सिंघु-कुंडली बॉर्डर पर दलित लखबीर सिंह की निर्मम हत्या के बाद से कथित किसान आंदोलन में निहंगों की मौजूदगी को लेकर सवाल उठ रहे हैं। इस बीच निहंगों ने ऐलान किया है कि वे बॉर्डर से नहीं हटेंगे। साथ ही कहा है कि बेअदबी के मामले में वे अपने तरीके से कार्रवाई करेंगे। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार यह ऐलान बुधवार (27 अक्टूबर 2021) को निहंग जत्थेबंदियों की बैठक के बाद किया गया।
निहंगों ने धार्मिक एकत्रता बैठक कुंडली बॉर्डर पर की। पंजाब के कई धार्मिक संगठनों से जुड़े लोग इसमें शामिल हुए। बैठक के बाद दावा किया गया कि 80 फीसदी लोग निहंगों के डटे रहने के पक्ष में हैं। बताया गया है कि 17 अक्टूबर के बाद से ऑनलाइन और ऑफलाइन तरीके से इस पर रायशुमारी चल रही थी। रिपोर्ट के अनुसार बैठक में कहा गया कि कृषि कानूनों के रद्द होने तक निहंग पीछे नहीं हटेंगे। यदि निहंग नहीं होते तो कब का किसान संगठनों के स्टेज पर कब्जा हो गया होता। उनके ही कारण कोई किसानों को नहीं हटा रहा। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार बाबा अमन सिंह दल के बाबा राजा राम ने कहा कि वे अब अलग-अलग जत्थे बनाएँगे। ये जत्थे पंजाब के विभिन्न हिस्सों में जाकर गुरुद्वारा साहिब की व्यवस्थाओं को चेक करेंगे। यदि उन्हें कहीं भी बेअदबी जैसा कुछ मिला तो वो खुद से एक्शन लेंगे।
गौरतलब है कि 15 अक्टूबर 2021 को सिंघु बॉर्डर पर लखबीर सिंह नाम के दलित युवक को बेरहमी से मार डाला गया था। इस घटना में बाबा अमन सिंह दल के निहंग समूह का नाम आया था। इसके बाद 21 अक्टूबर 2021 (गुरुवार) को फ्री में मुर्गा न देने के कारण दलित युवक मनोज पासवान को भी इसी समूह ने पीटा था।
इन घटनाओं से किसान नेताओं ने खुद को अलग कर लिया था। इस बीच में बयान भी जारी किए गए थे कि निहंगों का किसानों से कोई वास्ता नहीं है। निहंगों के अन्य गुट ने भी खुद को बाबा अमन सिंह के समूह से पूरी तरह से अलग करने का ऐलान किया था। राकेश टिकैत ने तो इन घटनाओं के पीछे किसान आंदोलन को बदनाम करने की साजिश तक की आशंका जताई थी।