देश में किसी भी सुधार का बड़े पैमाने पर विरोध होता रहा है। अब जब केंद्र की मोदी सरकार चुनाव सुधार के तहत वन नेशन, वन इलेक्शन की बात कर रही है तो विरोधी दल संविधान का खतरा और समय से पहले चुनाव जैसे तर्क गिना रहे हैं। हालाँकि, मोदी सरकार के प्रवक्ता अनुराग सिंह ठाकुर ने स्पष्ट कर दिया है कि समय से पहले या बाद में चुनाव कराने की सरकार की कोई मंशा नहीं है।
केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा है कि केंद्र सरकार की समय से पहले या बाद में आम चुनाव कराने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने कार्यकाल के आखिरी दिन तक भारत के नागरिकों की सेवा करते रहेंगे।
इंडिया टुडे के साथ विशेष साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि अभी होने वाले विधानसभा चुनावों को संसदीय चुनाव के साथ कराने के लिए उनमें देरी करने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने चुनावों को समय से पहले या बाद में कराए जाने की अटकलों को पूरी तरह खारिज कर दिया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ने एक देश, एक चुनाव को लेकर एक समिति गठित की है। समिति अपनी रिपोर्ट देने से पहले इसके सभी हितधारकों से गहन विचार-विमर्श करेगी। उन्होंने कहा, “सरकार चाहती है कि अधीर रंजन चौधरी इस कमेटी का हिस्सा बनें। विपक्ष की आवाज को शामिल करना मोदी सरकार की विशाल हृदयता को दर्शाता है।”
दरअसल, ‘एक देश-एक चुनाव’ पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनाई गई कमिटी में 8 सदस्य हैं। इसमें कॉन्ग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी को भी शामिल किया गया था। हालाँकि, चौधरी ने समिति में शामिल होने से इनकार कर दिया है। चौधरी ने कहा कि राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को समिति का हिस्सा नहीं बनाना समझ से परे है।
अनुराग ठाकुर ने यह भी संकेत दिया कि 18 सितंबर 2023 से शुरू होने वाले संसद के विशेष सत्र के लिए सरकार की बड़ी योजनाएँ हैं। हालाँकि, उन्होंने सत्र के एजेंडे का खुलासा नहीं किया। अनुराग ठाकुर ने कहा कि समय आने पर संसदीय कार्य मंत्री इसके बारे में जानकारी देंगे।
बता दें कि विपक्षी दल केंद्र सरकार द्वारा की गई ‘एक देश, एक चुनाव’ समिति की घोषणा के बाद सियासी घमासान मच गया है। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार सत्ता में बने रहने के लिए ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का उपयोग कर रही है। हालाँकि, सरकार ने इससे इंकार किया है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. की मुंबई में खत्म हुई बैठक के तुरंत बाद केेंद्र द्वारा समय से पहले चुनाव कराने की आशंका जाहिर की। उन्होंने कहा, “हम लोगों को बहुत तेजी से काम करना है। केंद्र वाला तो पहले भी चुनाव करा सकता है।” उन्होंने कहा कि भाजपा-संघ वाले देश का इतिहास बदलना चाहते हैं।
उन्होंने आगे कहा, “लोकसभा का सत्र बुलाया जा रहा है तो इसका मतलब समझ रहे हैं न? इसके बाद का मतलब है कि जल्दी ही चुनाव कराना है। 2020 में जनगणना होनी थी, लेकिन नहीं हुई। जाति आधारित गणना नहीं कराते अलग बात है, लेकिन तीन साल ज्यादा हो गया जनगणना का। इन सब चीजों को सदन में रखा जाएगा कि क्यों नहीं हुआ अभी तक।”
वहीं, कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी ने कहा, “‘एक देश-एक चुनाव’ का विचार भारतीय संघ और इसके सभी राज्यों पर हमला है।” उधर, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भाजपा ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ का नया शिगूफा छोड़ा है। इससे आम आदमी को कुछ हासिल नहीं होगा। क्षेत्रीय पार्टियों ने भी इसका विरोध किया है।