जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं दारुल उलूम देवबंद के कार्यवाहक मोहतमिम हजरत मौलाना कारी मोहम्मद उस्मान मंसूरपुरी का शुक्रवार (मई 21, 2021) को कोरोना से निधन हो गया। कोरोना संक्रमित होने के बाद 75 वर्षीय मौलाना को नोएडा के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
कोरोना संक्रमित मरीज की मौत के बाद उसे किट में लपेटकर उसका अंतिम संस्कार किया जाता है। ताकि दूसरे संक्रमित न हों, लेकिन यूट्यूब पर “दीनदारी” नाम के यूजर द्वारा अपलोड किए गए वीडियो में स्पष्ट देखा जा सकता है कि मौलाना की मौत बाद उनके जनाजे के दौरान किट को हटा दिया गया था और मौलाना का मुँह खुला हुआ था। इससे जितने भी लोग वहाँ थे उनके कोरोना संक्रमित होने का खतरा बढ़ गया है।
वहीं “एमटी मीडिया ओडिशा” नाम के हैंडल से जो वीडियो अपलोड किया है उसमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि जिस वक्त मौलाना कारी मोहम्मद उस्मान मंसूरपुरी का जनाजा आता है उस दौराना हजारों की तादात में भीड़ इकट्ठी होती है। वीडियो में देखा जा सकता है कि सोशल डिस्टेंसिंग पूरी तरह से नदारद थी।
एक अन्य “आल ओडिशा मदरसा” नाम के यूजर ने भी वैसा ही वीडियो अपलोड किया है, जिसमें भारी भीड़ देखी जा सकती है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मौलाना की मौत के बाद शोक सभा में जमीयत उलमा ए हिंद के शहर अध्यक्ष जैनुर राशिद्दीन सिद्दीकी ने मगफिरत के लिए दुआ कराई। बता दें कि दारुल उलूम देवबंद मुसलमानों की सबसे बड़ी संस्था मानी जाती है और मौलाना कारी मोहम्मद उस्मान मंसूरपुरी उसके कार्यकारी मुहतमिम थे।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार की 24 अप्रैल 2021 की गाइडलाइंस के मुताबिक, किसी के भी अंतिम संस्कार में केवल 20 लोग ही शामिल हो सकते हैं। बावजूद इसके यूट्यूब पर अपलोड किए गए वीडियो में हजारों की भीड़ देखी जा सकती है, जो कि राज्य सरकार की गाइडलाइंस का उल्लंघन है। उत्तर प्रदेश में मास्क नहीं पहनने पर पहली बार एक हजार और दूसरी बार ऐसा ही करने पर 10,000 रुपए के जुर्माने का भी प्रावधान है।