मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह मामला दिल्ली के कंझावला थानाक्षेत्र का है। यहाँ मंगलवार (27 अगस्त) को पीड़िता के पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। शिकायत में उन्होंने बताया कि वो फलों का ठेला लगाते हैं। उनकी 2 बेटियाँ और 1 बेटा है। कुछ दिनों से पीड़िता के पिता किसी बीमारी से परेशान थे। इसी बीमारी को झाड़-फूँक से ठीक करने के बहाने 52 वर्षीय मोहम्मद शरीफ पीड़िता के घर अक्सर आता-जाता था। बताया जा रहा है कि आरोपित की नीयत बच्चियों पर खराब हो चुकी थी।
यह मामला 26 अगस्त 2024 का है। यह घटना सावदा कॉलोनी, थाना क्षेत्र कंझावला, दिल्ली की है। आरोपित और पीड़ित दोनों ही मुस्लिम समुदाय से है। मुस्लिम समुदाय के ही कुछ लोगों ने पहले इस मामले को दबाने की कोशिश की। बच्चियों के प्रति संवेदनशील बनकर @DelhiPolice न्याय दिलाने में सहयोग करे। pic.twitter.com/NPrJpkZaKw
— Sanjay Shastri (@SK_RSS_2025) August 28, 2024
सोमवार (26 अगस्त 2024) को एक बार फिर से मोहम्मद शरीफ पीड़िता के घर आया। उसने राशन देने का बहाना करके पीड़िता को अपने घर बुलाया। हालाँकि राशन लेने पीड़िता का भाई गया। पहला प्लान फेल होने के बाद आरोपित ने पीड़िता को झाड़-फूँक के बहाने अपने पास बुलाया। यहाँ से वो बच्ची को कब्रिस्तान के पास बनी झाड़ियों में ले गया। झाड़ियों में मोहम्मद शरीफ ने पीड़िता से बलात्कार किया। जब पीड़िता रोने लगी तो उसे मुँह बंद रखने के लिए रुपयों का लालच दिया गया।
आरोप है कि मोहम्मद शरीफ ने पीड़िता को धमकाते हुए यह भी कहा कि अगर उसने कहीं बताया तो उसके अब्बा का कत्ल कर दिया जाएगा। पीड़िता घर आई और डर से चुप रही। मंगलवार (27 अगस्त) को अचानक पीड़िता की तबियत खराब हो गई। उसकी बड़ी बहन को शक हुआ तो उसने पूछताछ की। आखिरकार पीड़िता ने सारी बात बता दी। लड़की के पिता ने थाने में तहरीर दी जिसके आधार पर मोहम्मद शरीफ पर FIR दर्ज हो गई। यह केस भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं के साथ पॉक्सो एक्ट में दर्ज हुई।
अपने खिलाफ केस दर्ज होने की जानकारी मिलते ही मोहम्मद शरीफ फरार होने की फिराक में लग गया। हालाँकि उससे पहले ही उसे पुलिस ने दबोच लिया। पीड़िता और आरोपित एक ही समुदाय से हैं। बताते चलें कि टाइम्स नाउ ने कब्रिस्तान पर काम करने और झाड़-फूँक करने वाले मोहम्मद शरीफ को अपनी रिपोर्ट में तांत्रिक कहकर सम्बोधित किया है। ऐसा पहली बार नहीं है कि मीडिया ने किसी झाड़-फूँक वाले को तांत्रिक नाम दिया हो। पहले भी कई मामले देखे गए हैं जब आरोपित का मजहब छिपाने के नाम पर ऐसे प्रयास पत्रकारिता में देखे गए हों।