सुप्रीम कोर्ट में नीट-यूजी पेपर कांड को लेकर सुनवाई हुई, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि नीट-यूजी का एग्जाम रद्द नहीं किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने माना कि इससे 155 परीक्षार्थियों को फायदा पहुँचा, जिनके खिलाफ कार्रवाई जारी है। ऐसे में बाकी छात्रों को इसकी वजह से प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह दिखाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं कि परीक्षा की पवित्रता का उल्लंघन किया गया था।
इस बीच, इस मामले की सुनवाई के दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ एक सीनियर एडवोकेट मैथ्यूज नेदुम्परा पर भड़क गए। उन्होंने यहाँ तक कह दिया कि अगर आप चुप नहीं होंगे, तो सिक्योरिटी बुलाकर आपको बाहर कर दिया जाएगा। इसके बावजूद जब सीनियर एडवोकेट मैथ्यूज नेदुम्परा बीच-बीच में बोलते रहे, तो सीजेआई ने बाकायदा गार्ड्स बुलाकर उन्हें बाहर करने के लिए बोल दिया। हालाँकि बाद में वो (सीनियर एडवोकेट) खुद कोर्ट रूम से बाहर चले गए।
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने मंगलवार (23 जुलाई 2024) को सुप्रीम कोर्ट में नीट-यूजी से संबंधित याचिकाओं की सुनवाई में बाधा डालने के लिए सीनियर एडवोकेट मैथ्यूज नेदुम्परा की खिंचाई की। चीफ जस्टिस ने तब हस्तक्षेप किया जब नेदुम्परा ने एक अन्य सीनियर एडवोकेट नरेन्द्र हुड्डा के बोलते समय बीच में बोल पड़े। हुड्डा की बात को बीच में काटते हुए नेदुम्बरा ने कहा, “मुझे कुछ कहना है।” इसके बाद सीजेआई ने उन्हें टोका। लेकिन जब वो नहीं मानें, तो सीजेआई भड़क उठे।
मैथ्यूज नेदुम्परा: मैं आपके सवाल का जवाब दे सकता हूँ। मैं यहाँ मौजूद सभी वकीलों में सबसे वरिष्ठ हूँ। मैं एमिकस (न्यायालय का मित्र) हूँ।
सीजेआई: नहीं। मैंने कोई एमिकस नियुक्त नहीं किया है।
नेदुम्परा: मैं आपके सवाल का जवाब दूँगा।
सीजेआई: मैं नहीं चाहता कि आप सवाल का जवाब दें। बैठ जाइए, नहीं तो मैं आपको कोर्ट से निकलवा दूँगा।
नेदुम्परा: अगर आप मेरा सम्मान नहीं करते हैं, तो मैं खुद ही चला जाऊँगा।
सीजेआई: जब हुड्डा बहस कर रहे हैं, तो मैं नहीं चाहता कि कोई भी हस्तक्षेप करे।
नेदुम्परा: मुझे बस एक बात ही कहनी है।
सीजेआई: (स्टाफ से) कृपया सुरक्षाकर्मियों को बुलाएँ और नेदुम्परा को कोर्ट से निकलवाएँ।
नेदुम्परा: मैं जा रहा हूँ। यह अनुचित है।
सीजेआई: मैथ्यूज, मैं कुछ ऐसा जारी करने के लिए बाध्य हो जाऊँगा जो बहुत ठीक नहीं होगा। आप किसी अन्य वकील को बाधित नहीं करेंगे। मैं इस न्यायालय में प्रक्रिया का प्रभारी हूँ। मैंने पिछले 24 वर्षों से न्यायपालिका को देखा है और मैं किसी भी वकील को मेरी अदालत की प्रक्रिया को निर्देशित करने की अनुमति नहीं दूँगा।
नेदुम्परा: मैंने 1979 से न्यायपालिका को देखा है!
सॉलिसिटर जनरल: यह अवमाननापूर्ण है…
नेदुम्परा: मैं जा रहा हूँ!
-CJI : You can't be disrespectful to the chair. I'll call the security
— Mr Sinha (@MrSinha_) July 23, 2024
-Lawyer Mathews Nedumpara (petitioner of NEET) : You can't. I've been seeing the judiciary since 1979 (in a threatening tone).
Chandrachood Saheb's retirement is near, hence this. They wouldn't dare do this… pic.twitter.com/cfnyQKNSdl
पहले भी कोर्ट में भिड़ चुके हैं नेदुम्बरा
बता दें कि नेदुम्परा पहले भी सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ से बहस कर चुके हैं। इस साल मार्च में इलेक्टोरल बॉन्ड मामले की सुनवाई के दौरान, नेदुम्परा ने चीफ जस्टिस की चेतावनी के बावजूद सुनवाई में बाधा डाली थी। चीफ जस्टिस ने नेदुम्परा से कहा था, “मुझ पर चिल्लाओ मत। यह कोई चौपाल की बैठक नहीं है, तुम कोर्ट में हो। तुम कोई अर्जी देना चाहते हो, अर्जी दाखिल करो। तुम्हें चीफ जस्टिस के तौर पर मेरा फैसला मिल गया है, हम तुम्हारी सुनवाई नहीं कर रहे हैं। अगर तुम अर्जी दाखिल करना चाहते हो, तो ईमेल पर दाखिल करो। इस कोर्ट में यही नियम है।”
वैसे बता दें कि ये वकील साहब 2019 में भी सुप्रीम कोर्ट में लड़ चुके हैं। तब इन्हें तीन महीने की जेल की सजा सुनाई गई थी। सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस पर एक साल की रोक भी लगी थी लेकिन जज को धौंस नहीं देने की अंडरटेकिंग देने पर जेल की सजा निलंबित कर दी गई थी।