हरियाणा के नूहं में 31 जुलाई 2023 को हिन्दुओं की शोभायात्रा के दौरान भड़की हिंसा की विस्तृत जाँच अभी जारी है। हिंसा के दौरान नूहं के साइबर पुलिस थाने पर भी हमला किया गया था। इस हमला सुनियोजित था। हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने भी इसके सुनियोजित होने की बात कही है।
अब हरियाणा पुलिस ने कहा है कि यह हमला अप्रैल माह में नूहं में साइबर अपराधियों पर हुई छापेमारी के बाद जुटाए गए सबूतों को नष्ट करने के लिए किया गया था। इस हिंसा के तार 28 अप्रैल को नूहं के 14 गाँवों में हुई पुलिस रेड, 11 FIR और नूहं को साइबर ठगी का अड्डा बनाने वाले अपराधियों से जुड़ते नजर आ रहे हैं।
बता दें कि अप्रैल में नूहं में हुई साइबर सेल की कार्रवाई, भारत में अपनी तरह की अब तक की सबसे बड़ी छापेमारी थी। इसमें कुल 5,000 जवान और अधिकारी शामिल हुए थे और नूहं जिले के 14 गाँवों में अड्डा जमाए 320 साइबर अपराधियों के ठिकानों पर छापा मारा था। इसमें 100 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का खुलासा हुआ था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस छापेमारी के दौरान 126 लोग हिरासत में लिए गए थे, जिनमें से 66 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा, 25 साइबर अपराधियों को छापेमारी से पहले और बाद की अवधि में गिरफ्तार किया गया थी।
इस दौरान हरियाणा पुलिस द्वारा 66 मोबाइल डिवाइस और 5 माइक्रो एटीएम मशीनों सहित बड़ी संख्या में आईटी डिवाइस जब्त किए गए। इसमें 739 फर्जी सिम कार्ड, 307 फर्जी बैंक खाते और 199 यूपीआई हैंडल के विवरण सहित कई फर्जी दस्तावेजों बरामद हुए थे।
इस मामले में बिछौर और पुन्हाना थाने में 29 अप्रैल को 11 FIR दर्ज हुई थी। इन सभी FIR से संबंधित इन्वेस्टिगेशन नूहं साइबर पुलिस स्टेशन में की जा रही थी। इसलिए इन मामलों के ज्यादातर रिकॉर्ड नूहं के इसी साइबर थाने में रखा हुआ था।
3 थाने छोड़कर दंगाई मुस्लिम भीड़ ने आखिर साइबर थाना ही क्यों जलाया
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, साइबर थाने पर हमला कैसे सुनियोजित था इसके सबूत इस बात से भी मिलते हैं कि दंगाई भीड़ ने 3 पुलिस थानों को छोड़कर 2 किलोमीटर उल्टी दिशा में जाकर साइबर थाने पर हमला किया।
दरअसल, 31 जुलाई को नूहं के नल्हड़ शिव मंदिर से ब्रज मंडल शोभा यात्रा शुरू हुई। जिन पर दंगाइयों ने सबसे पहले हमला तिरंगा पार्क के पास किया। यही वो जगह है, जहाँ मुस्लिम दंगाई भीड़ ने श्रद्धालुओं पर पथराव किया। पथराव के बाद हिंसा शुरू हो गई।
इसके बाद तिरंगा पार्क से सिर्फ 500 मीटर दूर नल्हड़ मेडिकल कॉलेज की तरफ जाने वाले रोड पर सिटी थाना, सदर थाना और महिला थाना है और दंगाई मुस्लिम भीड़ मेडिकल कॉलेज से होते हुए शिव मंदिर तक भी गई थी। ये भीड़ तीनों थानों के सामने से गुजरी, लेकिन किसी को कोई नुकसान नहीं पहुँचाया।
दंगाई भीड़ दोपहर 3 बजे तिरंगा पार्क से उलटी दिशा में करीब 2 किलोमीटर गे और नूहं की अनाज मंडी में पहुँचकर साइबर क्राइम थाने पर हमला कर दिया। साइबर थाने के CCTV फुटेज में भी साफ नजर आ रहा है कि दंगाइयों की भीड़ ने लूटी गई बस से पहले थाने के गेट को तोड़ने की कोशिश की और फिर बैक करके दीवार को टक्कर मारकर तोड़ दिया।
दंगाई भीड़ ने पुलिस पर चलाई गोलियाँ
मामले में दर्ज FIR के मुताबिक, दंगाइयों ने थाने में मौजूद पुलिस के जवानों पर अवैध हथियारों से फायरिंग की। बाहर खड़ी 10 गाड़ियों और एक बाइक में आग लगा दी। भीड़ पुलिसकर्मियों को जिन्दा जलाना चाहती थी। वहीं पुलिस ने भी अपने बचाव में जवाबी फायरिंग की, लेकिन दंगाई ज्यादा थे और पुलिस फ़ोर्स कम।
बता दें कि दंगाई भीड़ ने न सिर्फ थाने में आग लगाई, बल्कि कूलर, इन्वर्टर, बैटरी और पुलिसवालों के पैसे भी लूट ले गए। पुलिस के मुताबिक, दंगाइयों ने रिकॉर्ड जलाने की भी कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हुए। जवाबी कार्रवाई करने पर वे भाग गए। हमले के दौरान थाने में मौजूद PSI सूरज के मुताबिक, दंगाइयों से बचने के लिए पुलिस ने भी 115 राउंड फायर किए।
गौरतलब है कि दंगाई भीड़ ने जिस तरह तिरंगा पार्क के पास 3 थानों को छोड़कर 2 किमी दूर जाकर साइबर थाना जलाया, इससे शक और बढ़ जाता है कि नूहं का यह दंगा सुनियोजित था। वहीं हमले की FIR में थाने में मौजूद पुलिसवालों ने भी बताया है कि भारी संख्या में अटैक करने वाली दंगाई भीड़ रिकॉर्ड लूटने की कोशिश में थी।