बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में एक के बाद एक नए विवाद सामने आ रहे हैं। हाल ही में फिरोज खान की नियुक्ति का विवाद किसी तरह शांत ही हुआ था कि विश्वविद्यालय में एक दूसरे विवाद ने जन्म ले लिया है। BHU के छात्रों ने विश्वविद्यालय में चल रही नियुक्तियों में धाँधली और भेदभाव का आरोप कुलपति राकेश भटनागर और BHU प्रशासन पर लगाया है। इतना ही नहीं इस बार विवाद परिसर से निकलकर शहर भर में चर्चा का विषय है हालाँकि JNU, जामिया, AMU में उलझा देश अभी इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है लेकिन छात्रों ने विश्वविद्यालय के वीसी पर गँभीर आरोप लगाते हुए उनके ख़िलाफ शहर भर में होर्डिंग्स और पोस्टर चस्पा कर दिए हैं। पोस्टर-होर्डिंग्स पर वीसी को हिंदी विरोधी बताते हुए लिखा है, ‘BHU वीसी हिंदी विरोधी’ और उनसे इस्तीफे की माँग की है।
#Varanasi काशी हिन्दू विवि में छात्रों का आंदोलन , कुलपति के सामने छात्रों ने किया प्रदर्शन ,कुलपति के सामने छात्रों ने लहराए पोस्टर,हिंदी भाषा की अनदेखी पर किया विरोध,हिंदी भाषीय छात्रों से भेदभाव का आरोप। pic.twitter.com/m9UImRqY6r
— भारत समाचार (@bstvlive) January 17, 2020
शहर भर के प्रमुख चौराहों पर होर्डिंग्स लगने के बाद विश्वविद्यालय एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है। इस बार विश्वविद्यालय के छात्रों ने वीसी राकेश भटनागर के ख़िलाफ मोर्चा खोलते हुए चौराहों पर बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगाए हैं, जिसमें बड़े अक्षरों में लिखा है ‘BHU वीसी हिंदी विरोधी।’
छात्रों ने आरोप लगाया है कि वीसी हिन्दी भाषी छात्रों के साथ भेदभाव कर रहे हैं और हिन्दी के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है, हमारे मौलिक अधिकारों का हनन किया जा रहा है। यहाँ तक कि भर्ती प्रक्रिया में वह अपने JNU के छात्रों को वरीयता दे रहे हैं। बता दें कि BHU के कुलपति राकेश भटनागर JNU के पूर्व प्रोफ़ेसर हैं उन पर BHU का कुलपति रहते हुए अधिकांश नियुक्तियों में JNU, वामपंथ और अँग्रेजी को वरीयता देने जैसे कई गंभीर आरोप छात्रों ने पहले भी लगाए हैं।
Varanasi: Posters stating ‘BHU VC Hindi Virodhi’ & demanding his resignation seen in parts of the city. Recently Banaras Hindu University (BHU) admn had allegedly not interviewed candidates for the post of Asst Professor,who had opted for Hindi as their language for communication pic.twitter.com/aGEGcvVEG0
— ANI UP (@ANINewsUP) January 17, 2020
इतना ही नहीं शहर भर में दीवारों पर भी पोस्टर चस्पा किए गए हैं, जिनमें वीसी पर वही आरोप दोहराए गए हैं, जोकि होर्डिंग्स में आरोप लगाए गए हैं। साथ ही छात्रों ने वीसी से इस्तीफा देने की माँग की है। जानकारी के मुताबिक इस काम को विश्नविद्यालय के प्रदर्शनकारी छात्रों ने देर रात तक पूरा किया गया। सुबह जब राहगीरों ने देखा और पढ़ा तो सभी दंग रह गए और देखते ही देखते शहर में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया।
दरअसल पिछले महीने इतिहास विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए एक साक्षात्कार चल रहा था। आरोप है कि इस साक्षात्कार में वीसी ने धाराप्रवाह अँग्रेजी नहीं बोलने वाले केंडीटेड्स को बाहर कर दिया था, जिसके बाद से कई छात्र वीसी के ख़िलाफ विरोध करते हुए उनसे इस्तीफे की माँग कर रहे हैं। साथ ही छात्रों ने माँग की है कि नियुक्ति प्रक्रिया की जाँच अवकाश प्राप्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में कराई जानी चाहिए।
इतना ही नहीं शुक्रवार को आयोजित दो दिवसीय पुरातन छात्र सम्मेलन में भी छात्रों नें वीसी के ख़िलाफ लिखे पोस्टरों को हाथ में लेकर लहराना शुरू कर दिया। इस बीच समागम में अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया, जिसे संभालने के लिए प्रॉक्टर टीम ने वीसी का विरोध कर रहे कई छात्रों को हिरासत में ले लिया। हिरासत में लेने के बाद इन छात्रों से क़रीब 4 घंटे तक प्रॉक्टर ऑफिस में बैठाए रखा गया और बाद में हिदायत देकर छोड़ दिया गया। BHU के छात्रों ने ही ऑपइंडिया को बताया कि इन दिनों विश्वविद्यालय में 200 शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है।
वहीं विश्वविद्यालय ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि हमें हाल ही में इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस का दर्जा मिला है। इसके तहत बीएचयू को वैश्विक रैंकिंग में लाना है, जिसके लिए ऐसी फैकल्टी की तलाश करनी हो जो ग्लोबल लैंग्वेज यानि कि अँग्रेजी की अच्छी समझ रखता हो।
गौरतलब है कि BHU में प्रोफेसर फिरोज़ ख़ान की संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में नियुक्ति किए जाने के बाद से कुलपति राकेश भटनागर पूरे देश में चर्चा में आए थे। उस समय भी फिरोज खान को SVDV में नियुक्त करने के लिए 10 में से 10 मार्क्स दिए गए थे तब छात्रों ने अन्य 8 को 0-2 मार्क्स दिए जाने पर आपत्ति जताई थी तब भी नियुक्ति में धाँधली के आरोप लगाए गए थे।