ट्विटर और केंद्र सरकार में जारी विवाद के बीच माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट पर पोर्न कंटेट के मामले में बाल अधिकारों के लिए राष्ट्रीय आयोग (NCPR) ने कड़ा रुख अपना लिया है। आयोग ने 29 जून 2021 को दिल्ली पुलिस के साइबर क्राइम डिपार्टमेंट के डीसीपी को पेश होने का आदेश दिया है। इसके साथ ही ट्विटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को कहा है।
आयोग ने दिल्ली पुलिस के डीसीपी अन्येश रॉय से पूछा है कि पिछले महीने 29 मई 2021 को पत्र लिखने के बाद भी ट्विटर के खिलाफ कोई एक्शन क्यों नहीं लिया।
NCPCR के प्रमुख प्रियंक कानूनगो ने एएनआई को बताया कि डीसीपी साइबर क्राइम को ट्विटर के खिलाफ फाइल होने वाले एफआईआर की एक कॉपी के साथ व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होने को कहा है। आयोग ने कहा, “ट्विटर ने पोर्नोग्राफिक और बाल यौन दुर्व्यवहार को लेकर NCPCR द्वारा की गई पूछताछ के दौरान झूठी और भ्रामक जानकारी दी थी, जो पोक्सो अधिनियम के तहत एक गंभीर अपराध था।”
NCPCR summons DCP of Delhi Police Cyber Cell asking him to appear before it via video conferencing on 29th June with action taken report in connection with availability of pornographic material to children on Twitter, with a request to register an FIR against Twitter & TCIPL.
— ANI (@ANI) June 26, 2021
इसी मामले में पिछले महीने (मई 2021) NCPCR ने दिल्ली पुलिस से ट्विटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा था। जबकि पिछले साल NCPCR ने गूगल, ट्विटर, व्हाट्सएप, एप्पल इंडिया जैसी कंपनियों को नोटिस जारी कर चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज मैटीरियल (CSAM) कंटेट को रोकने और उन्हें हटाने के बारे में पूछा था। इसके साथ ही आयोग ने आईटी मंत्रालय से माइक्रो ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म तक बच्चों की पहुँच को खत्म करने का अनुरोध किया था।
NCPCR ने क्या लिखा पत्र में
नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (NCPCR) ने दिल्ली पुलिस को अपनी हाल की पूछताछ के आधार पर ट्विटर के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है। आयोग ने पत्र में दावा किया था कि माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफार्म ट्विटर पर बाल यौन दुर्व्यवहार सामग्री (सीएसएएम) आसानी से मिल जा रही है।
आयोग ने यह भी कहा कि ट्विटर पर डार्क वेब टूलकिट भी उपलब्ध है। ऐसे में यह कंटेंट आसानी से सभी तक पहुँच रहा है। प्रियंक कानूनगो ने दिल्ली पुलिस से पोक्सो एक्ट की धारा 11, 15 और 19 व आईटी एक्ट व आईपीसी के प्रावधानों के तहत ट्विटर के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।
अपने पहले पत्र में कानूनगो ने लिखा था, “13 साल या उससे अधिक उम्र के बच्चों को ट्विटर के इस्तेमाल की अनुमति देने से उनकी पहुँच वहाँ तक वो जाती है, जिसके लिए उस उम्र में छूट नहीं होती।”