Friday, November 22, 2024
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ओडिशा ट्रेन दुर्घटना में अनाथ हुए जो बच्चे, अडानी समूह उठाएगा उनकी स्कूली पढ़ाई-लिखाई का जिम्मा: खुद गौतम अडानी ने किया ऐलान

विषम परिस्थिति में अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी आगे आए हैं। उन्होंने माता-पिता खोने वाले बच्चों की स्कूली शिक्षा की जिम्मेदारी उठाने की बात कही है।

ओडिशा के बालासोर में हुई भीषण दुर्घटना में 275 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, इस घटना में करीब 900 लोग घायल बताए जा रहे हैं। वहीं, इस खौफनाक हादसे में कुछ लोगों ने अपने माँ-बाप तक खो दिए हैं। ऐसी विषम परिस्थिति में अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी आगे आए हैं। उन्होंने माता-पिता खोने वाले बच्चों की स्कूली शिक्षा की जिम्मेदारी उठाने की बात कही है।

दरअसल, गौतम अडानी ने रविवार (4 जून, 2023) को ट्वीट कर इस रेल दुर्घटना पर दुःख जताया है। साथ ही उन्होंने लिखा है, “ओडिशा की रेल दुर्घटना से हम सभी बेहद व्यथित हैं। हमने फैसला लिया है कि जिन मासूमों ने इस हादसे में अपने अभिभावकों को खोया है उनकी स्कूली शिक्षा की जिम्मेदारी अडानी समूह उठाएगा। पीड़ितों एवं उनके परिजनों को संबल और बच्चों को बेहतर कल मिले यह हम सभी की संयुक्त जिम्मेदारी है।”

बता दें कि शुक्रवार (2, जून 2023) शाम करीब 6:55 मिनट पर ओडिशा के बालासोर जिले के महानगा गाँव के पास कोरोमंडल एक्सप्रेस पटरियों से उतर गई थी। इसके बाद वह ट्रेन लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। मालगाड़ी से टक्कर होने के बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे बगल वाली पटरी पर चले गए। इस पटरी पर दूसरी दिशा से यशवंतपुर-हावड़ा सुपरफास्ट ट्रेन आ गई और कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बों में जाकर टकरा गई। 

इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव बना हादसे की वजह…

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार (4, जून 2023) को एएनआई से हुई बातचीत में कहा है कि इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग में बदलाव के कारण यह हादसा हुआ। रेलवे कमिश्नर ने इस पूरे मामले की जाँच की है। जाँच रिपोर्ट सामने आने के बाद सारी चीजें स्पष्ट हो जाएँगीं। जाँच रिपोर्ट के बाद हादसे के आरोपित भी सामने आ जाएँगे।

ज्ञात हो कि इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम के माध्यम से ट्रेन का ट्रैक तय किया जाता है। सीधे शब्दों में कहें तो ट्रेन किस पटरी से जाएगी और कहाँ उसकी पटरियों में बदलाव होगा इसको लेकर सिग्नल देना वाला सिस्टम इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम कहलाता है। इस सिस्टम का उद्देश्य यह है कि किसी भी ट्रेन को तब तक आगे बढ़ने नहीं दिया जाता, जब तक इस बात की पुष्टि न हो जाए कि आगे की पटरियाँ या रास्ता पूरी तरह सुरक्षित है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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