हरियाणा के मेवात के नूहं में 31 जुलाई 2023 को हुई हिंसा में गौरक्षक मोनू मानेसर और बिट्टू बजरंगी की भूमिका नहीं थी। यह बात हरियाणा की अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) ममता सिंह ने कही है। उन्होंने कहा है कि मोनू मानेसर ने हेट स्पीच नहीं दिया था।
महिला आईपीएस अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया है कि बिट्टू बजरंगी की गिरफ्तारी नूहं में हिंसा भड़काने को लेकर नहीं हुई है। ममता सिंह वही पुलिस अधिकारी हैं, जिन्होंने हिंसा के दौरान नल्हड़ मंदिर में बंधक बने हिंदू श्रद्धालुओं को बचाया था।
एडीजीपी ममता सिंह ने 18 से बातचीत के दौरान कहा, “यदि आप 31 जुलाई की यात्रा से पहले मोनू मानेसर के सोशल मीडिया पोस्ट का ऑडियो सुनें, तो वह कहता है कि मैं यात्रा में शामिल होने आ रहा हूँ। आप भी इसमें शामिल हों’। मुझे नहीं लगता कि केवल यह ऐलान करना कि वह एक यात्रा के लिए आ रहा है, यह किसी भी तरह से हेट स्पीच के अंतर्गत आता है।”
#BreakingNews: Haryana ADGP shares latest updates on #NuhViolence; More than 500 people arrested or in preventing detention so far
— News18 (@CNNnews18) August 19, 2023
"Monu Manesar can't be booked for hate speech..", Haryana ADGP Mamta Singh spoke exclusively to CNN-News18's @Arunima24, listen in@anjalipandey06 pic.twitter.com/AJLwGtLp4V
वहीं, बिट्टू बजरंगी की गिरफ्तारी पर उन्होंने कहा, “मीडिया यह कह रही है कि बिटटू बजरंगी को हिंसा के लिए गिरफ्तार किया गया।लेकिन यह गलत है। दो अलग-अलग मुद्दे हैं। भड़काऊ पोस्ट के मामले में फरीदाबाद पुलिस ने केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया था। वहीं नूहं पुलिस ने इसलिए गिरफ्तार किया है, क्योंकि यात्रा के दिन बिटटू बजरंगी ने एडिशनल एसपी से झगड़ा किया था।”
उन्होंने कहा है, “बिट्टू तलवार और अन्य हथियार लेकर जा रहा था। इस सब चीजों की अनुमति नहीं थी। एडिशनल एसपी ने उन्हें रोकने की कोशिश की। लेकिन बजरंगी और उसके लोगों ने तलवार और हथियार वापस छीन लिए। बिटटू और उसके लोगों ने एडिशनल एसपी व उनकी टीम को काम करने से रोका। इसलिए पुलिस के काम में बाधा डालने के आरोप में उसे गिरफ्तार किया गया है।”
गौरतलब है कि नूहं पुलिस ने 15 अगस्त को फरीदाबाद स्थित घर से बिट्टू बजरंगी को गिरफ्तार किया था। यह कार्रवाई नूहं जिले की ASP उषा कुंडू की शिकायत पर दर्ज एफआईआर के आधार पर हुई थी। FIR में कुंडू ने भी कहा था कि 31 जुलाई 2023 को 15 से 20 व्यक्तियों का एक समूह नल्हड़ मंदिर की ओर जा रहा था। इनमें से कुछ के हाथ में तलवारें और त्रिशूल जैसे हथियार थे। इनसे पुलिसकर्मियों ने हथियार लेने की कोशिश की तो वे नारेबाजी करने लगे और हाथापाई पर उतर आए। हालाँकि इनसे हथियार लेने में पुलिस कामयाब रही। लेकिन शिकायत के अनुसार बाद में बिट्टू बजरंगी और उसके साथी सरकारी गाड़ी से फिर हथियार छीनकर ले गए।