देश भर में कोरोना वायरस के कहर से उबरने के लिए वैक्सीनेशन अभियान चल रहा है। लेकिन, कोरोना संक्रमित व्यक्ति को वैक्सीन का डोज कब लेना चाहिए, इसको लेकर बनी भ्रम की स्थिति को दूर करते हुए केंद्र सरकार के पैनल ने सुझाव दिया है कि संक्रमित मरीजों के स्वस्थ होने के करीब 6 महीने के बाद ही टीके का डोज लेना चाहिए।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी पैनल ने कोविशील्ड वैक्सीन के दो डोज के बीच कम से कम 12-16 हफ्ते का गैप रखने का सुझाव दिया है। बता दें कि वर्तमान में कोविशील्ड की दो डोज के बीच 4 से 8 हफ्ते का गैप दिया जाता है।
हालाँकि, कोवैक्सीन के टीके के लिए इस तरह का कोई सुझाव नहीं दिया गया है। टाइम्स ऑफ इंडिया के सूत्रों के मुताबिक, “नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑफ इम्युनाइजेशन” (NTAGI) ने कोविशील्ड के लिए ये सुझाव गुरुवार को दिया है। अब वो इस सुझाव को वैक्सीन प्रशासन के राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह को भेजेगा।
इसके अलावा गर्भवती महिला को कोई भी टीका लगवाने का ऑफर दिया जा सकता है। सरकारी पैनल के मुताबिक, डिलिवरी के बाद महिला कभी भी वैक्सीन का डोज ले सकेगी।
इस बीच ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने कोवैक्सीन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक को 2 से 18 साल की आयु के लोगों के लिए टीकों के दूसरे क्लीनिकल ट्रायल को मंजूरी दी है। भारत बायोटेक यह ट्रायल पूरी तरह से स्वस्थ 525 वालंटियर्स पर करेगा।
खास बात यह है कि पैनल ने यह सिफारिश ऐसे वक्त में की है, जब कोरोना की दूसरी लहर के कारण वैक्सीन की सप्लाई में कुछ कमी देखने को मिल रही है। लाइव हिंदुस्तान की रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे पहले मार्च में केंद्र सरकार ने कोविशील्ड की पहली और दूसरी डोज के बीच के अतंर को बढ़ाकर 6 से 8 सप्ताह करने के लिए कहा था।