दिल्ली के निजामुद्दीन क्षेत्र में स्थित मस्जिद से 200 लोगों के मिलने के बाद से पूरी दिल्ली में हड़कंप मचा हुआ है। अरविन्द केजरीवाल ने बताया है कि राष्ट्रीय राजधानी में अभी तक सामुदायिक संक्रमण का एक भी मामला नहीं आया है। यहाँ कोरोना के कुल 97 मामले मिले हैं, जिनमें से 41 ऐसे हैं जिनकी कोई ट्रेवल हिस्ट्री है। यानी ये सभी विदेश से लौटे लोग हैं। 21 मरीज इनके परिवार वाले हैं। 10 मामले ऐसे हैं, जिनके बारे में सूचनाएँ इकट्ठी की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने लॉफ्टिनेंट गवर्नर से दरख्वास्त की है कि निजामुद्दीन मामले में एफआईआर दर्ज की जाए।
इधर निजामुद्दीन से ले जाए जा रहे सभी लोग बदतमीजी पर उतर आए हैं। उनके द्वारा वो सारी हरकतें की जा रही हैं, जिनसे संक्रमण फैलने का ख़तरा है। एक डॉक्टर ने बताया कि बस से ले जाए जा रहे ये सभी लोग इधर-उधर थूक रहे हैं और अधिकारियों की बात नहीं मान रहे हैं। ये सभी बस की खिड़कियों की तरफ़ से थूक रहे थे, जिससे अन्य लोगों में संक्रमण फैलने का ख़तरा है। मेडिकल कर्मचारी भी उनलोगों से परेशान हो गए हैं। भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने भी इस आरोप की पुष्टि की।
𝗦𝗛𝗢𝗖𝗞𝗜𝗡𝗚
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) March 31, 2020
अभी अभी आजतक पर निज़ामुद्दीन का कड़वा सच
डॉक्टर ने बताया निज़ामुद्दीन से बस में इलाज के लिए ले जाते समय ये लोग जगह जगह थूक रहे हैं
बसों की खिड़कियां बंद करवाई जा रही हैं
जगह जगह थूकने का मकसद – जानबूझकर शहर में कोरोना फैलाना की साजिश pic.twitter.com/Hlml1hLjix
उधर दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल ने कहा है कि एलजी द्वारा जल्द ही एफआईआर रजिस्टर करने का आदेश दिया जाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि अगर किसी भी अधिकारी के द्वारा किसी भी प्रकार की लापरवाही की बात सामने आएगी तो उसके ख़िलाफ़ त्वरित कार्रवाई की जाएगी। निजामुद्दीन में मिले विदेशियों ने वीजा नियमों का भी उल्लंघन किया है, ऐसा गृह मंत्रालय ने बताया है। यहाँ तबलीग जमात के मजहबी कार्यक्रम में न सिर्फ़ सैकड़ों लोग शामिल हुए बल्कि उन्होंने एम्बुलेंस को भी लौटा दिया था। इन्होने सतर्कता और सोशल डिस्टन्सिंग की सलाहों को भी जम कर ठेंगा दिखाया।
People tested positive of Coronavirus at Nijamuddin are spitting out of bus which might infect more people.
— Political Kida (@PoliticalKida) March 31, 2020
But you will be termed sanghi, Fascist, illiterate, etc for calling it ‘Corona J-had’ pic.twitter.com/aQhxM1wCRS
आरोप है कि स्थानीय लोगों ने मस्जिद में छिपे विदेशियों और अन्य लोगों का पूरा साथ दिया। बता दें कि वो समुदाय विशेष बहुल इलाक़ा है। वहीं मरकज लगातार दावा कर रहा है कि वो प्रशासन से लगातार संपर्क में है और उसने लगातार सरकार का सहयोग किया है। मरकज में कुल 2500 लोगों के एक मजहबी कार्यक्रम में शामिल होने की बात सामने आई थी। इनमें से 800 लोगों को हॉस्पिटल ले जाया गया है। कइयों को अभी भी ले जाया जा रहा है। इनमें से कुछ के यूपी जाने की आशंका है, जिनकी तलाशी के लिए सर्च अभियान चलाया जा रहा है।