‘नेशनल इन्वेस्टीगेशन एजेंसी (NIA)’ ने ‘कबीर कला मंच’ के तीन कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है। बताया गया है कि ‘कबीर कला मंच’ प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) का एक भाग है। ये संगठन माओवादी विचारधारा को फैलाता है और नक्सली गतिविधियों को बढ़ावा देता है। गिरफ्तार तीनों आरोपितों को भीमा-कोरेगाँव मामले में सह-आरोपित बनाया गया है। इन्हें NIA की मुंबई शाखा द्वारा गिरफ्तार किया गया।
तीनों आरोपित सागर तात्याराम गोरखे, रमेश मुरलीधर गायचोर, ज्योति राघोबा जगताप भगोड़े मिलिंद तेलतुंबड़े से लगातार सम्पर्क में थे और साथ ही सीपीआई (माओवादी) के अर्बन नेटवर्क का जिससे थे। ज्योति ‘कबीर कला मंच’ की ‘लेडी’ सदस्य हैं। गिरफ्तार आरोपितों ने जंगल में जाकर खतरनाक हथियारों का प्रयोग और बम विस्फोट करने का प्रशिक्षण लिया था। इन्हें माओवादी आंदोलन से जुड़े ‘जागरूकता अभियानों’ का भी हिस्सा बनाया गया था।
32 वर्षीय सागर पुणे के वकाड का रहने वाला है। 36 वर्षीय रमेश भी पुणे के ही यरवदा का निवासी है। जगदप पुणे के कोंडवा की रहने वाली है। इन सभी को यूएपीए और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि दिसंबर 2017 में ‘कबीर कला मंच’ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में एल्गार परिषद के एक्टिविस्ट्स ने शनिवारवाड़ा में भड़काऊ भाषण दिए थे, जिसके बाद भीमा-कोरेगाँव में हिंसा भड़क उठी थी।
जनवरी 24, 2020 से ही NIA इस मामले की जाँच कर रही है। इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से अधिकतर खुद को एक्टिविस्ट बताते रहे हैं। गौतम नवलखा, सुधा भारद्वाज और वरवरा राव सहित कई आरोपित पहले से ही जेल में बंद हैं। एनआईए की एक स्पेशल कोर्ट ने गिरफ्तार तीनों आरोपितों को 11 सितम्बर तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया है। पुणे पुलिस की चार्जशीट में भी इन तीनों के नाम दर्ज थे।
Bhima Koregaon case: NIA arrests three members of Kabir Kala Manch, including a woman; says they were not only propagating CPI(Maoist) ideology and were co-conspirators but also underwent weapons and explosives training in the jungles https://t.co/31ZreFCkDD
— Bharti Jain (@bhartijainTOI) September 9, 2020
इससे पहले भीमा कोरेगाँव मामले में हिंदू कॉलेज, दिल्ली यूनिवर्सिटी के अंग्रेजी विभाग के एक प्रोफेसर, पीके विजयन को पूछताछ के सम्बन्ध में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी द्वारा नोटिस भेजा गया था। ये समन भारतीय दंड संहिता (IPC) और गैरकानूनी गतिविधियों (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के कई सेक्शन के तहत जारी किए गए थे। NIA ने इसी तरह के एक मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हनी बाबू को गिरफ्तार किया था।