के लिए उसी तरह की भाषा का इस्तेमाल किया गया है जैसा पाकिस्तान करता है।
वायरल प्रश्न पत्र में भारत के अभिन्न हिस्से कश्मीर को ‘भारत अधिकृत कश्मीर’ (Indian Occupied Kashmir) बताया गया है।
इस मूल्यांकन पत्र के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई है। सोशल मीडिया पर तो कई लोग मूल्यांकन पत्र तैयार करने वाले प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई की भी माँग कर रहे हैं।
This assessment paper mentioning ‘ lIndian Occupied Kashmir’ is made by Prof Vinod Kumar for LL.M. students in July.
— Gaurav Pradhan 🇮🇳 (@OfficeOfDGP) July 26, 2020
Vinod is Director, Center for Human Rights and Subaltern Studies at National Law University, Delhi under @msisodia pic.twitter.com/ywXI4XQc1w
सोशल मीडिया में दावा किया जा रहा है कि इस मूल्यांकन पत्र को प्रोफेसर विनोद कुमार ने जुलाई में LLM के छात्रों के लिए तैयार किया था। प्रोफेसर विनोद कुमार, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स एंड सबाल्टर्न स्टडीज़ के निदेशक हैं। सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि यह प्रश्न पत्र 2019 के बैच के छात्रों के लिए तैयार किया गया था, जिसका ऑनलाइन टेस्ट 2020 में हुआ।
This assessment paper mentioning ‘ lIndian Occupied Kashmir’ is made by Prof Vinod Kumar for LL.M. students in July.
— #VishhalThakkaar®🇮🇳 (@vishalgthakkar) July 26, 2020
Vinod is Director, Center for Human Rights and Subaltern Studies at National Law University, Delhi under @msisodia pic.twitter.com/L8iSw602xg
ट्विटर पर लोगों ने इसके लिए उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को भी घेरा है, क्योंकि यह उनके विभाग के ही अधीन आता है। बता दें कि मनीष सिसोदिया के पास फिलहाल शिक्षा, उच्च शिक्षा, जन निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), शहरी विकास, स्थानीय निकाय, भूमि एवं भवन तथा रेवेन्यू विभाग हैं।
This assessment paper mentioning ‘ Indian Occupied Kashmir’ is made by Prof Vinod Kumar for LL.M. students in July.
— Prashant Patel Umrao (@ippatel) July 26, 2020
Vinod is Director, Center for Human Rights and Subaltern Studies at National Law University, Delhi under @msisodia.
Kindly take action. @DelhiPolice @CPDelhi pic.twitter.com/5MJ6XavytJ
सोशल मीडिया पर लोगों ने इस पत्र को शेयर करते हुए दिल्ली पुलिस से इनके खिलाफ एक्शन लेने की अपील की है। लोगों का कहना है कि इनके और पड़ोसी मुल्क के रवैये में कोई अंतर नहीं है। लोगों ने तो यहाँ तक कह दिया कि ये किसी गद्दार से कम नहीं हैं। इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
There must b some strict law and serious action against these Desh k Gaddaar ppl
— Yatender Chauhan (@yatenderchauhan) July 26, 2020
This is not a mistake but planned
— The optimistic indian (@Amit70545632) July 26, 2020
This is the jhopriwal model of education. Shame, what all will he sale for votes?
— Pankaj Singh (@PankajSariyal) July 26, 2020
एक सोशल मीडिया यूजर्स ने कहा कि ये गलती नहीं, बल्कि प्लान्ड है। वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा, “ये देखिए सर, क्या हो रहा है। ये शिक्षक अपना ही देश तोड़ने जैसी चीजें सिखाते हैं। आज अरेस्ट नहीं किया तो कल ये आपके बच्चों को भी गलत सिखाएँगे और उनके बच्चों को भी और उनके घर भी तुड़वा देंगे। कुछ कार्रवाई कर दीजिएगा।”
@CPDelhi
— Quaratined बैटमैन (@K86761204) July 26, 2020
Ye sir dekhiye kya ho rha ha, ye teacher apna hi desh todne jaise cheeze sikhate ha. Arrest aaj nahi kiya toh kal ye apke bacchon ko bhi galat sikhaye ya unke bacchon ko bhi, aur unka ghar bhi tudwa denge. Kuch karawayi krdijiyega, vrana kya fyda bharat mata ki jai mein
बता दें कि इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली में राष्ट्रीय राजधानी के छात्रों के लिए 50 प्रतिशत सीट आरक्षित रखने के फैसले पर रोक लगा दी थी। दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा था कि यथास्थिति बनाई रखी जाए। नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी प्रसाशन ने दिल्लीवासियों के लिए 50 फीसदी सीट आरक्षित कर दिए थे, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इस पर रोक लगा दिया था।
वहीं मनीष सिसोदिया ने साफ किया था कि दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले विश्वविद्यालयों, जिसमें नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी भी शामिल है, में अब कोई परीक्षाएँ नहीं ली जाएँगी। परीक्षाओं के बिना पिछले वर्ष या पिछले सेमेस्टर के अंकों के आधार पर छात्रों को डिग्री दे दी जाएगी। ताकि वे अपनी अगली कक्षाओं में पढ़ाई की तैयारी कर सकें, या जिन्हें नौकरी करना है, वे अपने भविष्य को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ सकें।