Monday, December 23, 2024
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1 वीडियो, 1 पत्र, जंग लगी केबल और 141 (47 बच्चे) मौतें: कोर्ट में ओरेवा के मैनेजर ने मोरबी पुल हादसे को बताया- भगवान की इच्छा

हादसे का एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में कई लोगों को पुल के टूटे हिस्से में बँधी रस्सी के सहारे लटके हुए देखा जा सकता है। ये लोग अपनी जान बचाने के लिए मदद की गुहार लगा रहे हैं। चारों तरफ लोगों के चीखने की आवाज सुनाई दे रही है।

गुजरात के मोरबी में सस्पेंशन ब्रिज का रखरखाव ठीक तरीके से नहीं हो रहा था। मोरबी पुल हादसे की जाँच कर रहे DSP पीए झाला का यह मानना है। उन्होंने स्थानीय अदालत को बताया है कि पुल के केबल में जंग लगी हुई थी। वहीं इस पुल का रखरखाव करने वाली कंपनी ओरेवा के मैनेजर ने कोर्ट में हादसे को ‘भगवान की इच्छा’ बताया है।

मोरबी में 30 अक्टूबर 2022 को ब्रिज टूट गया था। हादसे में अब तक 141 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट औश्र एडिशनल सीनियर सिविल जज एमजे खान की अदालत को दीपक पारेख ने बताया कि भगवान की इच्छा से इतना दुर्भाग्यपूर्ण हादसा हुआ है। पारेख उन नौ लोगों में एक हैं जिन्हें इस हादसे के बाद गिरफ्तार किया गया है।

हादसे का एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में कई लोगों को पुल के टूटे हिस्से में बँधी रस्सी के सहारे लटके हुए देखा जा सकता है। ये लोग अपनी जान बचाने के लिए मदद की गुहार लगा रहे हैं। चारों तरफ लोगों के चीखने की आवाज सुनाई दे रही है।

मोरबी हादसे में अब तक 141 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें 16 साल से कम उम्र के 47 बच्चों के मरने की पुष्टि की गई है। इनमें 31 लड़के और 16 लड़कियाँ शामिल हैं। मरने वालों में सबसे कम उम्र की दो साल की बच्ची दुरुकु झाला है। स्थानीय अस्पताल के मुताबिक, मृतकों में 58 पुरुष और 27 महिलाएँ हैं। पुल पर हादसे से ठीक पहले का वीडियो भी सामने आ चुका है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट से पुल हादसे की न्यायिक जाँच की माँग की गई है। इस पर अदालत 14 नवंबर 2022 को सुनवाई करेगी। पुल का रखरखाव करने वाली ओरेवा कंपनी के 2 मैनेजर, ब्रिज की रिपेयरिंग करने वाले दो कॉन्ट्रैक्टर, दो टिकट क्लर्क और तीन सिक्योरिटी गार्ड्स को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, मोरबी हादसे को देखते हुए अहमदाबाद के अटल ब्रिज के लिए अलर्ट जारी किया गया है। यहाँ 1 घंटे में 3,000 लोग ही जा सकेंगे, जबकि इसे बनाने वाली कंपनी ने दावा किया है कि ब्रिज की क्षमता 12 हजार है।

ओरेवा ग्रुप स्थायी अनुबंध की माँग पर अड़ा था

पुल के रखरखाव और मरम्मत का काम देखने वाली ओरेवा कंपनी का जनवरी, 2020 का एक पत्र सामने आया है। यह पत्र ओरेवा ग्रुप ने मोरबी के जिला कलेक्टर को जनवरी 2020 में लिखा था। पत्र में कहा गया है, “हम केवल अस्थायी मरम्मत करके पुल को फिर से खोल रहे हैं।” हालाँकि इस पत्र में ऐसी चीजें सामने आई हैं, जिनसे पता चलता है कि पुल के ठेके को लेकर कंपनी ने अपनी शर्तें रखी थीं। पत्र से पता चलता है कि ओरेवा ग्रुप पुल के रखरखाव के लिए एक स्थायी अनुबंध चाहता था। समूह ने कहा था कि जब तक उन्हें स्थायी ठेका नहीं दिया जाता, तब तक वे पुल पर अस्थायी मरम्मत का काम ही करते रहेंगे। इसमें यह भी कहा गया है कि ओरेवा फर्म पुल की मरम्मत के लिए सामग्री का ऑर्डर नहीं देगी और वे अपनी माँग पूरी होने के बाद ही पूरा काम करेंगे।

इन लापरवाहियों के बाद भी जिला प्रशासन की ओर से ओरेवा ग्रुप को ही स्थायी टेंडर दिया गया। जनवरी 2020 में जारी पत्र के बाद भी पुल के संचालन और इसके रखरखाव के लिए 15 साल के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे। मार्च 2022 में मोरबी नगर निगम और अजंता ओरेवा कंपनी के बीच अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए थे और यह 2037 तक वैध था।

पुल की मरम्मत पर काम नहीं हुआ

मोरबी के पुलिस उपाधीक्षक पीए झाला ल ढहने के मामले की जाँच कर रहे हैं। उन्होंने मंगलवार 1 नंवबर को एक स्थानीय अदालत को बताया कि पुल की केबल में जंग लगा हुआ था। इसकी ठीक ढ़ंग से मरम्मत भी नहीं की गई थी। अगर केबल की मरम्मत की गई होती, तो यह घटना नहीं हुई होती।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने मंगलवार (1 नवंबर, 2022) को गुजरात के मोरबी पहुँचकर अस्पताल में घायल लोगों से मुलाकात की और उनका हालचाल जाना। इस दौरान पीएम मोदी ने मोरबी में चल रहे रेस्क्यू अभियान की भी जानकारी ली। इसके अलावा पीएम मोदी ने मोरबी हादसे पर हाई लेवल मीटिंग की। मीटिंग में उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस मामले की एक विस्तृत जाँच होनी चाहिए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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